Home Uncategorized

अपनी जान जोखिम में डालकर 12 साल के बच्चे ने बचाई नन्हे हिरण की जान: पेश किया इंसानियत का मिसाल

कुछ तस्वीरें ऐसी होती है जो दिल में गर कर जाती हैं। एक झलक में जीवन की वास्तविकता का एहसास दिलाने वाली ये तस्वीर 2015 में खींची गई थी। उन दिनों वाइल्ड लाईफ फोटोग्राफर हसीबुल वाहाब (Wildlife photographer Hasibul Wahab) बांग्लादेश टूर (Bangladesh tour) पर थे। बेशक उन्होंने जो दृश्य अपने कैमरे में कैद किया वह काबिले तारीफ है। लेकिन उससे भी ज्यादा खूबसूरत और सराहनीय है सोच! वह सोच जो स्वार्थ और लोभ के परे है।

फिल्म बाहुबली का वो सीन तो याद ही होगा

फिल्म ‘बाहुबली’ का वह सीन तो आपने देखा ही होगा जब राजमाता नवजात बाहुबली (Film Bahubali) को बचाने के लिए उफनती नदी में कूद पड़ती हैं। नदी का पानी राजमाता शिवगामी के सिर के ऊपर तक पहुंच जाता है लेकिन वे एक हाथ से बच्चे को सिर के ऊपर उठाए रहती हैं। अंत में राजमाता तो मर जाती हैं लेकिन बच्चे की जान बच जाती है। कुछ ऐसा ही दृश्य इस तस्वीर (Wildlife photography) में भी देखने को मिला।

 boy saved drowning baby deer i

बेलाल ने जान की परवाह किए बिना नदी में लगाई छलांग

उस समय बाढ़ (Flood in Bangladesh 2015) आने के कारण नदी उफान पर थी। तेज धाराओं के बीच हिरण का बच्चा बहता चला जा रहा था। उफनती नदी के बीच कोई भी उसे बचाने के लिए जान जोखिम में डालने के लिए तैयार नहीं था। लेकिन 12 साल के बेलाल (Belal saved baby deer) ने बिना सोचे समझे नदी में छलांग लगा दी। कुछ देर के लिए सबका कलेजा मुंह में आ गया। अब एक नहीं दो जिंदगियां संकट में थी।

यह भी पढ़ें :- 8 घंटे 40 मिनट में तैरकर वर्ली से गेटवे ऑफ इंडिया तक पहुंची 12 साल की जिया राय, पीएम भी हुए मुरीद

नन्हे हिरण की फिल्मी अंदाज में बचाई जान

बेलाल ने हिरण के बच्चे को एक हाथ से उठा लिया। वह पूरी तरह नदी में डूब चुका था। नदी का पानी उसके सिर के ऊपर से बह रहा था लेकिन हिरण को सिर के ऊपर सुरक्षित तरीके से उठा रखा था। कहते है न ‘जाको राखे साईयां मार सके न कोय’ कुछ ही देर में बेलाल का सिर दिखने लगा और वह हिरण को लेकर किनारे तक अा गया।

मंजर को देखकर सभी ने दांतों तले उंगलियां दबा ली

लोगों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। चारों ओर लोग बेलाल की वाहवाही कर रहे थे। शायद वह हिरण भी मन ही मन बेलाल को कितनी दुआएं दे रहा होगा। हसीबुल ने Mail Online को बताया कि “बरसात के दिनों में यहां इसी तरह कई हिरन मर जाया करते हैं। यहां के क्षेत्रीय निवासी हिरनों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं।” हसीबुल के अनुसार बेलाल की दिलेरी देखने लायक थी। एक पल के लिए तो उन्हें भी लगा कि वह तेज़ धारा में डूब जाएगा। लेकिन नन्हे हिरण को बाद में परिवार से मिलते हुए देख बेलाल की दिलेरी ने सारा डर खत्म कर दिया।

Exit mobile version