दिल्ली… देश की राजधानी दिल्ली का नाम सुनते ही हमारे जहन में एक ही ख़्याल आता है, प्रदूषण। प्रदूषण के मामले में दिल्ली विश्व के सबसे ऊपर वाले वाले क्षेत्र में आता है। ज़्यादातर लोग दिल्ली में छोटी-मोटी नौकरी कर अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं। जिससे वहां पर प्रदूषण अत्यधिक मात्रा में बढ़ा है। देखा जाये तो वहां जल और वायु हर चीज दूषित हो चुकी है। वहां के लोगों को सांस लेने में घुटन सी महसूस होती है। लेकिन इन सब परेशानियों से जूझते हुए “दिल्ली के रोहिणी इलाके” के निवासी “वनीत जैन” ने जो कार्य किया, उसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। वनीत ने अपने छत पर 5000 से भी अधिक पौधे लगाए हैं।
नौकरी के लिए आये थे दिल्ली
वनीत जैन (Vanit Jain) 35 वर्ष पहले काम के सिलसिले में दिल्ली (Delhi) आये और यही पर रहने लगे। वह जब यहां आयें तब उन्होंने रहने के लिए किराये पर एक मकान लिया और उसमे उन्होंने शुरुआती तौर पर 400 से अधिक पौधें लगायें। उनके व्यवसाय में उन्नति हुई और उन्होंने एक मकान का निर्माण कराया और अपने घर में शिफ्ट हो गयें। उन्होंने अपने मकान के छत को टैरेस गार्डन में बदल दिया है। टैरेस गार्डन अब 15 साल से भी अधिक पुराना हो चुका है। इन्होंने अपने गार्डन में कई तरह के पेड़-पौधें लगाकर उन्हें सलीके से सुसज्जित कर रखा है। वह अपने करोबार को संभालने के साथ-साथ इन पौधों की देखभाल करते हैं।
वनीत का ऑटोमोबाइल पार्ट्स का करोबार है
वनीत का करोल बाग (Karol Bagh) में ऑटोमोबाइल पार्ट्स का करोबार है। वह वीकेंड के दौरान पूरा समय अपने गार्डन में व्यतीत करते हैं। इनकी पत्नी का नाम संगीता जैन (Sangeeta Jain) है, जो एक फैशन डिजाइनर हैं। वनीत पेड़-पौधों से बेहद लगाव रखते हैं। इस कारण उन्हें कहीं भी कोई पौधा मुरझाया हुआ दिखे तो उसकी सिंचाई करनी शुरू कर देते हैं। इनकी खासियत यह है कि इन्होंने अपने गार्डन में जितने पौधे लगाए हैं, उससे अधिक अपने दोस्तों और पड़ोसियों को भेंट स्वरूप दिये हैं। इन्होंने विभिन्न प्रकार के पौधों को गमलों में लगाया है, जैसे अमरूद, सेब, शहतूत, आडू इत्यादि हैं। जब वह रोहिणी क्षेत्र में गये थे, तो नगर निगम के कर्मचारियों ने वहां रास्ते के किनारे पेड़ लगाये थे। वतीन रोज सुबह उन पौधों में पानी डालते और दुसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करते थे।
वनीत का गार्डन
वनीत ने अपने छत पर कई अन्य तरह के पौधे लगाए हैं। उन्होंने अपने टेरेस गार्डन में लगभग 5000 से अधिक पौधे लगाये हुए हैं। अपने गार्डन को फल-फूल के साथ मौसमी सब्जियां, परमानेंट प्लांट्स, मेडिसिनल प्लांट्स और मिनी प्लांट जैसे पौधों से सुसज्जित कर रखा है। पौधों को छत पर लगाने के साथ-साथ वनीत ने अपने घर के बाहर, बालकनी तथा घरों में भी पौधों को लगा रखा है। अगर कोई व्यक्ति इनके गार्डन से कोई पौधा लेकर जाना चाहे तो वह इनसे बिना कुछ पूछे पौधा लेकर जा सकता है।
लॉकडाउन के दौरान भी उगाए बहुत सारी सब्जियां
जिस तरह कोरोना वायरस फैल रहा है, उसको मद्दे नज़र रख लॉकडाउन हुआ था। इस दौरान वनीत में अपने टेरेस गार्डन में बहुत तरह के सब्जियां उगाए और उनकी देखभाल वह पूरा दिन किया करते थे। गार्डन में उन्होंने जो सब्जियां उगाई उन्हें ज़रूरतमंद लोगों को और अपने पड़ोसियों को दिया। इनका मानना है कि अगर मैं किसी की मदद कर सकूं तो वह मेरे लिए बहुत अच्छी बात है या फिर अगर कोई मुझसे पौधे लगाने के बारे में पूछताछ करने आए तो मैं उन्हें सारी जानकारियां दूंगा।
वनित के टेरेस गार्डन की खूब तारीफ़ की फ्रेंच की एयरहोस्टेस ने
वनीत ने अपने गार्डन को बहुत ही सलीके से सजा रखा है। इसीलिए उस गार्डन को देखने के लिए बहुत से लोग वहां पर आते हैं। कुछ साल पहले फ्रेंच की एक एयरहोस्टेस उनके गार्डन को देखने आई थी और बहुत सारी तस्वीरें अपने साथ ले गई। उन्होंने उन तस्वीरों को एक मैगजीन में छपवाया और वनीत जैन के टेरेस गार्डन का जिक्र कर उनकी खूब प्रशंसा की थी।
वनीत जैन ने गार्डनिंग करने के तरीके बताएं
शुरुआती दौर में आप घर के पुराने बर्तनों जैसे प्लास्टिक की बोतल, बाल्टी या गमलों में पुदीना, मेथी, धनिया और एलोवेरा लगाये। साथ ही कुछ फल के पौधे भी लगा सकते हैं। उर्वरक के लिए उसमें गोबर, मिट्टी, कोको पीट वर्मी कंपोस्ट, नीलमक्खी और बोनीमिल का भी उपयोग कर सकते हैं। इससे काफी मात्रा में पौधों को पोषण मिलता है। सुबह पौधों में पानी डालने से पहले गमलों के नीचे कुछ ईट के टुकड़े रख सकते हैं, इससे पौधों में नमी बनी रहती है। याद से हमेशा छोटे पौधों को बड़े पौधों की छांव में रखें। पौधे कीटाणु ग्रसित ना हो, इसके लिए राख में कपूर मिलाकर उससे पेड़ पर छिड़काव करें।
वाकई पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए लोगों की भलाई के लिए जो कार्य वनीत जैन ने किया है वह प्रशंसनीय है। इसके लिए The Logically उन्हें शत्- शत् नमन करता है।