Wednesday, December 13, 2023

यह केवल ऑटो नही बल्कि एक गार्डन है, पौधों के साथ ही ऑटो में ही खरगोश और मछली तक पाले हैं

अक्सर लोग पैसा कमाने के लिए अपने गांव से बाहर शहरों में जा रहे हैं ताकि उनका परिवार खुशहाल जीवन व्यतीत कर सके। लेकिन यह बात सत्य है कि उन्हें गांव की यादें सताती है। शायद इसलिए ज्यादातर लोग अपने छत, बालकनियों या फिर अपने आंगन में पौधों को लगाकर उनके साथ गांव के जीवन का लुफ्त उठा रहे हैं। आज बात एक ऐसे शख्स के बारे बात करेंगे जिन्होंने एक नायाब कार्य कर पर्यावरण और प्रकृति से अपने प्रेम को प्रर्दशित किया है। आईए जानते हैं….

वैसे तो हम ऑटो-रिक्शा का जिक्र कहीं सुनेंगे तो बस एक ही ख्याल आता है कि कहीं यात्रा करने के दौरान हम इसकी मदद ले सकते हैं। लेकिन आज की कहानी ऐसे ऑटो रिक्शा चालक की है जो अपने रिक्शे में मिनी गार्डन बना कर रखे हैं।

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ऑटो-रिक्शा ड्राइवर सुजीत दिगल

कुछ व्यक्तियों को पेड़-पौधों, खेती करने, पशुपालन से बेहद लगा रहता है। वह हर संभव प्रयास करते हैं कि कहीं भी थोड़ी सी जगह में अपने कार्यों को पूरा कर खुद के मन को शांति दे। इन्हीं लोगों में से एक है उड़ीसा(Odisa) की राजधानी भुवनेश्वर(Bhubneswar) के रहने वाले ऑट-रिक्शा चालक(Auto-rikhsaw Driver) सुजीत दिगल(Sujit Digal) की। वैसे तो हमने बहुत से लोगों को देखा है जो अपने घर के बाहर बगीचा रखते हैं। लेकिन सुजीत तो अपने ऑटो रिक्शा में हीं बेहद नायाब ढंग से गार्डेनिंग की है। इन्होंने जो कार्य किया है वह उन सभी के लिए प्रेरणा है जो पशुओं से प्यार और पौधों की देखभाल करना चाहते हैं।


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सोशल मीडिया पर हो रहा है वायरल

सुजीत यह कार्य सोशल मीडिया पर सभी को बहुत हीं पसन्द आ रहा है। सुजीत का यह ऑटो-रिक्शा नॉर्मल नहीं बल्कि बहुत ही स्पेशल है। इन्होंने अपने गांव की याद में अपने ऑटो-रिक्शा को एक छोटे से गार्डन का रूप दिया है। इनके इस बगीचे में पेड़-पौधे नहीं बल्कि पशुएं भी हैं। जैसे मछली, खरगोश और पक्षी। इस गार्डन की वजह से लोगों का ध्यान इनके ऑटो की तरफ आकर्षित हो रहा है।

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गांव की आती थी याद इसलिए किया यह बेहतरीन कार्य

ANI न्यूज़ रिपोर्टर से बात कर हुए सुजीत ने बताया कि “मैं कंधमाल के गांव का निवासी हूं और मुझे मेरे गांव की याद आती है। इस शहर में रखते हुए मैं घुटन मसहूस करता हूँ। अभी मैं अपने गांव नही जा सकता इसलिए मैंने अपने ऑटो को इस तरह बनाया ताकि मुझे मेरे गांव का एहसास यहां हो सके। मेरे ऑटो में जो पौधे और पशु हैं यह मुझे मेरे गांव का अनुभव देते हैं”।

पौधों और पशुओं से प्रेम के लिए सुजीत ने जिस तरह नायाब कार्य किया है वह बहुत आकर्षक और सराहनीय है। The Logically Sujit दिगल जी की खूब प्रशंसा करता है।