Tuesday, December 12, 2023

110 से भी अधिक बार कर चुके हैं रक्तदान, और लगभग 500 लावारिश लाशों का किये अंतिम संस्कार: मानवसेवा के लिए समर्पित जीवन

दान में सबसे अहम रक्तान को माना गया है। अक्सर हमें यह सीख दी जाती है कि रक्तदान से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। लेकिन इस बात का वास्तव में एहसास तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है।

भले हम आज शिक्षि‍त व सभ्य समाज के नागरिक है, लेकिन फिर भी रक्तदान को लेकर लोगों में कई मिथ्य है। तमाम प्रचार-प्रसार और जागरूकता अभियान के बावजूद आज भी बहुत से लोगों के दिलोदिमाग में रक्तदान को लेकर कुछ गलत धारणाएं हैं, जैसे रक्तदान करने से संक्रमण का खतरा रहता है, शरीर में कमजोरी आती है, बीमारियां शरीर को जकड़ सकती हैं या एचआईवी जैसी बीमारी हो सकती है।

ऐसे लोगों के लिए चंडीगढ़ के रहने वाले 54 वर्ष के विनय कौशल प्रेरणा के समान है। जिन्होंने अबतक कई बार रक्तदान और प्लाज्मा, प्लेटलेट्स डोनेट कर के यह साबित कर दिया कि नेक काम में कोई भी शारीरिक नुकसान नहीं होता है।

विनय कौशल

समाजिक सेवा के लिए सरकार ने किया सम्मान

1982 में NCC के कैम्प के दौरान विनय ने पहली बार ब्लड डोनेट किया था। उसके बाद से यह सिलसिला आज भी जारी है। वह अबतक 110 से भी ज्यादा बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं। 450 से भी ज्यादा प्लेटलेट्स, प्लाज्मा डोनेट किया और इसके अलावा तकरीबन 500 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करा चुके हैं।जिसके लिए 2006 में हरयाणा की मुख्यमंत्री आशा हुड्डा, हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी,मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायलय पंजाब हरियाणा, पद्मश्री आर के साबू, उन्हें सम्मानित कर चुके हैं। आज देश के कई कोनों में लोग विनय को उनके काम से जानते हैं। इसके अलावा कई सामाजिक संस्थाएं भी उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं।

विनय कौशल को कोरोना के समय सम्मानित किया गया

The logically से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि –

“इस कार्य के लिए मुझे कई सम्मान मिल चुके हैं जिसके मैं काबिल नहीं हूं। यह सब मेरे लिए कोई उपलब्धि नहीं है। पहले मेरे दोस्तों का समूह था हम सब मिलकर काम करते थे लेकिन अब सिर्फ मैं हूं। Covid 19 में जॉब भी चली गयी। लेकिन इस दौरान अपने कपड़े, बाइक तक बेच दी ताकि मानवसेवा निभा सकें।”

सरकार के तरफ से सम्मान प्राप्त करते विनय कौशल

नौकरी चली जाने के बाद भी जारी रखी समाजसेवा

फ्यूचर प्लान्स के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि आगे भी उनका जीवन मानवता को समर्पित होगा। साथ ही उन्होंने प्रण लिया है कि वह आजीवन मानवता की सेवा तन मन धन से करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि मानवासेवा के लिए “मैंने अपना पूरा शरीर भी समर्पित कर दिया है।” बता दें कि यह सेवा विनय अकेले ही कर रहे हैं उन्हें किसी भी संस्था या एनजीओ का सपोर्ट नहीं मिल रहा है। Covid 19 में नौकरी चली जाने के बाद भी उनके जज्बे ने कोई कमी नहीं आई है। बल्कि वह आगे इसी सेवाभाव से मनवसेवा करने के लिए तत्पर है।

कई सामाजिक संस्थाओं ने सम्मानित किया

क्यों रक्तदान होता है महादान ?

रक्तदान से नुकसान नहीं बल्कि हमें फायदा ही होता है। खून में थक्के जमने का डर नहीं होता है जिससे हार्ट अटैक की संभावना बेहद कम हो जाती है। रक्तदान के बाद शरीर में जो नए ब्लड सेल्स बनते हैं, उनमें किसी भी बीमारी से लड़ने की अधिक ताकत होती है और यह स्वच्छ व ताजा रक्त शरीर से टॉक्सिक चीजों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल और ब्लड सर्कुलेशन कंट्रोल रहता है। इससे हमें उन लोगों की दुवाएं मिलती है जिनका जीवन हमारे इस कदम से बच जाता है।

रक्तदान को लेकर समाज में कई गलत धारणा सुनने को मिलती है। जिस पर ध्यान न देते हुए हमें मानवता के प्रति एक कदम बढाते हुए रक्तदान जरूर करना चाहिए।
तमाम कठिनाइयों के बाद भी विनय कौशल इस साल अबतक 4 बार रक्तदान कर चुके हैं।

मानव सेव के इस अभूतपूर्व कार्य के लिए The logically उन्हें सलाम करता है और उम्मीद करता है की आगे उन्हें कई संस्थाओं और सरकार द्वारा सहायता प्राप्त हो ताकि वह और भी बेहतर तौर पर मानावसेवा में योगदान से सके।