बचपन से ही आपने फिल्मों या किताबों में देखा व सुना होगा कि जिंदगी देने से जिंदगी बचाने वाला ज़्यादा बड़ा होता है। ये कथ्य कोई कल्पना मात्र नही बल्कि जीवन का यथार्थ है। अगर बाहरी देशों की बात करे तो वहां की शानों-शौकत, पैसा और एश्वर्य देखकर हर कोई ये सोचने को मजबूर हो जाता है कि यहां के लोग कितने सुखी व समृद्ध हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नही है, विदशों में भी एक बड़ी आबादी ऐसी है जो सर पर छत न होने की वजह से फुटपाथों पर सर्दी भरी रातें गुज़ारने को मजबूर है। वहां भी सड़कों पर सोने की वजह से कई लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसे लोगों के लिए सर्दियों का समय बिताना खासतौर पर काफी कठिन हो जाता है।
असमर्थ लोगों की इन्ही मजबूरियों और तंग हालातों को भापंते हुए जर्मनी की एक टीम (German Team) मसीहा बनकर सामने आई है जिसने जर्मनी स्थित उल्म शहर (Ulm city in Germany) में रात के समय आपातकालीन आश्रयों (emergency shelters) का निर्माण करके बेघर लोगों के लिए स्लीपिंग पॉड्स (Sleeping Pods) स्थापित करते हुए उन्हे ‘उल्स्टर नेस्टस्’ (Ulster Nests) का नाम दिया है।
उल्म शहर के छह व्यवसायियों ने मिलकर तैयार किये है ये स्लीपिंग पॉड्स
वर्तमान में जर्मनी में बेघर लोगों को रात के समय ‘उल्स्टर नेस्टस्’ (Ulster Nests) के नाम से आपातकालीन आश्रय प्रदान करने की दिशा में छह लोगों की एक टीम काम कर रही है जिसमें सभी व्यवसायी(Businessmen) हैं और ये सभी छह लोग डिज़ायनिंग और उत्पादों को विकसित(Designing and Development of Products) करने के क्षेत्र में विस्तृत ज्ञान रखते हैं। साल 2018 में यह टीम स्लीपिंग कैप्सूल (Sleeping Capsules) के आयडिया के संबंध में भी काम कर चुकी है।
इस साल 8 जनवरी को स्थापित किये गये हैं ‘Ulster Nests’ स्लीपिंग पॉड्स
BBC UK की एक रिपोर्ट के मुताबिक – “ जर्मनी की सर्द रातों में बेघरों को सहारा देने के लिए म्यूनिख से लगभग 75 मील पश्चिम में स्थित शहर उल्म में ये स्लीपिंग पॉड्स अधिकारियों द्वारा पार्क व अन्य खुली जगहों पर स्थापित किये गये हैं”
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पिछली सर्दियों में किया गया था ‘Ulster Nests’ स्लीपिंग पॉड्स का परिक्षण
पॉड्स की गुणवत्ता और इसकी उपयोगिता को जाननें के लिए पिछले साल सर्दियों में उल्म की इस टीम नें खुले में इन स्लीपिंग पॉड्स का परीक्षण किया था। तब से लेकर अभी तक पॉड्स की उपयोगिता को बढ़ाने के लिए इनमें कई बदलाव किये जा चुके हैं।
स्लीपिंग पॉड्स को बेहतर बनाने संबंधी अन्य प्रयासों पर भी जारी है काम
BBC UK से हुई बात में Ulster Nests के निर्माताओं का कहना है कि – “वैसे तो स्लीपिंग पॉड्स उपलब्ध कराने के बाद से उसके कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं लेकिन ये पॉड्स अभी भी परीक्षण की शुरुआती अवस्था में है, इन्हे और अधिक बेहतर बनाने के लिए हमारे टीम मेंमबर्स प्रयास कर रहे हैं”
वातानुकूलित Ulster Nests स्टील और लकड़ी से बने हैं
उल्म टीम के ये स्लीपिंग पॉड्स जिन्हें Ulster Nests नाम दिया गया है पूरी तरह से वातानुकूलित हैं। दो लोगों के रहने की क्षमता लिये ये नेस्टस् बारिश, ठंड और सूखी हवाओं से बचाने में पूरी तरह से सक्षम हैं। स्टील और लकड़ी से निर्मित ये घोंसले वाटरप्रूफ और पवन रोधी यानि विंडप्रूफ हैं।
सौर पैनल से जोड़े गये हैं ये स्लीपिंग पॉड्स
क्योंकि जर्मनी के उल्म शहर का तापमान अचानक ही काफी कम हो जाता है इसलिए एकदम से इन स्लीपिंग पॉड्स को शेल्टर के विकल्प के रुप में अपनाना आसान नही था। इसी के मद्देनज़र इन पॉड्स को सोलर पैनलों के साथ फिट किया गया है और अब ये पॉड्स पूरी तरह से बेघर लोगों के सामान और उनके अपनों को एक सुरक्षापूर्ण कमरे के रुप में उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
इलैक्ट्रानिक वेरिफिकेशन सिस्टम से लैस हैं Ulster Nests स्लीपिंग पॉड्स
इलैक्ट्रानिक वेरिफिकेशन सिस्टम से लैस Ulster Nests पॉड्स का निर्माण सेंसर बेस्ड टैक्नोलॉजी के आधार पर किया गया है जो तापमान, आर्द्रता, धुएं और कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को माप सकते हैं ताकि पॉड्स को अंदर से बंद कर लेने की स्थिति में किसी दुर्घटना की संभावना न रहे।
Ulster Nests में मिलती है आश्रितों को पूरी सुरक्षा
आश्रितों की प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए स्लीपिंग पॉड्स में कैमरे नही लगाए गये हैं। लेकिन, जब भी इन पॉड्स के दरवाज़ें खोले जाते हैं तो यह एक गति संवेदक (Motion Sensor) को ट्रिगर करते हैं जिससे उल्म टीम पॉड्स की जांच तथा उनकी साफ-सफाई संबंधी इंतजाम कर सके और उनकी सेफ्टी संबंधी कार्रवाई करे सके।
Ulster Nests स्लीपिंग पॉड्स को विस्तृत रुप देने की दिशा में हो रहे हैं काम
Bored Panda मीडिया से हुई बातचीत में Ulster Nests के एक टीम मेंबर ने बताया – “फिलहाल हम अभी छोटे स्तर के प्रोटोटाइप्स् पर ही काम कर रहे हैं, लेकिन स्लीपिंग पॉड्स की बढती आवश्यकताओं को देखकर साथ ही, शहरों में इसका विकास करने की दिशा में भी प्रयास करा जा रहा है, साथ ही पॉड्स में सो रहे लोगों और इसी दिशा में काम कर रही अन्य संस्थाओं को जानकारी मुहैया कराना का प्रयास हमारी टीम कर रही है। इसके अलावा हमने इंसुलेशन और क्लाइमेट मैनेजमेंट पर भी बेतरीन काम किया है ताकि एक सीमित बजट में ही पॉड्स के भीतर तापमान व नमी के स्तर में तालमेल बिठाया जा सके”