हमें प्रत्येक जीव के प्रति प्रेम दया भाव रखना चाहिए। मानवता का यही धर्म है। प्राचीनकाल में भी देवी-देवता के साथ किसी किसी पशु-पक्षी का संबंध होना पशु संरक्षण का प्रतीक है। हमें पालतू पशुओं के साथ लावारिस पशुओं का भी ध्यान रखना चाहिए लेकिन आज के समय में भी कुछ लोग पशुओं के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं जिससे मानवता शर्मसार है। आज हम 40 वर्षीय हथनी की एक ऐसी घटना बताएंगे जिसे सुनकर शायद आप भी सोचने को मजबूर हो जाएंगे।
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क्या हुआ था हथिनी एम्मा (Emma) के साथ :-
दरअसल, 40 वर्षीय हथिनी एम्मा (Emma Elephant )को 300 मील से अधिक दूरी चला कर झारखंड राज्य की सीमाओं को पार करने के लिए अवैध रूप से ले जाया जा रहा था। एम्मा को उसके मालिकों द्वारा नियंत्रण के लिए शराब पिलाया जाता था, तब तक वन विभाग की नजर इस घटना पर गई तो वन विभाग ने उसके मालिकों पर वन्यजीव कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। वर्षों से हथिनी के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के चलते एम्मा हथिनी के पैरों में दर्द है और वह ऑस्टियोआर्थराइटिस (जोड़ों की बिमारी) से भी पीड़ित है। एम्मा के पैरों में कांच, कील तथा पत्थर के टुकड़े घुस गए है जिससे उसके पैरो में घाव हो गए हैं तथा वह कुपोषण का भी शिकार है जिससे उसकी स्थिति बहुत नाजुक है। उसके इस दुर्दशा को देखते हुए वन विभाग ने उसे हॉस्पिटल में रखने का प्रबंध करवाया है। एम्मा के पैरों में दर्द के बावजूद भी उसे देसी शराब पिलाकर काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। उसके जिंदगी में आराम नाम की कोई चीज नहीं थी। उसे भीख मांगने, धार्मिक जुलूस, शादी समारोह, पर्यटक सवारी जैसी कामो के लिए हमेशा इस्तेमाल किया जाता था। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए कैद में हाथियों को शराब और तम्बाकू दिया जाता था। शराब तथा नशा हाथी के लिए जहर समान होता है। यहां तक की कैद में उसे आराम करने तक का भी प्रबंध नहीं था।
वाइल्डलाइफ एसओएस की निगरानी में हो रही है एम्मा हथिनी की ईलाज :-
वन विभाग की नजर में आने के बाद एम्मा हथिनी (Emma Elephant) के उचित ईलाज के लिए एम्बुलेंस में पशुचिकित्सा विशेषज्ञों और हाथियों की देखभाल करने वाली एक टीम को मथुरा से धनबाद, झारखंड के लिए 1000 मील से भी अधिक दूरी को तय करने के लिए रवाना किया गया। डॉ. इलियाराजा (वाइल्डलाइफ एसओएस की पशुचिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक) ने कहा कि एम्मा के लिए उसके नाजुक और संवेदनशील पैरों पर खड़ा होना दर्द भरा है. वर्षों की उपेक्षा और दुर्व्यवहार ने उसके स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाला है. हमने उसके पैरों में लगे कांच, कीलें और पत्थर के टुकड़े निकाल दिए हैं, लेकिन कमजोरी के चलते एम्मा हथिनी अपने दोनों पैरो को अपने बल बूते उठाने में असमर्थ है। उन्होंने बताया कि एम्मा का अब उचित ईलाज हो रहा है, जिससे एम्मा का स्वास्थ्य अब जल्द ही ठीक होने की उम्मीद है।
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