Wednesday, December 13, 2023

सुरेखा यादव बनी देश की पहली महिला लोको पायलट, महिलाओं के लिए बनी मिसाल: प्रेरणा

पुरुष प्रधान देश होने के बावजूद भी हमारे देश की महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधा-से-कंधा मिलाकर चल रही हैं। आज की हमारी यह पेशकश एक ऐसी महिला की है, जो देश की प्रथम महिला लोको पायलट हैं। उन्होंने उन सभी लोगों के मुंह पर जोड़दार तमाचा मारा है, जो महिलाओं को कमजोर समझते हैं।

Surekha Yadav becomes First women loco pilot of India

प्रथम महिला लोको पायलट

हमारे देश की प्रथम महिला लोको पायलट सुरेखा यादव (Surekha Yadav) हैं। साल 1998 में सुरेखा ने सर्वप्रथम ट्रेन चलाया था। सुरेखा यादव का जन्म महाराष्ट्र (Maharastra) के सतारा जिले में एक के किसान परिवार में हुआ। उनकी माता का नाम सोनाबाई और पिता का नाम रामचंत्र भोंसले हैं। सुरेखा ने “सैंट पॉल कॉन्वेंट उच्च विद्यालय” से अपनी शिक्षा ग्रहण की और आगे उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। वह सिर्फ पढ़ाई लिखाई में ही नहीं, बल्कि खेलकूद में भी हमेशा से अव्वल रही हैं। उनकी ख़्वाहिश शिक्षिका बनने की थी, लेकिन तक़दीर उन्हें कहीं और ले गई। – First women loco pilot

Surekha Yadav becomes First women loco pilot of India

पहले आवेदन में हुई सफ़ल

एक रिपोर्ट के अनुसार हमें यह जानकारी मिली की, 1987 में सुरेखा ने रेलवे का एग्जाम दिया था। जब रिजल्ट आया तो वह एग्जाम में सफल हो चुकी थीं। उस वक्त सुरेखा को इस पर तनिक भी विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने रेलवे में बतौर असिस्टेंट ड्राइवर ज्वाइन किया।

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करना चाहती थी देश के लिए कुछ अलग

सुरेखा ने बताया कि मौखिक एवं लिखित परीक्षा के दौरान मैं ही एक महिला कैंडिडेट वहां मौजूद थी। मुझे यह नहीं पता था कि इंडियन रेलवे में कोई महिला अभी तक ट्रेन ड्राइवर बनी है। मुझे अपने देश के लिए बहुत कुछ करना था और मैंने इसमें पहला कदम उठाया

Surekha Yadav becomes First women loco pilot of India

1998 में चलाई माल गाड़ी

सुरेखा ने सर्वप्रथम L-15 लोकल गुड्स ट्रेन चलाया, जो बंदर से कल्याण तक जाती है। सुरेखा नई महिला ड्राइवर बनी थी इसलिए उन्हें सिर्फ ट्रेन इंजन एवं सिग्नल की जांच जैसे कार्यों को सौंपा गया, ताकि वह सारे चीज अच्छी तरह से सीख सकें। – First women loco pilot

साल 1998 में उन्होंने माल गाड़ी चलाई

वर्ष 2010 में सुरेखा ने वेस्टर्न घाट में ट्रेन चलाई, जिसके लिए उन्होंने प्रशिक्षण लिया था। वही साल 2011 में एक्सप्रेस मेल ड्राइवर बनी और कल्याण के ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर में अब ट्रेनिंग भी देने लगी हैं। – First women loco pilot