हम सभी के लिए बिजली कितनी आवश्यक हो गई है, ये हम भली-भांति जानते हैं। बिजली की पूर्ति के लिए लोग सोलर पैनल एवं अन्य इनवर्टर जैसे यंत्रों का उपयोग करते हैं।
हालांकि हम सबके मन में यह प्रश्न रहता है कि जब ठंड के मौसम आते हैं या आसमान में घने बादल छा जाए, तो सोलर पैनल चार्ज नहीं होता। आपके इस प्रश्न का उत्तर इस लेख द्वारा मिल जाएगा।
सोलर पैनल में तराशा गया नया विकल्प
सोलर एनर्जी देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बिजली की जरूरत को पूरा करने का जरिया बना हुआ है। चाहे मौसम कितना भी खराब क्यों ना हो लेकिन एनर्जी की सप्लाई में कोई भी रुकावट नहीं आनी चाहिए, इसके लिए इसमें विकल्प को ढूंढा गया है।
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल से लाभ
इसे मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल के नाम से पहचाना जाता है, जो नॉर्मल पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल से भिन्न होता है। इसकी खास बात यह है कि सूरज की कम रोशनी में भी बिजली का उत्पादन बहुत ही आसानी के साथ हो सकता है। इसमें जो सेल लगें होते हैं, उनकी शुद्धता बेहतरीन होती है, जिस कारण ये अन्य सोलर के मामले प्रति वर्ग फुट से अधिक मात्रा में बिजली का उत्पादन करते हैं।
कम स्थान की होती है आवश्यकता
इसे रखने के लिए अन्य सोलर पैनल के अतिरिक्त 18% कम स्थान की आवश्यकता होती है एवं इसमें तार का भी कम उपयोग होता है।- solar panel works in monsoon weather
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आखिर किस तरह करता है ये कार्य?
मोनोक्रिस्टलाइन पैनल सूरज की रोशनी से बिजली का निर्माण करते हैं। इसमें जो सिलिकॉन के सेइमी लगे होते हैं, वे सूर्य की रौशनी से टकराते हैं और अधिक मात्रा में ऊर्जा प्राप्त करते हैं, जो अन्य सोलर पैनल नहीं कर पातें।
कर लेता है आसानी से ऊर्जा ग्रहण
यह कम रोशनी में अपने सेल में ऊर्जा ग्रहण करता है। यह कम धूप में भी बेहतरीन प्रदर्शन करता है, जिस कारण इसके सेल का रंग गहरा काला होता है। गहरे काले रंग के होने के कारण यह सूर्य की रोशनी को अपने तरह ज्यादा आकर्षित करता है और ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
कर सकते हैं घर के मेन सप्लाई से भी चार्ज
सोलर इनवर्टर कितनी देर तक हमें बिजली देगा, यह उसके सेल पर निर्भर करता है। यह इनवर्टर सूर्य की रोशनी की अतिरिक्त हमारे घर की मेन सप्लाई से भी चार्ज किया जा सकता है। जब खराब मौसम के कारण सोलर पैनल पर गंदगी जम जाए तो इस वक्त मेन सप्लाई का उपयोग कर सोलर पैनल को चार्ज करना चाहिए।
विश्व तक पूरी हो रही जरूरत
विश्व में सोलर इन्वर्टर का अविष्कार सबसे पहले टेस्ला ने किया था। हालांकि वर्ष 2000 में न्यू मैक्सिको के एल्ब्युक्यूरेक्य के सैंदिया लेबोरेट्रीज में साइंस्टिस्ट ने रेजिडेंशियल सोलर के तौर पर पहली बार में सफलता हासिल की और सोलर पैनल से ऊर्जा हासिल हुई।- solar panel works in monsoon weather