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12 साल के बच्चे ने कोडिंग से कमाया 3 करोड़ रुपये, बचपन से लैपटॉप चलाता रहता था

किसी भी बच्चे के लिए 12 साल पढ़ने और खेलने की उम्र होती है, लेकिन लंदन (London) के बेनीयामीन अहमद (Benyamin Ahmed) ने महज 12 साल की उम्र में करोड़ों रुपये कमा लिए हैं। दरअसल बेनयामीन ने एक लोकप्रिय नॉन फंजिबल टोकन (NFT) कलेक्शन विकसित किए थे, जो 400,000 डॉलर (करीब 3 करोड़ रुपये) में बिका। इस NFT को वीयर्ड व्हेल्स के नाम से भी जाना जाता है।

12 years old Benyamin ahmed earned 3 crore rupees through coding

बेनयामीन 6 साल की उम्र से कर रहे है कोडिंग

मुल रूप से पाकिस्तान के रहने वाले बेनयामीन वर्तमान में लंदन में रहते है। बेनयामीन के पिता इमरान अहमद (Imran Ahmed) ने बचपन से ही अपने बेटे को टेक्नोलॉजी की तरफ मोड़ दिया था। इसी का नतीजा है कि वह 6 साल की उम्र से ही कोडिंग कर रहे हैं। बेनयामीन के पिता इमरान एक सॉफ्टवेयर डेवलेपर हैं और वह लंदन स्टॉक एक्सचेंज में काम करते हैं।

बचपन से ही थी लैपटॉप में दिलचस्पी

इमरान बताते है कि बेनयामीन को बचपन से ही लैपटॉप देखना बहुत पसंद था। वह अक्सर इमरान की लैपटॉप में देखते रहते थे इसलिए उन्होंने बेनयामीन को एक नया लैपटॉप खरीदकर दे दिया।इस ओर उनका रूझान बढ़ता देख इमरान ने उन्हें कोडिंग सीखाना शुरू किया।

आसानी से समझ गए कोडिंग

बेनयामीन को कोडिंग समझने में कोई दिक्कत नहीं आती थी। बाद में बेनयामीन ने ओपन सोर्स के जरिए कोडिंग सीखना शुरू कर दिया। वह अपने दूसरे प्रोजेक्ट में करोड़पति बन गए। बेनयामीन अहमद (Benyamin Ahmed) का पहला प्रोजेक्ट “मिनीक्राफ्ट यी हा” नाम के एक NFT प्रोजेक्ट था, जिससे सीख लेकर उन्होंने वीयर्ड व्हेल्स पर काम करना शुरू किया।

9 घंटों में ही बिक गया पूरा प्रोजेक्ट

बेनयामीन बिटक्वॉइन व्हेल से प्रेरित हो कर वीयर्ड व्हेल्स पर काम शुरू किए थे। बिटक्वॉइन व्हेल उन लोगों को कहते हैं, जिन्होंने काफी भारी मात्रा में बिटक्वॉइन को खरीद रखा है। बेनयामीन ने एक ओपनसोर्स पायथन स्क्रिप्ट के जरिए 3,350 यूनिक डिजिटल कलेक्टिबल व्हेल जेनरेट की। हैरानी की बात यह है कि उनका यह प्रोजेक्ट सिर्फ 9 घंटो में ही बिक गया, जिससे 150,000 डॉलर मिले।

4 लाख डॉलर की हुई कमाई

सेकेंडरी सेल्स के जरिए बेनयामीन को 2.5 कमीशन और रॉयल्टी मिली, जिससे उन्हें कुल 4 लाख डॉलर की कमाई हुई। बेनयामीन को इसे विकसित करने में केवल 300 डॉलर ही लगे थे। बेनीयामीन ने अपने पैसों को क्रिप्टोकरेंसी में रखा है। बेनयामीन के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी ही भविष्य है। क्रिप्टोकरेंसी की ग्रोथ में भारत अहम भूमिका निभा रहा है।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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