Monday, December 11, 2023

परंपरागत खेती को छोड़कर जैविक विधि से कर रहे हैं बेर की खेती, सलाना 10 लाख की कमाई

किसान आजकल खेतों से अच्छा मुनाफा कमाने के लिए अपने पारंपरिक खेतों को धीरे-धीरे छोड़ रहे हैं और नए तरीके से खेती करने लगे हैं जिसे उन्हें अच्छी फसल के साथ-साथ अच्छा मुनाफा भी होता है। आज हम आपको एक ऐसे किसान के बारे में बताएंगे जिन्होंने पारंपरिक खेती को छोड़कर फलों की खेती करके मात्र 3 महीनों में लाखों रुपए का मुनाफा कम आ रहे हैं।

सुनील कुमार (Sunil Kumar)

सुनील कुमार (Sunil Kumar) हरियाणा (Haryana) के सोनीपत (Sonipat) जिले के मछोला (Machhola) गांव के रहने वाले हैं। सुनील अपने परंपरागत खेती को छोड़कर के साल 2020 में बेर के पेड़ लगाना शुरु कर दिए। हमने एक एकड़ जमीन पर बेर की बागवानी शुरू कर दी। इस बेर के बागवानी करने में पहले सीजन में ढाई लाख रुपए की लागत आई थी। इसके बाद बेर के फल को मंडियों में ना बेचकर के हमने इसे खुद बेर के सालों की पैकिंग की और उसे बेचने लगे। खुद पैकिंग कर के बेचने से हमें काफी अच्छा मुनाफा होने लगा। पहले सीजन में लगी हुई लागत एक अच्छे मुनाफे के साथ निकल गया।

Sunil Kumar

कर रहे लाखों की आमदनी

अच्छा मुनाफा होने के बाद सुनील (Sunil Kumar) इस फल को विदेशों में बेचने की तैयारी कर रहे हैं। सुनील ने बेर की बागवानी के साथ-साथ एप्पल बाल, सुंदरी और माधोपुर किस्म के बेर लगाए हैं। बेर के बागवानी पूरी तरह से जैविक विधि से की जाती है। सुनील को जैविक तरीके से बेर के पौधे लगाने के लिए उनके भाई ने सलाह दिया था। सुनील बताते हैं कि हम बेर के फल को आसपास के मार्केट में भेजते हैं और हर सीजन में हम इस बेर से लगभग 10 लाख रुपए की कमाई कर लेते हैं।

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बेर की जैविक खेती

सुनील (Sunil Kumar) बताते हैं कि बेर की बागवानी करने के लिए ज्यादा समय नहीं लगता बेर की बागवानी में सिर्फ तीन महीनों में ही इसका फल आ जाता है। यह जनवरी, फरवरी और मार्च के महीनों में बेर के फैल आ जाते हैं। फल आने के बाद हम उस फल को तोड़ लेते हैं। जब पेड़ से सारे फल टूट जाते हैं तब हम बेर के पेड़ों को नीचे से काट देते हैं। सुनील कहते हैं कि हम अपने बाग को तैयार करने में किसी भी पेस्टिसाइड का उपयोग नहीं करते हैं। हम अपने बागवानी को तैयार करने के लिए गाय के गोबर से बनाई गई खाद और उसके मलमूत्र का उपयोग करते हैं। इसके लिए हमने अपने बाग के सटे गाय भी पाल रखी है। वह बताते हैं कि हम अपने बागवानी में केमिकल फ्री बेर तैयार करते हैं जिसे लोगों का हेल्थ का नुकसान ना हो। इसके साथ-साथ हम और भी फलों की खेती की तैयारी में जुटे हुए हैं।

Sunil Berry Farming

अन्य किसानों के लिए कायम की प्रेरणा

हरियाणा (Haryana) के और भी किसान अपने परंपरागत खेती को छोड़कर जैविक खेती की तरफ अपना रुख कर लिए हैं और इस जैविक खेती करके काफी अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं। आजकल के युवा वर्ग के लोग भी अपने परंपरागत खेती को छोड़कर के जैविक खेती को अपना रहे हैं और इस जैविक तरीके से फल व सब्जियां इत्यादि की खेती करने में जुट गए हैं। युवाओं को जैविक तरीके से खेती करते देख सरकार और कृषि विभाग भी इन सबको मदद कर रही है। जैविक खेती करने से किसानों को मुनाफे के साथ-साथ वहां के लोगों को रोजगार भी मिल जाता है।