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कलयुग का श्रवण कुमार: 10 साल के बेटे ने पिता को ठेले पर लादकर भीख मांगी, फिर इलाज़ के लिए अस्पताल ले गया

10 साल से भी कम उम्र के तीन बच्चे जिन्होंने अपने पिता के इलाज के लिए ना सिर्फ भीख मांगकर पैसे जुटाए बल्कि उन्हें ठेले पर लादकर अस्पताल भी पहुंचाया। यह सुनकर आपका मन व्यथित होना लाजिमी है लेकिन यह सत्य घटना है जो बिहार के पटना में घटित हुई है।

दुनिया में लाख नकारात्मक चीजें होती रहें लेकिन उन सबके बीच सकारात्मक पहलू भी आते हीं रहते हैं। जहां एक ओर हर सुख-सुविधा से लैस होने के बावजूद बच्चे अपने अभिभावक से दूर हो जाते हैं या उन्हें दूर कर देते हैं वहीं दूसरी ओर गरीबी होने के बावजूद भी कुछ बच्चे अपने अभिभावक के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं।

आज आपको एक सच्ची घटना बताने जा रहे हैं जिसमें तीन बेहद छोटे-छोटे बच्चों ने अपने पिता के इलाज हेतु भीख मांगकर पैसे जुटाए अपने पिता को इलाज हेतु ठेले से अस्पताल ले गया। यदि हम उसे आज का श्रवण कुमार कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

Son begged for father treatment admits him in hospital in bihar

यह सच्ची घटना बिहार राज्य के राजधानी पटना की है। दिनेश कुमार नाम के एक शख्स ठेला चालक हैं जो हड़ताली मोड़ के पास एक झोपड़पट्टी में रहते हैं। कुछ दिन पूर्व नगर निगम की एक गाड़ी ने अनिसाबाद के पास उन्हें ठोकर मार दी थी जिसके कारण वे बेहोश हो गए थे और उनका एक पैर टूट गया था। जब दिनेश को होश आया तो वे एक अस्पताल में थे। डॉक्टर ने उनके पैर में कच्चा प्लास्टर करके छोड़ दिया था और उसके बाद डॉक्टरों का कहना था कि उनके पैर में रॉड लगाना पड़ेगा जिसका खर्च लगभग ₹70000 आएगा। दिनेश कुमार ने बताया कि “जब मुझे होश आया तब मेरे बड़े बेटे ने नगर निगम के ऑफिस भी ले गया जहां अधिकारी ने कहा कि जिस गाड़ी ने ठोकर मारी उसका नंबर दो, जब ठोकर लगने के बाद मैं बेहोश हो गया था तो मैं नंबर कहां से लाऊं”

आर्थिक स्थिति से बेहद कमजोर होने के कारण दिनेश के पास इतना पैसा नहीं था कि वे सटीक इलाज करवा पाएं। दिनेश कुमार को दो बेटा और एक बेटी है। उन तीनों की उम्र बेहद कम है। पिता की ऐसी हालत देखकर उन बच्चों से रहा नहीं गया और उन लोगों ने पटना की सड़कों पर अपने पिता के इलाज हेतु भीख मांगना शुरू कर दिया। कुछ पैसे जुटाकर वे अपने पिता को ठेले पर लादकर एक निजी अस्पताल ले गए।

उन बच्चों ने अपने पिता की दर्दनाक हालत देखकर जिस तरीके से अपने दम पर जो करने की कोशिश की है वह पिता-पुत्र के प्रेम की पराकाष्ठा है।

Summary: 10 years old son from bihar begged for treatment of his father and took him to the hospital by pulling thela(Cart)

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