Wednesday, December 13, 2023

IT जॉब के साथ ही वाटर लिली और कमल के फूल उगा रहे हैं, केवल बीज़ बेचकर हज़ारों रुपये महीने में कमाते हैं

कई बार ऐसा होता है जब लोग एक कार्य के साथ दूसरे कार्य को नहीं कर पाते है। यूं कहें तो समय की कमी हो जाती है। काम के साथ अपने शौक को बहुत कम लोग ही है जो पूरा करते हैं। परंतु आज आपको एक ऐसे शख्स के बारे में जानने को मिलेगा जिसने अपनी IT कम्पनी में नौकरी के साथ-साथ वाटर लिली के शौक को बिजनेस बनाया। आइए जानते हैं उस शख्स के बारे में….

सोमनाथ प्रदीप पाल (Somnath Pradeep pal) महाराष्ट्र (Mahabharata) के ठाणे के रहने वाले हैं। वह IT फर्म में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। सोमनाथ कई वर्षों से गार्डनिँग कर रहे हैं। बचपन से हीं उनको गार्डनिँग का बेहद शौक रहा है। वह भिन्न-भिन्न प्रकार के वाटर लिली और कमल के फूल उगाते हैं। सोमनाथ फूल उगाने के साथ हीं हाइब्रिड किस्में भी तैयार कर रहे हैं। इसके साथ हीं वह बल्ब, ट्यूबर तैयार कर के कमर्शियल स्तर पर बेचने का कार्य भी करते हैं।

Water lily gardening

सोमनाथ ने बताया कि उन्होंने गार्डेनर, हाइब्रिडाइजर और सेलर बनने तक का सफर एक दिन मे तय नहीं किया। वह बचपन से हीं पेड़-पौधे लगाते थे। वह किराए के घर में रहते थे इसलिए घर बदलने के समय पेड़-पौधों को शिफ्ट करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। घर में जगह होती तो वह पौधों को लेकर जाते तथा जगह नहीं होने के कारण पेड़-पौधों को आस-पड़ोस मे बांट देते थे। वह बताते हैं कि वर्तमान मे भी वह किराए के घर मे हीं रहते हैं। परंतु इतने वर्षों में वह पेड़-पौधों को एक जगह से दूसरी जगह करते-करते थक गए हैं। उनकी रुचि वाटर लिली के प्रति काफी बढ़ गई है। वाटर लिली के प्रति अधिक लगाव होने की वजह से उन्होंने घर बनाने के लिए ली हुई जमीन पर हीं पौधे उगाने आरंभ कर दिए।

सोमनाथ (Somnath) बताते हैं कि उनकी उम्र जब 16-17 वर्ष की थी तब उनको वाटर लिली के बारे में जानकारी हासिल हुई। एक बार की बात है वह अपनी बहन के साथ नर्सरी गए थे उस समय उन्होंने नर्सरी में वाटर लिली के पौधे को देखा। वाटर लिली के पौधे देखने में बहुत अधिक आकर्षित दिखाई पड़ रहे थे। तब से सोमनाथ ने तय किया कि वे भी वाटर लिली के पौधे लगाएंगे।

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उन्होंने बताया कि उस समय उनके पास इतने अधिक पैसे नहीं थे जिससे वह उसे खरीद सकें। उन्होंने इस बारे में अपनी बहन को भी नहीं बताया। उसके बाद उन्होंने घर की छत पर हीं वाटर लिली के पौधे लगाने का फैसला किया। इस कार्य में वह कई बार असफल रहे परंतु धीरे-धीरे उन्हें सफलता मिल हीं गईं।

सोमनाथ को वाटर लिली के बारे में जानने की इच्छा दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई। उन्होंने वाटर लिली के बारे में बहुत कुछ पढ़ा-जाना और एक्सपेरिमेंट भी किया। सोमनाथ ने पेड़-पौधे लगाने के साथ हीं वाटर लिली के बीज को इकट्ठा करना भी आरंभ किया। उन्होंने बताया कि जब अधिक मात्रा में बीज इकट्ठे हो गए तो उन्होंने उसे बेचना आरंभ किया। सोमनाथ ने eBay पर बीज की बिक्री किया और उन्हें बहुत अच्छा रिस्पोंस भी मिला। कुछ हीं माह में उन्होंने 20 हजार रुपये के बीज बेच डाले।

Water lily gardening

कमर्शियल तौर पर बीज के मामले में सफलता मिलने के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ा। उसके बाद सोमनाथ ने बड़े पैमाने पर वाटर लिली और कमल के फूल उगाने शुरु किए। वर्तमान में वह 11 हजार स्क्वायर फीट भूमि पर 30 किस्म के कमल के फूल तथा करीब 100 किस्म के वाटर लिली के फूल उगा रहे हैं। सोमनाथ को वाटर लिली और कमल के फूलों और किस्मों के लिए राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है। कुछ वक्त पहले सोमनाथ को International Waterlily and Water Gardening Society (IWGS) जर्नल के जुलाई अंक में ‘हाइब्रिडाइजर’ फिचर किया गया।

