बेटी,मां,बहन और पत्नी ये सभी एक महिला के ही रूप हैं, ये हर रूप में सम्माननीय है। बेटी जहां भी है प्रेम और आदर के योग्य है।
संसार में जीवन अगर संभव है तो इनकी ही वजह से संभव है। इस संसार में स्त्री व पुरुष के समान अधिकार भी है। परन्तु आज भी शायद बहुत से लोग इस बात को समझ नहीं पाए हैं इसलिए वह बेटी और बेटे में भेदभाव करते हैं। बेटियों को हीन समझते हैं और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखते हैं। आज हम आपको बिहार की रहने वाली उन सात बेटियों के बारे में बताएंगे जो आज समाज के लिए मिशाल बन के उभरी हैं। उन्होंने समाज को यह दिखा दिया है कि बेटियां भी बेटों से कम नही हैं।
सात बहनों ने किया कमाल
(Chapra Seven Sisters)
बेटियां अपने जोश और जुनून से कुछ भी कर सकती हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बिहार में छपरा (सारण) की रहने वाली सात बहन ने। (Chapra Seven Sisters) जिन्होंने अपने मेहनत के बदौलत विभिन्न पदों पर अपना परचम लहराया है। सातों ने बिहार पुलिस, एक्साइज, क्राइम ब्रांच, रेल पुलिस, समेत अन्य अर्ध सैनिक बलों में अपना लोहा मनवा चुकी हैं और अपने देश की सेवा कर रही हैं। छपरा की इन बेटियों पर आज उनका पूरा समाज गर्व की अनुभूति कर रहा है।
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घर की स्थिति खराब
(Chapra Seven Sisters)
यह सातों बेटियां एकमा (Ekma) गांव के रहने वाले राजकुमार सिंह (Rajkumar Singh) की पुत्री हैं। राजकुमार पेशे से आटा चक्की चलाने वाले मामूली कारोबारी थे। शुरुआत में राजकुमार सिंह की आर्थिक स्थिति सही नही थी। वह किसी तरह अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। उसी समय बेटे की चाह में उनके घर लगातार सात बेटियों का जन्म हो गया। तब भी उन्होंने अपनी सातों बेटियों का ख्याल रखा एवं उन्हें अच्छी शिक्षा प्रदान की।
पड़ोस से ताना मिला
(Chapra Seven Sisters)
राजकुमार सिंह को अपने बेटियों के लिए पड़ोसी से ताना भी सुनने को मिला। पड़ोसियों ने यहां तक कहा कि सभी की शादी करवा दो इतना पढ़ाने की क्या आवश्यकता है पर राजकुमार सिंह ने किसी की एक भी बात न मानते हुए सभी बेटियों को अच्छी शिक्षा प्रदान की। बेटियों ने भी अब पड़ोसियों का मुंह बंद करते हुए अपने माता-पिता का नाम रौशन किया है।
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विभिन्न पदों पर तैनात
(Chapra Seven Sisters)
राजकुमार सिंह की पुत्रियों में क्रमशः कुमारी रानी सिंह बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस रोहतास ,कुमारी पिंकी सिंह बिहार एंड स्पेशल आर्म्ड पुलिस में रोहतास, कुमारी रेनू सिंह एसएसबी गोरखपुर, कुमारी सोनी सिंह सीआरपीएफ दिल्ली, कुमारी रिंकी सिंह एक्साइज विभाग सीवान, कुमारी प्रीति सिंह क्राइम ब्रांच जहानाबाद और कुमारी नन्हे सिंह पटना जंक्शन पर जीआरपी में तैनात हैं। आज राजकुमार सिंह का सर सबसे ऊंचा है। उन्होंने अपने पिता का धर्म बखूबी निभाया है।
महिला सशक्तिकरण की मिसाल
सातों बहन आज महिला सशक्तिकरण की उदाहरण हैं। रोमांचित करने वाली बात यह है कि सबसे बड़ी बहन रानी और उनसे छोटी रही रेणु ने पुलिस बल में आने के लिए गांव में ही शारीरिक अभ्यास शुरू किया था। कई तरह के ताने सुनने के बाद भी वह आगे बढ़ती चली गईं। साल 2006 में रेणुका का एसएसबी में कांस्टेबल पद पर अंतिम रूप से चयन हो गया। इसके बाद बाकी सभी बहनों ने भी अपना मुकाम हासिल कर लिया।
आज सातों बहनों ने यह साबित कर दिया है कि अगर इरादे पक्के हों तो कोई भी बाधा आपका कुछ नही बिगाड़ सकती।
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