Sunday, December 10, 2023

सब्जी बेचते हुए अपनी मेहनत से पाई सफलता, सिविल जज बनकर किया सपने को साकार

अगर कुछ प्राप्त करने का जुनून हो तो कोई लक्ष्य बड़ा नहीं होता। हर चुनौती को पार कर सफलता प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे ही लोगों के लिए एक बड़ी पुरानी कहावत है कि “अगर आप किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने में जुट जाती है”।

ऐसे ही व्यक्तियों में से एक हैं अंकिता नागर (Ankita Nagar), जिसके संघर्ष की कहानी आम युवाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं। – Ankita Nagar from Indore, who once sold vegetables to help her parents, now became a civil judge with her hard work.

  • सिविल जज बनने के बाद भी सब्जी बेचते हुए नजर आई

मुख्य रुप से अंकिता इंदौर (Indore) की रहने वाली हैं। वह अपने माता-पिता के साथ सब्जी बेचने में भी उनकी मदद करती थी और समय मिलते ही वह अपनी पढ़ाई में लग जाती थी। आपको बता दें कि सिविल जज (Civil Judge) बनना कोई आसान बात नहीं है। इसके लिए लोगों को दिन-रात एक कर मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन अंकिता अपने परिवार की मदद करने के साथ ही अपने सपने को भी पूरा की। हैरान करने वाली बात तो तब सामने आई जब सिविल जज में चयन होने के बाद भी अंकिता अपनी दुकान पर पहुंचकर सब्जी बेचते हुए देखी गई।

Even After Becomming A Judge Ankita Was Seen Selling Vegetables
  • अंकिता अपने तीसरे प्रयास में बनी सिविल जज

इतनी छोटी सी जगह से निकलकर इतना बड़ा मुकाम हासिल करना वाकई में बहुत बड़ी सफलता है। अंकिता की सफलता से उनके मां-बाप सहित पूरा परिवार बहुत खुश हैं और उन्हें अपनी बेटी की इस सफलता पर बेहद गर्व है। सिविल जज बनी अंकिता नागर ( Civil Judge Ankita Nagar) अपने तीसरे प्रयास में सफल हुईं। हालांकि वह एलएलबी LLB की पढ़ाई के दौरान ही सिविल जज की तैयारी में जुट गई थी। ऐसे में उनके परिवार ने भी उनका पूरा साथ दिया। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के बावजूद भी कभी उनके पढ़ाई में कोई कमी नहीं होने दी और हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

यह भी पढ़ें:-कुली पिता के इस बेटे ने खङी कर दी 100 करोड़ की कम्पनी, सैकड़ों ग्रामीणों को रोजगार देकर संवार रहे भविष्य

दरअसल अंकिता नागर का परिवार सब्जी का ठेला लगाता है और यही उनके परिवार की कमाई का एकमात्र जरिया है। इस दुकान पर अपने माता-पिता के मदद के लिए अंकिता भी बैठती है। अक्सर पिता बाहर से सामान लाने में लगे रहते हैं और मां के पास घर और दुकान दोनों की जिम्मेदारी होती है इसलिए अंकिता को जब भी पढ़ाई से वक्त मिलता वह सब्जी के ठेले पर पहुंच जाती और सब्जी बेचती। – Ankita Nagar from Indore, who once sold vegetables to help her parents, now became a civil judge with her hard work.

  • अंकिता काफी संघर्ष के बाद बनी सिविल जज

अंकिता बताती हैं कि वह जज बनने के दौरान लगातार आठ से 10 घंटे तक पढ़ाई किया करती थी। उनके माता-पिता सब्जी का ठेला लगाते हैं, जिसमें अंकिता भी उनकी मदद करती हैं। रिर्पोट के अनुसार अंकिता के पिता सुबह 5:00 बजे उठकर मंडी जाते थे, जब तक वह मंडी से सब्जी लेकर आते, तब तक अंकिता ठेले पर सब्जी बेचती थी। सिविल जज बनी अंकिता ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया है और उसी का परिणाम है कि अंकिता अपनी मेहनत से आज एक सिविल जज हैं।

After A lot Of Struggle Ankita Became The Judge

अंकिता के परिवार में उनके माता–पिता के अलावा उनका एक बड़ा भाई और एक बहन हैं। इस समय अंकिता की सफलता से उनका पूरा परिवार बेहद खुश है। इस दौरान खुशी से अंकिता की मां की आंखों में आसूं निकल पड़े। एक इंटरव्यू के दौरान अंकिता की मां बताती हैं कि उन्हें अपने समय में बेहतर एजुकेशन नहीं मिल पाया, लेकिन अपनी बेटी को पढ़ाने का एक सपना देखी थी जो आज सच हो गाया और इस बात की उन्हें बहुत खुशी है।

  • युवाओं के लिए एक प्रेरणा

अंकिता का पहला लक्ष्य सिविल जज बनना था इस सफर में उन्होंने अब तक शादी नहीं की है, जबकि उनके बड़े भाई और छोटी बहन दोनों की ही शादी हो चुकी है। अंकिता को इस बात की बहुत खुशी हैं कि अब वह एक निष्पक्ष और निडर होकर आम जनता की मदद कर सकती हैं और उन्हें न्याय दिला सकती हैं। अंकिता ऐसे बच्चों के लिए भी एक प्रेरणा है, जो कड़ी मेहनत के बाद भी परीक्षा में फेल हो जाने पर आत्महत्या जैसे गलत कदम उठा लेते हैं। आपको बता दें कि अंकिता कड़ी मेहनत के बावजूद भी दो बार असफल रहीं, लेकिन वह अपने लक्ष्य से नहीं भटकी। यह उनका आत्मविश्वास ही था कि उन्हें अपने तीसरे प्रयास में सफलता मिली।

यह भी पढ़ें:-नारियल के खोल का इस्तेमाल कर बनाएं खूबसूरत गमले, बिना खर्च के तैयार होता है ऐसा गमला

अंकिता की सफलता आज के उन लाखों युवाओ के लिए एक प्रेरणा है, जो आर्थिक स्थिति से परेशान होकर अपने लक्ष्य को ही भूल जाते हैं। – Ankita Nagar from Indore, who once sold vegetables to help her parents, now became a civil judge with her hard work.