इंसान के जीवन में परेशानियां तो आती रहती है लेकिन हमें उन परेशानियों से डरना नहीं चाहिए। डट कर उसका सामना करना चाहिए। जीवन एक संग्राम है इसमें वही इंसान सफल हो सकता हैं जो अपने आप को परिस्थितियों के अनुसार ढाल लेता हैं या फिर वह इंसान सफल हो सकता हैं जो अपने काबिलियत के दम पर परिस्थिति को अनुकूल बना देता हैं। इंसान अपने सुझ्बुझ से किसी भी समस्या से बाहर निकल सकता हैं।
बहुत लोग किसी विपत्ति से उभरने के लिए दूसरें पर आश्रित रहते हैं। वे सोचते हैं कोई दूसरा इंसान हमें हमारी परेशानियों से बाहर निकालेगा। सच बात यह है कि इन्सान को कभी भी किसी दूसरे मनुष्यों पर आश्रित नहीं होना चाहिए। किसी अन्य के भरोसे पर नहीं रहना चाहिए बल्कि अपनी समस्याओं से निकलने के लिए ख़ुद को उस काबिल बनाना चाहिए क्योंकि “सहारे इन्सान को कमजोर बना देते हैं।” इसी सूत्र को आधार बनाकर सभी ग्रामीणों ने सरकार पर आश्रित न रहते हुए स्वयं ही सड़क मरम्मती का कार्य प्रारंभ किया।
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“मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनो में जान होती हैं, पंख होने से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती हैं।” इसी बात को सच कर दिखाया हैं आंध्रप्रदेश के ग्रामीणों ने। आएये जानतें हैं उनसब से यह कैसे हुआ।
आंध्रप्रदेश-उड़ीसा सीमा पर एक आदिवासी गांव है। मानसून के मौसम में यह गांव बाहरी दुनिया से कट जाता है। मेडिकल इमरजेन्सी के समय इन्हें बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों को गाड़ी पकड़ने के लिए एक पहाड़ी और एक जंगल पार कर के सबसे पास के सड़क तक पहुँचने के लिए उन्हें 5 किलोमिटर का सफर तय करना पड़ता है।
सरकार के मदद का आस लगाये बैठे ग्रामीणों ने एक लम्बी प्रतीक्षा के बाद एक बैठक की और हर घर से 2000 रूपये इकट्ठा करने का निश्चय किया। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, आंध्रप्रदेश के सलुरु मंडल के कोडामा पंचायत क्षेत्र के रहने वाले 14 घरों के दलित आदिवासी ग्रामीणों ने खुद ही सड़क निर्माण के लिए पैसे इकट्ठा करने का विचार किया और प्रत्येक ने 2000 रूपये मिला कर 10 लाख रुपये जमा कर लिया। कुछ ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए अपने गहने भी बेच दिये। इसके बाद 5 किलोमीटर से अधिक सड़क निर्माण कार्य आरंभ हो गया हैं।
यह सड़क इन गांवों को सगुमरी गांव से जोड़ेगी जहां राज्य के अन्य भागों को जोड़ने वाली सड़क गुजरती है। इस पहल के बारें में जानने के बाद एकीकृत आदिवासी विकास एजेंसी ने गांव में सड़क, पानी और स्वच्छता सुविधा उप्लब्ध कराने के लिए 10 लाख रुपये देने का वचन दिया हैं।
The Logically गांव के लोगों की इस पहल को सलाम करता हैं और उम्मीद करता हैं सरकार अपना वादा जल्द से जल्द पूरा करे और इस सड़क का निर्माण भी अतिशीघ्र हो।