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ऑनलाइन डीजल बेचने के स्टार्टअप से करोड़ों की कम्पनी खड़ी करने की कहानी, पहले प्राइवेट कंपनी में तीनों दोस्त काम करते थे

दोस्ती के लिए हमलोगो ने बहुत सारे लोगों को जान की बाजी खेलते हुए देखा है। दरअसल, सही मायने मे देखा जाये तो दोस्ती का मतलब स्नेह और त्याग होता है। दोस्ती का यह बंधन सदियों से चलता आया है। प्रमाणस्वरूप हमने सदियो पुरानी भगवान श्री कृष्ण तथा उनके दोस्त सुदामा के मित्रता की कहानी सुनी ही है। वैसे ही आज हम बात करेंगे, नोएडा (Noida) के तीन ऐसे दोस्तों का, जिन्होंने साथ-साथ नौकरी की तथा एक ही कमरे मे तीनो रहा करते थे, फिर एक ही साथ तीनो ने किसी घटना से प्रेरित होकर स्टार्टअप योजना खोलने का प्लान किया और आज के समय में उन तीनो दोस्तों ने मिलकर अपनी स्टार्टअप योजना की शुरुआत की और वे लोग आज के समय मे ऑनलाइन डीजल का कारोबार कर लाखों की कमाई कर रहे तथा आज इनके कंपनी का सालाना टर्नओवर 100 करोड़ से ज्यादा है।

तो आइए जानते है, Noida के रहने तीनों दोस्तो की कामयाबी की कहानी।

Three friends made company papfuels

कौन है वह तीनो दोस्त?

हम बात कर रहे है, नोएडा (Noida) निवासी तीन दोस्त टिकेन्द्र (Tikendra), प्रतीक (Prateek )और संदीप (Sandeep) के बारे में, जो साथ-साथ एक ही रूम में रहते थे, एक ही कंपनी में नौकरी करते थे और बाद में एक साथ एक कारोबार शुरू कर तीनों ही सफल उद्यमी (Successful entrepreneur) बन गए। आज ये तीनों नोएडा बेस्ड स्टार्टअप चला रहे हैं और मिलकर लाखो की कमाई कर रहे हैं। ―The three friends of Noida started the startup together. In Today’s time, the annual turnover of his company is more than 100 crores.

कैसे आया ख्याल?

एक समय की बात है जब ये तीनों दोस्त एक दिन एक सफर पर निकले थे तो बीच रास्ते में उनलोगो की गाड़ी में तेल खत्म हो गया और दूर-दूर तक कोई पेट्रोल पंप नहीं था। उसी समय उन तीनो दोस्तो को यह महसूस हुआ कि कन्ही ऐसा होता कि हम जब चाहते, जहां चाहते, वहां पेट्रोल मिल जाता। उन तीनो दोस्तों ने यह बात को गम्भीरता से लेते हुए इसपे विचार किया और अन्ततः अपने मिशन मे कामयाब हुए।

कैसे शुरू हुआ स्टार्टअप कारोबार?

स्टार्टअप के बारे मे बातचीत करते हुए उसके फाउंडर टिकेन्द्र ने बताया कि, इस पर सबसे पहले वे लोग काफी रिसर्च किये। तीनो दोस्तो ने घर-घर जाकर लोगों से बात की और ऑनलाइन फीडबैक लिया। फीडबैक में पता चला कि, हर दूसरे आदमी ने यही कहा कि पेट्रोल-डीजल के लिए ऑनलाइन ऐप होना चाहिए। हालांकि, पेट्रोल-डीजल की ऑनलाइन डिलीवरी का कारोबार शुरू करना काफी रिस्की है। टिकेन्द्र बताते हैं कि, “वर्ष 2016 तक देश में पेट्रोल डिलीवरी की परमिशन नहीं थी। हाल ही में सरकार ने इसकी इजाजत दी है। उस वक्त हमारे सामने सिर्फ डीजल डिलीवरी ही एकमात्र विकल्प था। हमने डीजल की डिलीवरी पर ही काम शुरू कर दिया।” आपको बता दें कि, वर्ष 2015 में इन तीनो दोस्तों ने मिलकर (pepfuels.com) नाम से एक कंपनी की शुरुआत की थी, जो डोर-टू-डोर ऑनलाइन डीजल डिलीवरी (online diesel delivery) करती थी। ―The three friends of Noida started the startup together. In Today’s time, the annual turnover of his company is more than 100 crores.

सरकार से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप

उन तीनो दोस्तो का यह स्टार्टअप पेपफ्यूल डॉट कॉम (pepfuels.com) सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। पेपफ्यूल्स का इंडियन ऑयल के साथ थर्ड पार्टी एग्रीमेंट है। जिससे वह डोर टू डोर डिलीवरी के लिए है। खास बात यह है कि, इस ऐप पर ग्राहक ऑनलाइन या मैसेज के जरिए ऑर्डर कर सकते हैं। ―The three friends of Noida started the startup together. In Today’s time, the annual turnover of his company is more than 100 crores.

पेट्रोलियम कंपनियों से मिला सहयोग

कंपनी के एक अन्य फाउंडर संदीप बताते हैं कि, हमने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन , भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि , पेट्रोलियम प्रोसेस इंजीनियरिंग सर्विस जैसी तेल कंपनियों को अपना-अपना सुझाव भेजा था। साथ ही हमने अपने-अपने स्टार्टअप का आइडिया PMO को भी भेजा था। कुछ दिनों बाद ही हमें PMO से जवाब आ गया था। दूसटी तरफ फरीदाबाद स्थित इंडियन ऑयल की तरफ से भी हमें हमारे कारोबार का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी DPR सौंपने को कहा गया।” वे कहते हैं , उन्होंने अपने प्रोजेक्ट की DPR इंडियन ऑयल को भेजी। अप्रूवल मिलने के बाद उन्होंने अपना कारोबार शुरू कर दिया।

निधि बिहार की रहने वाली हैं, जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अभी बतौर शिक्षिका काम करती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही निधि को लिखने का शौक है, और वह समाजिक मुद्दों पर अपनी विचार लिखती हैं।

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