सफलता किसी को आसानी से नहीं मिलती उसे पाने के लिए अपने रास्ते पर अडिग और परिश्रमी होना जरूरी होता है। कुछ लोग यह मानते हैं कि जिसका पिता जो कार्य करता है बेटा भी वही करेगा। यह कहानी एक ऐसे शख्स की है जिनकी काबिलियत देखकर अच्छे-अच्छे लोग आश्चर्य कर रहे हैं। उनके पिता पंचर की दूकान चलाकर किसी तरह गुजरा करते थे लेकिन उनके बेटे ने मोटरसाइकिल का निर्माण कर अपने बेहतरीन हुनर का परिचय दिया है। मोटरसाइकिल के विषय में तो हर कोई जानता है कि यह पेट्रोल और डीजल के द्वारा चलता है। लेकिन इस किसान के बेटे ने बैट्री से चलने वाली मोटरसाइकिल बनाई है।
नीरज मौर्या
नीरज मौर्या (Neeraj Maurya) के पिता किसान हैं और जीवन-यापन के लिए वह पंचर ठीक करने का कार्य करते हैं। नीरज मिर्जापुर (Mirzapur) से सम्बन्ध रखते हैं। नीरज B.A के छात्र हैं। उन्होंने अपनी मेहनत से बैट्री के द्वारा चलने वाली मोटरसाइकिल बनाई है।
नवरात्रि में मूर्ति का निर्माण कर किए पैसे इकट्ठे
उन्होंने मोटरसाइकिल का निर्माण तो कर दिया लेकिन बैट्री के लिए पैसे नहीं थे। चसके लिए मूर्ति बनाकर पैसे इकट्ठे किए। उनके द्वारा बनाई गई मोटरसाइकिल से 50 किलोमीटर की दूरी तय की जा सकती है। उन्होंने मोटरसाइकिल में आगे आने और बैक जाने के लिए गियर भी लगाया है।
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30 हजार रुपये की आई लागत
इस बाइक के निर्माण में 30 हजार लगे हैं। इसकी गति भी ठीक है। एक रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि इस मोटरसाइकिल की कीमत कम होगी जब गवर्नमेंट से सब्सिडी मिल जाए। उन्होंने कोई भी टेक्निकल कोर्स किए बिना यह बाइक बनाया है। उनके पिता उनके इस निर्माण से खुश है।
विधायक ने दी शुभकामनाएं
नीरज की यह ख्वाहिश थी कि वह एक ऐसे बाइक का निर्माण करें जिससे प्रदूषण ना फैले। इसलिए उन्होंने बैटरी से चलने वाली बाइक का निर्माण किया ताकि लोग उसका उपयोग कर पर्यावरण को सुरक्षित रखें। उन्होंने जिस बाइक का निर्माण किया है उसके लिए उन्हें विधायक राहुल कुमार कॉल की तरफ से शुभकामनाएं मिली है।
बिना किसी तकनीकी कोशिश के बावजूद पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए नीरज ने जिस तरह बाइक का निर्माण किया है वह सराहनीय है। उनके कार्यो के लिए The Logically नीरज जी की खूब प्रशंसा करता है और शुभकामनाएं देता है।