गरीबी की मार हर किसी को तोड़ देती है। गरीबी में जलता है किसी का सपना, किसी का हौसला तो किसी का हुनर। परन्तु हमारे यहां ऐसे भी लोग हैं जो गरीबी को मात देकर तथा जिंदगी में आए विषम परिस्थितियों का डंटकर सामना करते हैं और सफलता की ऐसी इबारत लिखते हैं जिसे हर कोई याद रखता है और उससे प्रेरणा लेता है।
आज हम आपको इस लेख द्वारा एक ऐसी लड़की के विषय में बताएंगे जिनके पिता फुटपाथ पर टोपी बेचते हैं ताकि उनका आजीविका चल सके। वहीं उनकी बेटी इस गरीबी से लड़ते हुए ऐसा कार्य करती है जिसे हर कोई प्रेरणा लेकर आगे बढ़े। फुटपाथ पर टोपी बेचने वाले की बेटी ने 12वीं के एग्जाम में 97 फीसदी के करीब मार्क्स लाकर अपने पिता का सीना चौड़ा कर दिया है। -12th topper Simran From Ranchi
चलिए जानते हैं उस प्रतिभावान लड़की के बारे में….
दरअसल ये किस्सा रांची (Ranchi) का है। जहां के उर्सुलाइन कान्वेंट गर्ल्स स्कूल (Ursuline convent girls high school) की एक छात्रा ने 12 वीं के एग्जाम में अच्छे मार्क्स लाकर स्कूल में टॉप हुई है। इसके साथ वह टॉप टेन की लिस्ट में सबसे पहले यानी प्रथम स्थान लाई है। वह लड़की हैं सिमरन (Simran) जिन्होंने कुल 478 नम्बर लाए हैं। -12th topper Simran From Ranchi
रांची टॉपर सिमरन
96.6 फीसदी मार्क्स लाने वाली सिमरन किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। उन्हें यहां का हर व्यक्ति जनता है क्योंकि उन्होंने गरीबी को मात देकर सफलता हासिल की है। स्कूल टॉपर रही सिमरन अपने राज्य की टॉप टेन एग्जामिनर की लिस्ट में शामिल है। उनके इस सफलता से उनके घर पर खुशी का माहौल बना हुआ है। -12th topper Simran From Ranchi
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आजीविका के लिए पिता बेचते हैं टोपी
सिमरन के पिता का नाम जशिम अख्तर है जो आजीविका के लिए फुटपाथ पर टोपी बेचने का कार्य करते हैं। सिमरन बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज तर्रार थी परंतु अपने घर की आर्थिक स्थिति को देखकर उन्हें बुरा भी लगता था। इसलिए वह एक सफल व्यक्ति बनना चाहती थी ताकि अपने परिवार की वह मदद कर सकें। -12th topper Simran From Ranchi
किया विषय परिस्थितियों का सामना
उनकी जिंदगी अच्छी खासी गुजर गई थी और बच्चों की पढ़ाई भी अच्छी तरह चल रही थी। इसी बीच कोरोना का कहर आया और उनके जीवन में तकलीफ अधिक बढ़ गई। लॉकडाउन के कारण हर चीजें बंद हो गई जिस कारण उनके पिता का टोपी बेचने का काम भी बंद पड़ गया। परंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और जैसे-तैसे करके बेटियों को पढ़ाने का कार्य जारी रखा। सिमरन की मां का नाम इशरत जहां है और वह कहती हैं कि मेरी बेटियों में इतना हुनर है कि वह सिर्फ हमारे राज्य नहीं बल्कि पूरे देश का नाम गौरवान्वित करेंगी। -12th topper Simran From Ranchi
10 वीं में किया है अच्छा प्रदर्शन
सिमरन की एक और बहन है जिनका नाम अरफा है और वह ग्रेजुएशन के बाद पीजी कर रही है। जब वह अपनी बहन के बारे में सुनी तो वह रिजल्ट देखने स्कूल गई और यहां वह इसे देखकर काफी खुश हुई। आरफा ने यह बताया था मुझे उम्मीद थी कि मेरी बहन टॉप करेगी क्योंकि उसने 10वीं में भी अच्छा प्रदर्शन कर टॉप श्रेणी में अपना नाम दर्ज कराया था। -12th topper Simran From Ranchi
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दसवीं की पढ़ाई के बाद सिमरन यह चाहती थी कि वह सीबीएसई स्कूल में पढ़ाई करें परंतु घर की आर्थिक स्थिति को मद्देनजर रखते हुए उन्होंने और उर्सुलाइन स्कूल में दाखिला लिया और यहीं से पढ़ाई की। क्योंकि वह जानती थी कि उनके पिता के पास प्राइवेट स्कूल में फीस भरने के लिए पैसे नहीं होंगे इसीलिए अपने परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पढ़ाई को जारी रखा और सफलता हासिल कर अपने पिता को गौरवान्वित किया। -12th topper Simran From Ranchi
गरीबी से लड़ते हुए पढ़ाई में हमेशा अव्वल दर्जा प्राप्त कर लोगों के लिए उदाहरण बनने तथा 12वीं में टॉप रैंक लाने की The Logically सिमरन को बधाई देता है और उनके उज्वल भविष्य की कामना करता है। –12th topper Simran From Ranchi