क्या आप सोच सकते हैं Beggers Corporation जैसे संस्था के बारे में. इस संस्था की स्थापना वाराणसी में हो चुकी है. हम जिस चीज को सोचते रहते हैं तब कोई साहसिक व्यक्ति उठ कर वो काम कर चुका होता है.
मिलिए चंद्र मिश्रा से (Chandan Mishra)
जी हां इस व्यक्ति जिसका नाम है चंद्र मिश्रा,इन्होंने एक चमत्कारिक लाइन समाज को दिया….Dont Donate, Do Invest (आप दान मत कीजिए,निवेश कीजिए). इनके बेगर्स कॉरपोरेशन का यह टैगलाइन है जिसके माध्यम से चंद्र मिश्रा भिखारियों को आन्त्रप्रेन्योर बनाने का काम कर रहे हैं.
कैसे आया आइडिया?
बेगर्स कॉरपोरेशन (Beggars Corporation) के संस्थापक चंद्र मिश्रा (Chandra Mishra) को जब ये पता चला कि भारत में कुल 4,13,670 भिखारियों को सालाना 34,242 करोड़ लोग दान करते हैं, तो मैंने सोचा कि अगर उस राशि को निवेश किया जाए, तो इससे और अधिक पैसा कमाया जा सकता है. अगर दान किए गए पैसों का इस्तेमाल रोजगार पैदा करने और प्रशिक्षण देने के लिए किया जाए, तो इससे अर्थव्यवस्था की तस्वीर बदली जा सकती है.
Don’t Donate,Invest जैसे विचार का जन्म (Beggers Corporation)
“डोंट डोनेट, इन्वेस्ट“ यह विचार अपने आप में एक बड़े बदलाव का संकेत है. और इस बदलाव के वाहक बने हैं बनारस के रहने वाले चंद्र मिश्रा. अगर कारगर विचार को सच्चाई में उतार दिया जाए तो आप और हम ये सोच भी नहीं सकते कि ये समाज कहां से कहां पहुंच जाएगा. अगर आपकी सोच अच्छी हो, तो उसमें इतनी शक्ति होती है कि वह सही दिशा में समाज का निर्माण करने के साथ-साथ, उसे सही राह भी दिखा सकती है. चंद्र मिश्रा (Chandra Mishra) की ऐसी ही सोच ने बनारस (उत्तर प्रदेश) में ‘बेगर्स कॉर्पोरेशन’ की स्थापना की है, जिसका मकसद भिखारियों को आन्त्रप्रेन्योर (Entrepreneur) बनाना है.
Sorry, the #beggars don’t need your #donations. If you really want to help, #invest in their alternative livelihood #startup. Join us to create a model of #BeggingFree India in #Varanasi by March 2023.@narendramodi @blsanthosh @Drvirendrakum13 @RNTata2000https://t.co/gdj91t6HqS
— Beggars Corporation (@BeggarsCorp) December 11, 2021
Beggars Corporation का लक्ष्य
भीख मांगने वालों को एक नई दिशा और दशा प्रदान करने के लिए चंद्र मिश्रा ने बीड़ा उठाया. उनका मानना है कि सड़क पर भीख मांगते हुए भिखारियों को इस नर्क से हटाने के लिए जरूरी है कि उनका पुनर्वास किया जाए और साथ ही साथ उनमें Skill Develop कर उन्हें अपने लिए रोजगार का भी जरिया दिया जाए. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जनवरी 2021 में उन्होंने बैगर्स कॉरपोरेशन की स्थापना की है. इस संस्था के माध्यम से उन्होंने दो कार्यों की पूर्ति का लक्ष्य रखा –
1.पैसे कमाने के लिए सक्षम बनाना
2.जीवन जीने का सही तरीका सिखाना
If you think #beggars can’t work, please watch this video. Today for the first time she came with her child. I motivated her to work. With 15 minutes of guidance, she started stitching. What if she gets skill training under Learn & Earn? @narendramodi @blsanthosh @MSDESkillIndia pic.twitter.com/KHm3jVNugr
— Chandra Mishra (@employonomics) December 29, 2021
भिखारियों को उद्यमी बनाना मकसद
मिश्रा जी का यह लक्ष्य है कि भिखारी अपने करते आ रहे इस शर्मनाक काम की जगह पर शर्म का महत्व समझें. वो स्पष्ट रूप से कहते हैं कि मैं उन्हें रोजगार देना चाहता हूं. इस रोजगार के दम पर वो सम्मानित जीवन जी सकें ये उनका लक्ष्य है. और मैं आई लक्ष्य में उनके साथ खड़ा हूं.
