पुराने समय में मिट्टी के बर्तनो का पुरज़ोर इस्तेमाल किया जाता था। आज भी समाज का एक बड़ा वर्ग जो की गावों में बसा हुआ है तथा भिन्न आदिवासी जातियों के लोग आज भी निरंतर मिट्टी के बर्तनो का उपयोग करते पाए जाते हैं। पर एक मिट्टी का बर्तन ऐसा है जिसका इस्तेमाल हर जगह होता है। हम बात कर रहे हैं ‘कुल्हड़’ की। (Kulhad Making Business)
आपने हर चाय और लस्सी की दुकान पर कुल्हड़ के बर्तन अवश्य देखे होंगे। कुल्हड़ की चाय तो सभी को पसंद आती है। इसकी चाय की खुशबू इतनी अच्छी होती है कि लोग इसके तरफ खूब आकर्षित होते हैं। यही कारण है कि आज के इस नवीन युग में कुल्हड़ की उपयोगिता बढ़ी है। ऐसे में कुल्हड़ का व्यापार (Kulhad Making Business) आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। आप मात्र 5 हजार रुपयों से कुल्हड़ के व्यापार की शुरुआत कर सकते हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में।
कुल्हड़ का व्यापार सस्ता
व्यापार शुरू करने के लिए वैसे तो ज्यादा बजट की जरूरत होती है, लेकिन ऐसे कई व्यापार हैं जो कम लागत के साथ भी शुरू किए जा सकते हैं। उसी में एक है कुल्हड़ का व्यापार। (Kulhad Making Business) यह आपके लिए काफी सस्ता साबित हो सकता है। इस व्यापार को मात्र 5 हजार रुपये से आप शुरू कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें :- गर्मी में लू से भी बचाएगा और वजन भी घटाएगा, देसी सत्तू के फायदे अचंभित कर देंगे
हर मौसम में कुल्हड़ की मांग
यह एक ऐसा व्यापार है, जिसकी हर मौसम (Weather) में जरूरत होती है और आने वाले दिनों में इसकी मांग बढ़ती जा रही है। क्योंकि लोग अब प्राकृतिक चीजों (Natural) से अधिक जुड़ना पसंद करते है। कुल्हड़ के व्यापार से पर्यावरण को लाभ (Profit) पहुँचता है। वहीं प्लास्टिक को छोड़कर लोग कुल्हड़ में चाय पीना अधिक पसंद करते हैं।
सरकार का भी सहयोग
सरकार (Government) भी पर्यावरण (environment) की सुरक्षा के लिए लगातार काम कर रही है और इसे सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्लास्टिक (Plastic) से बने कप और दूसरे सामान को सरकार बैन भी कर रही है। ऐसे में कागज और मिट्टी से बने कप की बाजार में मांग बढ़ती जा रही है। जिससे आप बस स्टेशन, रेलवे और बाजार (Bus stations, railways and markets) में चाय के लिए कुल्हड़ की उपयोग किया जाता है। आप कुल्हड़ बनाने का कारोबार शुरू कर सकते हैं और बने हुए प्रोडक्ट्स को बाजार में सप्लाई कर मुनाफा कमा सकते हैं।
कुम्हार सशक्तिकरण योजना की शुरुआत
कुल्हड़ के व्यापार (Kulhad Making Business) को आगे बढ़ाने के लिए सरकार भी आगे आ रही है। आप सरकार से मदद लेकर इस व्यापार को आगे बढ़ा सकते हैं। कुल्हड़ के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कुम्हार सशक्तिकरण (potter empowerment scheme) योजना की शुरुआत भी की गई है। जिसमें इस योजना के तहत आपको कुल्हड़ बनाने के लिए इलैक्ट्रानिक चाक (electronic chalk) उपलब्ध कराई जाएगी और इससे बने कुल्हड़ को आप बाजार में बेच भी सकते हैं।
यह भी पढ़ें :- पुराने जूतों से दौड़ लगाकर भारत के लिए Gold लाई Hima Das, गरीबी के आगे घुटने नही टेकी
कम खर्च में ज्यादा फायदा
आप मात्र पांच हजार रुपये खर्च करके कुल्हड़ के व्यापार (Kulhad Making Business) को कर सकते हैं। इससे आपको कम खर्च में अधिक फायदा होगा। अगर चाय के कुल्हड़ की बात करें, तो इसका भाव 50 रुपये सैकड़ा के आस पास रहता है। वहीं लस्सी के कुल्हड़ का भाव 150 रुपये सैकड़ा होता है। इसके अलावा प्याली 100 रुपये सैकड़ा मिल जाती है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह आपको प्रतिदिन कम से कम हजार रुपये कमाने का मौका तो अवश्य देगा।
सर्दियों में मांग अधिक
कुल्हड़ की बात करें तो इसकी मांग सर्दियों (winter) में काफी बढ़ जाती है। बाजार में कुल्हड़ वाले चाय खूब परोसे जाते हैं। इसमें बनी चाय सौंधी खुशबू (sweet scent) से लबरेज जो होती है। इस व्यापार के लिए आपको अधिक जगह की भी आवश्यकता नही पड़ेगी। कम जगह में भी यह व्यापार किया जा सकता है। कुल्हड़ पर्यवारण (Environment) को भी किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नही पहुँचाता है। इसलिए यह आपके लिए फायदेमंद व्यापार साबित होगा।
अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो,तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।