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कर्नाटक में खुले तीन उत्कृष्ट बागवानी क्षेत्र, इस्रसइली तकनीक द्वारा की जायेगी खेती: जानें क्या होता है यह

भारत-इजरायल कृषि परियोजना (आईआईएपी) के तहत 16 जून को कर्नाटक में तीन उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित किए गए। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा (B S Yediyurappa) ने संयुक्त रूप से इसका उद्घाटन किया। रिपोर्ट के अनुसार इस योजना के तहत उन्नत तकनीकों के साथ केंद्र स्थापित किए गए हैं।

इसमें उच्च और अति-उच्च घनत्व रोपण, चंदवा प्रबंधन, कायाकल्प, रोपण के विभिन्न ट्रेलिंग सिस्टम, आम की उपज और गुणवत्ता में सुधार के लिए स्वचालित ड्रिप सिंचाई तकनीक मौजूद है। इसे कोलार, धारवाड़ और बगलाकोट में स्थापित किया गया है। –

Under government plan for farming three centres of excellence inaugurates in Karnataka under Indo-Israel agricultural project

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इज़राइल से मिली मदद

यह योजना कोलार आम और बागलकोट अनार और धारवाड़ केंद्र सब्जियों पर भी काम करेगी। कर्नाटक सरकार को आम के लिए इज़राइल के (COE) की स्थापना केंद्र से ₹1.98 करोड़ की मदद मिली है। वहीं कर्नाटक सरकार ₹3.60 करोड़ के साथ इस योजना पर काम कर रही है। इसके अलावा केंद्र से ₹3.43 करोड़ और कर्नाटक सरकार से ₹1.56 करोड़ के योगदान के साथ अनार के लिए योजना बनाई गई है। – government plan for farming

धारवाड़ में सब्जियों के लिए सीओई की स्थापना के लिए केंद्र से ₹5 करोड़ और कर्नाटक सरकार से ₹2.60 करोड़ के परिव्यय के साथ की गई थी।

इससे बढ़ेगी किसान की आय

IIAP के तहत भारत के आठ राज्यों में उत्कृष्टता के गांव भी स्थापित किए जाएंगे, जिसमें कर्नाटक को बागलकोट और कोलार सीओई (COE) से जुड़े 10 गांव मिलेंगे। कर्नाटक सरकार के कृषक समुदाय को नवीनतम नवीन इज़राइली प्रौद्योगिकियों तक पहुंच प्राप्त करने और उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए उन्हें अपनाने में मदद करेंगे, जिससे किसान की आय बढ़ागी। इन सीओई में सालाना 50,000 ग्राफ्ट उत्पादन और 25 लाख सब्जियों को रोपण की क्षमता है। तोमर बताते हैं कि लगभग 20,000 किसानों ने आधुनिक खेती के तरीकों के बारे में जानकारी लेने के लिए सीओई (COE) की मदद लिए है। – government plan for farming

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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