सोमनाथ बताते हैं कि कमर्शियल सफलता से अधिक उनका उद्देश्य है विश्व का सबसे अच्छा हाइब्रिडाइजर’ बनने का। सीजन में सोमनाथ के पास बहुत ऑर्डर्स आते हैं लेकिन वह सभी किसी को बल्ब और ट्यूबर नहीं भेजते हैं। सोमनाथ स्वयं अपने ग्राहक चुनते हैं जो वैसे हीं देखभाल कर पाये जैसेकि सोमनाथ किए हैं। वह चाहते हैं कि वाटर लिली की दुर्लभ किस्में एकत्रित करें और बेहतर किस्म हाइब्रिड कर के बनाएं।

घर मे वाटर लिली लगाने की विधि

सोमनाथ बताते हैं कि वाटर लिली और कमल के फूल दोनों पौधों को गर्म तापमान पसंद है। इसलिए इन दोनों पौधों को छत पर ऐसी जगह पर लगाया जा सकता है जहां सीधी धूप आती हो। वाटर लिली के पौधों को बहुत ज्यादा धूप की जरूरत होती है। वाटर लिली के पौधों को ठंड के मौसम में या ठंडी जगह पर नहीं लगाया जा सकता है। यह गर्मियों के मौसम में बहुत अच्छे से लगते भी हैं और खिलते भी हैं।

वह बताते हैं कि वाटर लिली को बीज के अलावा ट्यूबर, बल्ब तथा इसके फूल पत्तियों से भी प्रूफ गेट किया जा सकता है परंतु इसकी अच्छी तरह से देखभाल करनी पड़ती है। वह कहते हैं कि कोशिश करनी चाहिए। यदि एक बार असफल हो भी गए तो निराश नहीं होना चाहिए। यदि सच्चे मन से फिर से कोशिश किया जाए तो कामयाबी जरूर हासिल होती है।

वाटर लिली के बीज को लगाने की विधि

वाटर लिली के बीज लगाने के लिए कई आवश्यक चीजें चाहिए होती है जिसमें वाटर लिली के बीज, एक छोटा गमला, चिकनी मिट्टी या कुम्हार वाली मिट्टी, एक बड़ा चौड़ा गमला या छोटा टॉप आदि प्रमुख है।

इस तरह की जाती वाटर लिली की खेती

इस पर ध्यान देना चाहिए कि किसी भी टॉप या गमले में छेद नहीं हो। क्योंकि वाटर लिली पानी में हीं होता है इसलिए पानी के ड्रेनेज की कोई आवश्यकता नहीं है। बीज को लगाने से पहले यदि कोई चाहे तो उसे पानी में डालकर एक बंद डिब्बे में रख सकता है। उसके बाद जब भी अंकुरित हो जाए तब लगाया जा सकता है या सीधा ऐसे भी लगाया जा सकता है। ऐसे छोटे गमले में मिट्टी को भरकर उसे पानी से गिला कर लें। उसके बाद बीज को हल्के से मिट्टी में दबा दें। उसके बाद छोटे गमले को बड़े गमले में रखें और हल्का-हल्का पानी दें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि गमले को ऐसी जगह रखें जहां धूप आती हो। वाटर लिली के पत्ते आपको सब 3-4 सप्ताह बाद दिखने शुरू हो जायेंगें। वाटर लिली का फूल आने में ढाई से 3 महीने का समय लगता है इसलिए धैर्य बनाकर रखें।

Water lily gardening

खेती के दौरान रखें इन बातों का विशेष ध्यान

सोमनाथ ने बताया कि वाटर लिली स्टील पानी में अच्छे से पनपते हैं। इसलिए पानी को अधिक हिलाना नहीं चाहिए और सप्ताह के अंदर पानी को बदलते रहना चाहिए। सबसे अधिक ध्यान काई का रखना पड़ता है। जब वाटर लिली को एनपीके जैसे फर्टिलाइजर दे दिया जाता है तो धूप की वजह से वह काई पैदा करता है। इसलिए बेहतर होता है कि मिट्टी में हीं अच्छी तरह से खाद दे देना ताकि बाद में अधिक पोषण देने की आवश्यकता नहीं पड़े। दूसरा तरीका यह है कि पौधों के बीच में जितना अधिक जगह रहेगा उतना ही कम काइ जमेगा ज्यादा अच्छी जगह होने की वजह से फूल भी बड़े-बड़े खिलते है। इसलिए इन छोटी-छोटी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

सोमनाथ बताते हैं कि सीजन में वह वाटर लिली और कमल के ट्यूबर, बल्ब आदि की बिक्री कर के बहुत अच्छी-खासी आमदनी कमा लेते हैं। कई बार उनके 1 महीने की आमदनी एक लाख से अधिक भी हो जाती है। सोमनाथ कहते हैं कि वह सिर्फ कमर्शियल के लिए ही गार्डनिंग नहीं कर रहे हैं। यह उनका पैशन है तथा जब फूल तैयार होते हैं तो उन्हें बेहद खुशी होती है।

सोमनाथ से संपर्क करने के लिए दिए गए नंबर पर फोन करें।

मोबाईल नं:-9004603931

सोमनाथ ने जिस तरह अपनी उन्नत और सफल खेती से दूसरों को प्रेरित किया है उसके लिए The Logically सोमनाथ जी की खूब प्रशंसा करता है।