Tuesday, December 12, 2023

12वी पास गांव की पहली छात्रा शांगवी ने पास किया NEET एग्जाम, डॉक्टर बन परिवार का नाम रौशन करना चाहती है

अक्सर देखा जाता है कि, लोग संसाधनों की कमी के वजह से अपनी मंजिल भूल जाते है, लेकिन कोयंबटूर की एक आदिवासी समुदाय से आने वाली आदिवासी छात्रा एम. शांगवी (M. Shangavi) ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (NEET Exam 2021) में दूसरे प्रयास में सफलता हासिल कर यह साबित कर दिया है कि अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लगन के साथ मेहनत की जाए तो सफलता एक न एक दिन कदम जरूर चूमती है।

कोरोना काल में हुई डाक्टर की कमी को किया महसूस

शांगवी (M. Shangavi) ऐसे समुदाय से आती है, जहां के लोगों को डॉक्टर बनना तो दूर की बात है, नर्स बनने तक का नहीं सोचते है। लेकिन कोरोना काल के दौरान हालात कुछ यूं बिगड़े कि शांगवी के मन में डॉक्टर बनने का ख्याल आ ही गया।

बता दें कि,कोरोना काल में अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के वजह से शांगवी ने अपने पिता को खो दिया और उसी दौरान इनकी मां की आंखों की रोशनी चली गई। परिवार पर संकट आते देख शांगवी ने यह तय कर लिया कि उसे एक काबिल डॉक्टर बनना है। अब वे अपनी समुदाय के 40 परिवार वाले गांव की पहली 12वीं पास छात्रा हैं, जिन्होंने डॉक्टर बनने को ठाना है।

Tribal girl m Shanghai passes neet exam

स्टेट बोर्ड की किताबें और एनजीओ से मदद लेकर की नीट परीक्षा की तैयारी

कोरोना काल के दौरान देश में बिगड़ती हालात और अस्पताल में डॉक्टर न होना एक लाचारी से कम नहीं थी। महज 19 साल की लड़की ने अस्पताल में घटी इस लाचारी को देखा तो उन्होंने ठान लिया कि उन्हें एक डॉक्टर बनना है और उसी समय से स्टेट बोर्ड की किताबें और एनजीओ से मदद लेकर नीट परीक्षा की तैयारी में जुट गईं।

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दूसरे प्रयास में मिली सफलता

मदुकराई में बसे मालासर आदिवासी समुदाय से आने वाली शांगवी ने अपने कठिन परिश्रम और जुनून के बदौलत दूसरे प्रयास में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में सफलता हासिल की है, जिसमें उन्होंने कुल 202 अंक प्राप्त किया है।

बता दें कि ,अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों का कट ऑफ 108 से 137 के बीच में है, लेकिन शागंवी ने 202 अंक प्राप्त हुए है। जिससे अब उनको अच्छे सरकारी कॉलेज में दाखिला मिलेगी।

Tribal girl m Shanghai passes neet exam

सामुदायिक प्रमाण पत्र बनाने के लिए खानी पड़ी दर-दर की ठोकरें

विपरीत हालातों में अपने लक्ष्य को निर्धारण करने वाली शागंवी (M. Shangavi) को सामुदायिक प्रमाण पत्र बनाने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी थी। डीएम के हस्तक्षेप के बाद उन्हें बाद में प्रमाण पत्र मिला था।

लोगों के लिए बनी प्रेरणा

शागंवी (M. Shangavi) की यह कामयाबी की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा बनी हुई है, जो मेहनत करने के बजाय हालातों को देखकर अपने लक्ष्य का निर्धारण करते है।