Home Community

400 वर्षों से पहाड़ रास्ता रोके था, छेनी हथौड़े से ग्रामीणों ने पहाड़ काट बना दी सड़क: हिम्मते मर्दा तो मदते खुदा

रामधारी सिंह दिनकर ने अपनी एक कविता में एक पंक्ति का जिक्र किया था, “मानव जब जोर लगाता है, पत्थर भी पानी बन जाता है।” इस पंक्ति को सच कर दिखाया है,  चीन (China) के हेनान प्रांत (Henan Province) में मौजूद एक छोटे से गांव (Guoliang )के लोगों ने। आपको बता दें कि, इस गांव के सामने एक बड़ा सा Taihang Mountains नाम के पहाड़ हुआ करता था, जिसके वजह से यहां के लोगों को आगे बढ़ने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था। स्थानीय लोगों का कहना था कि, वो पहाड़ इनके तरक्की के राह में बाधा बनके खड़ा था। इसलिए अपनी तरक्की के राह से उस पहाड़ को हटाने के लिए सभी ग्रामीणों ने एक साथ मिलकर 1200 किलोमीटर लंबी सुरंग (Villagers Hand-Carve 1.2Km Mountain Tunnel) हाथ से ही खोद डाली। ―The people of a small village in Henan Province of China made their way to the city by digging a tunnel in the mountain with their own hands.

Villagers hand carve 1.2 km tunnel

शहर के तरफ जाने के लिए नही था कोई रास्ता

आपको बता दें कि, इस गांव के सामने एक बड़ा सा पहाड़ करीबन 400 सालों से ग्रामीणों का रास्ता रोके खड़ा था। इस गांव से शहर के तरफ जाने के लिए केवल एक ही रास्ता था, स्काई लैडर (Sky Ladder)। यानी पहाड़ पर सीढ़ी बनाई गई थी, जिसपे चढ़ कर लोग शहर जा सकते थे। लेकिन यह भी बहुत कठिन था, एक तो सीढ़ियों पर चढ़ने में बहुत समय लगता था और दूसरा थकान अलग से। जानकारी के मुताबिक, इन सीढ़ियों वाले रास्ते का निर्माण सॉन्ग वंश (Song Dynesty) के राजाओं ने 960-1279 के बीच करवाया था।

स्काई लैडर (Sky Ladder) से शहर जाने में 3-4 घंटे होते थे बर्बाद

आपको बता दें कि, इस पहाड़ के वजह से यहां के लोगों को केवल व्यापार या तरक्की करने में ही नही बल्कि शिक्षा प्राप्त करने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। एक समय इसी गांव के एक बुजुर्ग ने ग्रामीणों को सलाह दिया कि अगर पहाड़ में से ही रास्ता निकाल जाए तो स्काई लैडर से शहर जाने में जो 3-4 घंटे समय बर्बाद होते है, वो बच जाएगा। इसके बाद यहां के 13 लोग ऐसे जागरूक हुए कि बिना किसी इंजीनियर या कोई शिक्षा लिए छीनी और हथौड़ी जैसे सामान्य उपकरण लेकर सुरंग खोदने का काम शुरू कर दिया। इसके बाद करीबन 300 लोग भी इस काम मे जुट गए। लोगों ने रस्सियों की मदद से पहाड़ से लटककर एक-एक इंच की सुरंग खोद दी। आपको बता दें कि, तीन दिन में वो मात्र 1 मीटर की खुदाई कर पाते थे। ―The people of a small village in Henan Province of China made their way to the city by digging a tunnel in the mountain with their own hands.

आखिरकार दिनकर जी की पंक्ति को सच साबित कर ही दिया।

गांव के लोगों ने बिना किसी इंजीनियर की सहायता लिए छीनी और हथौड़ी जैसे सामान्य उपकरण के मदद से सुरंग खोदनी शुरू कर दी। लोगों को जैसे-जैसे सुरंग दिखाई दिया लोग में हौसला और साहस बढ़ने लगा और सभी आगे बढ़ते गए। इस सुरंग की खुदाई करने में ग्रामीणों को 5 साल लग गए। इन 5 सालों में ग्रामीणों ने 1250 मीटर लंबी सुरंग खोद डाली तथा अपने गांव ‘Guoliang’ के नाम पर ही इस सुरंग का नाम Guoliang Tunnel दिया। इस सुरंग की खुदाई के बाद मानो इस पहाड़ी गांव में खुशियों की बरसात होने लगी। पहली बार गाड़ियां शहर के सड़क से इनके गांव तक जा सकी। ―The people of a small village in Henan Province of China made their way to the city by digging a tunnel in the mountain with their own hands.

अब गांव बन गया टूरिस्ट स्पॉट

यह गांव समुन्द्र से 1700 ऊंचाई पर बसा है। पहाड़ के बीचों बीच सुरंग बनने के बाद यहां के लोगों का पलायन रुक गया। फिर इस गांव और टनल को दूर-दूर से लोग देखने आने लगे, यानी वर्ष 2018 तक यह गांव
और यह टनल टूरिस्ट स्पॉट बन गया। यहां के लोग अब खूब तरक्की कर रहे है। अब यहां के युवा भी आसानी से शिक्षा ग्रहण कर रहे है। गांव को टूरिस्ट स्पॉट बनने के बाद यहां के लोग होटलिंग और रेस्टोरेंट के बिजनेस कर लिए है। आज इस गांव में हर जगह तरक्की देखने को मिलती है।

निधि बिहार की रहने वाली हैं, जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अभी बतौर शिक्षिका काम करती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही निधि को लिखने का शौक है, और वह समाजिक मुद्दों पर अपनी विचार लिखती हैं।

Exit mobile version