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लोग ‘तांडव’ वेबसेरीज़ का विरोध करते रहे, उधर चीन ने बॉर्डर के अंदर गांव बसा लिया: जानिए पूरा माज़रा

“हिंदी-चीनी-भाई-भाई..” के नारे से वर्ष 1954 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और गणतंत्र चीन के सबसे पहले प्रधान मंत्री झोउ एनलाई ने क्षेत्र में शांति

“हिंदी-चीनी-भाई-भाई..” के नारे से वर्ष 1954 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और गणतंत्र चीन के सबसे पहले प्रधान मंत्री झोउ एनलाई ने क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिये पंचशील संधि पर हस्ताक्षर किये थे। 1 अप्रैल, 1950 को भारत ने चीन के साथ राजनीतिक संबंध स्थापित किये थे। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान की शुरुआत कई शताब्दियों पहले हुई थी।

वर्तमान में भारत और चीन विश्व पटल पर उभरती हुई शक्तियां हैं जो कभी कभार आपस में टकरा जाती हैं। भारत और चीन के बीच अक्साई चिन तथा अरुणाचल प्रदेश को लेकर लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है। दोनों ही देश दोनों क्षेत्रों पर अपना-अपना दावा बताते हैं। फिलहाल अक्साई चिन, चीन में है और अरुणाचल प्रदेश भारत में।

Village inside Indian border

न्यूज चैनल NDTV ने अपने सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर दावा किया है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के अंदर घुसकर एक गांव बसा दिया है। ये तस्वीरें 1 नवंबर 2020 की है। इन तस्वीरों के आधार पर ही NDTV ने चीन के भारत में घुसने की बात कही है। यह गांव ऊपरी सुबनशिरी जिले के त्सारी चू नदी के किनारे पर है जहां पूरे 101 घर हैं। विशेषज्ञों से संपर्क करने पर इस बात की पुष्टि हुई कि ये गांव वास्तविक नियंत्रण रेखा के 4.5 किलोमीटर अंदर बना है।

अरुणाचल प्रदेश में चीन के बने इस गांव की तस्वीरें चैनल ने विदेश मंत्रालय के साथ साझा की। विदेश मंत्रालय ने भी चीन द्वारा सीमा के निकट निर्माण गतिविधियों पर हामी भरी लेकिन साफ़ तौर पर यह नहीं बताया कि ये गांव वास्तविक नियंत्रण सीमा रेखा के इस पार है या उस पार।

फिलहाल भारत सरकार ने चीन सीमा के किनारे-किनारे जिन 73 सड़कों के निर्माण का लक्ष्य रखा था, वह जारी है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने इन खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत सीमांत इलाकों पर अपने नागरिकों और देश के जवानों के हित में आधारभूत संरचनाएं यानि सड़क पुल बनाता रहेगा।

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