We, at #BeggarsCorporation, not only try to bring #SMILE to the faces of the beggars, but also to make that smile permanent. To make them stand on their own legs with dignity, not to depend on our Donations or Charity. @SMILE_MoSJE @MSJEGOIhttps://t.co/B7mkRDYw1J
— Beggars Corporation (@BeggarsCorp) February 13, 2022
इस तरह के रोजगार को उत्पन्न किया गया
फिलहाल, 12 परिवारों के 55 भिखारी, चंद्र मिश्रा के साथ हैं, जिन्हें वह बिजनेसमैन बना रहे हैं. इन लोगों से वह, कॉन्फ्रेंस बैग, लैपटॉप बैग, कागज और कपड़े के बैग बनाकर, आम लोगों के साथ-साथ, बहुराष्ट्रीय कंपनियों और वाराणसी के होटलों में भी पहुंचा रहे हैं.
A new #MUVment.@missionvns Lab of Result Oriented Employment Policy@BeggarsCorp Turning Beggars into Entrepreneurs@themillionhands Freeing weavers from Middlemen @devfoodforsoul Redefining Pakodanomics @youthofvaranasi Career Building through Nation Building @MRP4Farmers pic.twitter.com/AJGEVd6w5v
— Chandra Mishra (@employonomics) January 20, 2022
2023 तक बनारस को beggars free करने का लक्ष्य
सरकारें सोचती रह जाती हैं और एक व्यक्ति इतना बड़ा काम कर जाता है. वो अपने प्रोजेक्ट को लेकर अत्यंत सकारात्मक हैं. और तो और उन्होंने यह भरोसा दिखाया है कि वह मार्च, 2023 तक वाराणसी को बैगर फ्री कर देंगे. इसके अलावा इस दिशा में आमूल चूल बदलाव लाने के लिए रोजगार के अलावा, इन भिखारियों की अगली पीढ़ी को भी शिक्षित करने का भी बीड़ा उठाया है. इस आगे वाली भावी पीढ़ी के लिए इस योजना के तहत एक मॉर्निंग स्कूल ऑफ लाइफ की भी स्थापना की है.
Do you want to make #banaras begging-free? Fill up this online form for #survey & Identification of beggars you come across on the streets. @BeggarsCorp @PMOIndia @blsanthosh @Drvirendrakum13 @aksharmaBharat @adgzonevaranasi @dmvaranasi2016 @holyVaranasihttps://t.co/KQOA9ijH5c
— Chandra Mishra (@employonomics) January 8, 2022
Morning School Of Life की स्थापना
चूंकि सिर्फ सड़क पर भीख मांग रहे भिखारियों को भीख मांगने से मुक्त करना ही काफी नहीं बल्कि उसके आगे वाली पीढ़ी के विषय में भी सोचना होगा. इसके लिए चंद्र मिश्रा ने मॉर्निंग स्कूल ऑफ लाइफ की स्थापना भी किया है. यह एक सामान्य शिक्षा की एक एकीकृत प्रणाली है, जहां उन्हें शिक्षित करने के अलावा, बाल भिखारियों को जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा.उनका मकसद ये है कि किसी भी बच्चे को दोबारा से भीख न मांगना पड़े.
The Logically, चंद्र मिश्रा के इस पहल की प्रशंसा करता है और उनके मकसद अपने अंजाम तक पहुंचे इसकी प्रार्थना करता है.
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