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कहीं भी घूमने से पहले इन 5 जगहों की खूबसूरती देख लें, इन गुमनाम जगहों पर घूमने का मज़ा ही और होगा

कहीं भी घूमने के लिए शांति, खूबसूरत नजारे, रोमांच और मनोरंजन, सब एक ही जगह पर मिल जाए तो क्या कहना, अक्सर हम घूमने के लिए इन बातों का खासा ध्यान रखते हैं।

गर्मियों में पर्यटन का मौसम चरम पर होता है, इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बता रहे हैं, जहां आप गर्मी के मौसम में जा सकते हैं और अपने मूड को तरोताज़ा कर सकते हैं। गर्मी का महीना पहाड़ों की यात्रा करने के लिए अच्छा होता है और साथ ही यह उथल-पुथल जिंदगी में छोटा सा ब्रेक लेने में भी मददगार साबित होता है।

हालांकि जिन जगहों के बारे में आज हम बताने वाले हैं वह पर्यटकों के बीच मशहूर नही है, लेकिन अगर आपको भीड़ वाली जगह से दूर कहीं शांत वातावरण में घूमना पसन्द है तो यह जगहें आपके लिए परफेक्ट रहेंगी।

अस्कोट (Askot)

यह ऑफबीट हिल स्टेशन भारत-नेपाल सीमा के पास उत्तराखंड के पूर्व में स्थित है। अस्कोट के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। अगर आप हिमालय में इस ऑफबीट डेस्टीनेशन को चुनते हैं, तो यहां आप हरे-भरे देवदार के पेड़ और रोडोडेड्रौन वन देख सकते हैं। अस्कोट से मात्र 30 KM की दूरी पर भारत-नेपाल का सीमा है जिसे काली नदी विभाजित करती है।

image of kosi river valley

कैसे पहुंचे अस्कोट

अस्कोट पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको उत्तराखंड में प्रवेश करना पड़ेगा। इसके लिए अगर आप सड़क या ट्रेन मार्ग को चुनते हैं, तो सबसे पहले आपको काठगोदाम पहुंचना पड़ेगा। यहां से आगे अस्कोट का 234 किमी की यात्रा करने के लिए कैब किराए पर लेनी होगी। लेकिन अगर आप फ्लाइट से पहुंचना चाहते हैं तो देहरादून और पिथौरागढ़ से फ्लाइट कनेक्टिविटी उपलब्ध है। इसलिए अगर आप चाहें तो पहले देहरादून और फिर वहां से पिथौरागढ़ के लिए फ्लाइट ले सकते हैं। अस्कोट में PWD का रेस्ट हाउस है, अगर यह जगह बुक हो जाती है, तो आप पिथौरागढ़ में भी रूक सकते हैं।

अस्कोट शहर में सीमित आवास विकल्प हैं। कस्बे में बजट होटल आसानी से उपलब्ध हैं। बस स्टैंड के पास छोटे-छोटे भोजनालय हैं जो मूल शाकाहारी और मांसाहारी भोजन परोसते हैं। अस्कोट घूमने का सबसे अच्छा समय अप्रैल और सितंबर के महीनों के बीच होता है।

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चाटपाल (Chatpal)

चटपाल गांव की सुंदरता का वर्णन किसी ने नहीं किया होगा। यह काश्मीर के सबसे खूबसूरत ऑफबीट पर्यटन स्थलों में से एक है। यह जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित है। शहर के जीवन की हलचल से दूर प्रकृति की गोद में परिवार और दोस्तों के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिताने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है। इसके अलावा, चटपाल के आसपास जंगलों में एक छोटा-सा ट्रेक एडवेंचर प्रेमियों के लिए एक सुखद अनुभव हो सकता है।

हालांकि, गर्मी का मौसम चटपाल जाने का सबसे अच्छा समय है। सर्दियों का मौसम आपकी इस यात्रा को कठोर बना सकता है, लेकिन अगर स्नोफॉल का मजा लेना हो, तो यहां आना अच्छा विकल्प हो सकता है। अगर आप यहां रुकने का सोच रहे हैं, तो जम्मू कश्मीर द्वारा मेनटेंन किए हुआ बंगले को आवास के रूप में चुन सकते हैं। आपको यहां सारी बेसिक सुविधाएं मिलेंगी।

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केम्म्रगुंडी, कर्नाटक (Kemmangundi, Karnataka)

जब हिल स्टेशनों की बात आती है, तो हम अक्सर दक्षिण भारत के ऊटी और कोडाईकनाल के बारे में सोचते हैं, लेकिन कम्म्रगुंडी एक ऐसा डेस्टीनेशन है, जो कर्नाटक के चिक्कमगलरू जिले में स्थित है। बैंगलोर से लगभग 273 किमी दूर यह एक ऐसी जगह है जहां झरने, पहाड़ जैसे असली परिदृश्य के बीच आराम करने का मौका मिलेगा।

कैसे पहुंचे केम्म्रगुंडी

यह जगह सड़क मार्ग चिक्कमगलुरू से 53 किमी दूर है। यदि आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट का यूज कर रहे हैं, तो आप लिंगदहली से निजी बस पकड़ सकते हैं। यहां पर राजभवन के पास ठहरने के लिए एक गेस्ट हाउस अच्छा ऑप्शन है।

कल्पा (Kalpa)

कल्पा उत्तर भारत के उन स्थानों में से एक है, जहां ऑफबीट डेस्टीनेशन की कोई कमी नहीं हे। हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्र में किन्नोर जिले में कल्पा एक ऐसी जगह है, जो गर्मी की छुट्टियों के लिए बहुत अच्छी है। सतलुज नदी घाट का यह शहर सेब के बाग, घने देवदार के जंगलों से घिरा है। हिमाचल प्रदेश के इस शहर के आसपास कई ट्रेक हैं, जिनका आप आनंद ले सकते हैं।

कैसे पहुंचे कल्पा

कल्पा सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहां शिमला और मनाली के रास्ते पहुंचा जा सकता है। यदि आप दिल्ली से बस लेने का प्लान कर रहे हैं तो रिकॉन्ग पियो तक स्टेट बस उपलब्ध हैं। ठहरने के लिए कल्पा और रिकॉन्ग में कई होटल हैं।

तुंगी, महाराष्ट्र (Tungi, Maharashtra)

लोनावला और खंडाला की सुदंरता से हम सभी परीचित हैं। लेकिन तुंगी महाराष्ट का एक ऐसा ऑफबीट डेस्टीनेशन है, जहां के दृश्य आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे। तुंगी पुणे से लगभग 85 किमी की दूरी पर स्थित हैं। तुंगी आराम करने और खुद को रीफ्रेश करने के अलावा पावना झील पर ट्रेकिंग के लिए यह एक अच्छी जगह है।

कैसे पहुंचे तुंगी

यह स्थान पुणे से 85 किमी दूर है, जहां आप सड़क मार्ग से जा सकते हैं। यहां कई होटल हैं, जहां आप ठहर कर यहाँ की वादियों का आनन्द ले सकते हैं।

मेघना कानपुर की रहने वाली हैं, इन्होंने पत्रकारिता में 3 साल का डिप्लोमा कोर्स किया है। पत्रकारिता में रुचि होने के कारण इन्होंने शुरू से ही इस क्षेत्र में अपनी सहभागिता बरकरार रखने की कोशिश की और पिछले 1 वर्षों से बतौर कंटेंट राइटर काम कर रही हैं। The Logically के माध्यम से वह समाजिक मुद्दों को परोसने की कोशिश कर रही हैं।

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