पारम्परिक घरों के विषय में अगर चर्चा हो तो वह घर दर्शनीय होने के साथ पर्यावरण के अनुकूल होता है। पहले के अधिकतर घर मिट्टी के बने होते थे और उनकी रंगाई पीली मिट्टी और गोबर के द्वारा होती थी। हमारे पूर्वज कहते थे कि यह गर्मी में हमें ठंढक प्रदान करता है। लेकिन धीरे-धीरे यह पारम्परिक घर देखने को नहीं मिल रहे हैं क्योंकि लोगों को ईंट और टायल्स से सजे घर अच्छे लग रहे हैं।
ऐसे में अब खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने वैदिक पेंट का निर्माण किया है जो बहुत ही जल्द हीं केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा लॉन्च होगा। इस पेंट के 2 वेरियंट लॉन्च होंगें। इस पेंट के निर्माण में यह दावा किया गया है कि इससे हमारे किसानों को लाभ मिलेगा।
इस पेंट का निर्माण गाय के गोबर से हुआ है और इसके 8 लाभ हैं। जो इस प्रकार हैं….
- यह पेंट एंटी बैक्टीरियल है।
- यह गर्मी से हमें और हमारे घर को राहत देगा।
- यह पेंट पर्यावरण के संरक्षण के लिए उपयोगी है।
- इसमें एंटी फंगल है।
- इसका मूल्य भी अधिक नहीं है और यह सस्ता है।
- इस पेंट की सबसे खास बात यह है कि ये गंधरहित है।
- यह नॉन-टोकिस्क है।
- यह हैवी मैटल नहीं है।
गोबर से निर्मित यह पेंट भारतीय मानक ब्यूरो से पास भी हो चुका है। इसके पेंट के निर्माण का आईडिया विनय कुमार सक्सेना ने दिया जो खादी ग्रामोद्योग (Khadi And Village Industries Commission) के अध्यक्ष हैं। विनय जी के इस आइडिए पर शोध हुआ और बहुत जल्द पेंट लॉन्च होकर वह आईडिया साकार होने वाला है।
1 लीटर पेंट का मूल्य मात्र 110 रुपये
एक रिपोर्ट के अनुसार इस पेंट का मूल्य उचित है। KVIC के डिप्टी चीफ एक्जीक्यूटिव अधिकारी सत्यनारायण शुक्ला जी ने यह जानकारी दिया कि इस वैदिक पेंट का मूल्य 110 रूपये प्रति लीटर है। वहीं अगर अन्य पेंट 1 लीटर ख़रीदा जाय तो 500-1000 रुपये की लागत होती है।
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पेंट का उद्देश्य
इस वैदिक पेंट का उद्देश्य है कि इससे किसानों को लाभ मिले साथ हीं गौ पालन को बढ़ावा मिले। हमारे किसानों को उनके गौपालन के साथ इसके गोबर से भी आमदनी हो। अब हमारे देश को इंतजार है कि यह वैदिक पेंट हमारे देशवासियों को कितना पसन्द आता है कितना नहीं। The Logically को उम्मीद है कि यह वैदिक पेंट लाभदायक होने के साथ इसका मूल्य भी उचित है तो सभी इसका उपयोग अवश्य करेंगे।