अगर लक्ष्य निर्धारण कर नियमित तौर पर पढ़ाई की जाए , तो कामयाबी अवश्य ही मिलती है। इस बात की उदाहरण 40 वर्षीय मुक्ता राव हैं। वे अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए लगातार पढ़ाई करते रहीं और आरएएस परीक्षा में टॉपर बनी। – success story of RPSC topper Mukta Rav
शादी को हुए 14 वर्ष
मुक्ता राव (Mukta Rav) चिड़ावा (Chirava) से नाता रखती हैं। उनकी शादी को 14 वर्ष हो चुके हैं और उनका 10 साल का बेटा भी है। उनकी आयु और 40 वर्ष की हो चुकी है लेकिन उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनुरूप ढंग से शिक्षा को जारी रखा और सफलता हासिल की। हालांकि उनके परिवार ने भी उनका काफी समर्थन किया, जिस कारण उन्होंने राजस्थान में टॉप स्थान प्राप्त किया है। – success story of RPSC topper Mukta Rav
10 वर्ष तक किया आईटी कम्पनी में कार्य
उन्होंने बताया कि लगभग 10 साल तक उन्होंने निजी सेक्टर में आईटी कंपनी में कार्य किया है। साल 2015 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और आरएएस की तैयारी प्रारंभ की। वर्ष 2016 में उन्होंने 848वीं स्थान प्राप्त किया। वे अपने बिजी शेड्यूल से वक्त निकालकर प्रतिदिन लगभग 5-6 घंटे पढ़ाई किया करती थी। – success story of RPSC topper Mukta Rav
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मिला अपनों का सपोर्ट
मुक्ता के पिता का नाम महेंद्र सिंह है और वे एक किसान हैं। वहीं उनकी मां का निधन हो चुका है। उनके पति का नाम मणिपाल है और वे विवि में कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के निर्देशक हैं। – success story of RPSC topper Mukta Rav
एमसीए में भी रही हैं टॉपर
मुक्ता ने अपनी शुरुआती शिक्षा चिड़ावा के डालमिया स्कूल से की है। इसके उपरांत उन्होंने कॉलेज चिड़ावा से बीएससी किया है। उन्होंने राजस्थान विवि से एमसीए किया है, जिसमें वे टॉप पर रही हैं। – success story of RPSC topper Mukta Rav
इसके अतिरिक्त झुंझुनूं के निखिल कुमार ने चौथा स्थान प्राप्त किया है। वहीं झुंझुनूं के दो बच्चे और जयपुर की तीन टॉपर लिस्ट में अपना स्थान बना पाए हैं। – success story of RPSC topper Mukta Rav
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