Wednesday, December 13, 2023

दो युवाओं ने शुरु किया कुल्हड़ वाली चाय का अनोखा स्टार्टअप, चाय की चुस्की के साथ एक पौधा घर लेकर जाइए

वर्तमान समय में नवयुवक पैसे कमाने के नए-नए तरीके खोज रहें हैं और उनके पास एक से बढकर एक स्टार्टअप आइडिया के साथ आगे बढ रहे हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें सिर्फ पैसे कमाने से मतलब है लेकिन उन्हीं में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी नई सोच से कमाई के साथ-साथ देश-दुनिया के लिए कुछ बेहतर और अलग भी करने की ख्वाइश रखते हैं।

गुरुग्राम का “चायस्ट स्टार्टअप” (Chaist Startup) कुछ ऐसी ही सोच के साथ आगे बढ रहा है। ये स्टार्टअप लोगों की मनपसंद चाय की चुस्की के साथ जुड़ा है।

गुरुग्राम के सेक्टर 44 में एक ऐसा टी स्टॉल है जहां चाय का स्वाद कभी नहीं बदलता है। इसकी विशेष बात है कि यहां चाय कुल्हड़ में मिलती है। वहीं इससे भी बड़ी खास बात यह है कि चाय पीने के बाद उसी कुल्हड़ में ग्राहक को एक पौधा भी गिफ्ट किया जाता है। चाय के इस टी स्टॉल का नाम “चायस्ट” (Chaist Tea Stall) है जिसकी शुरुआत नवंबर 2021 में हुई थी। इस टी स्टॉल की स्पेशल चाय और प्रकृति प्रेम ने इसे बहुत ही कम समय में काफी मशहूर कर दिया।

“चायस्ट” टी स्टॉल (Chaist Tea Stall) को धीरज पाटीदार (Dheeraj Patidar) और निलेश पाटीदार (Nilesh Patidar) ने मिलकर शुरु किया था। उन्होंने अपने इस अनोखे बिजनेस आइडिया से लोगों को कुल्हड़ में चाय पिलाने और प्रकृति का स्पर्श महसूस कराने का काम शुरु किया। यहां की दो खास बाते हैं पहला यहां की चाय और दूसरा यहां आप 20-25 रुपये एक्सट्रा देकर उसी कुल्हड़ में पौधा भी घर लेकर जा सकते हैं।

Dheeraj patidar & nilesh patidar started special chaist tea startup with kulhad

बता दें कि धीरज उन कुल्हड़ को अच्छी तरह साफ करने के बाद उसमें छोटा-सा एक पौधा लगा कर देते हैं। पेशे से एग्रीकल्चरिस्ट धीरज का मानना है कि कुल्हड़ को फेंकने के बजाय उनका इस्तेमाल गमले के रूप में किया जा सकता है। साथ ही वह पौधारोपण के लिए लोगों को जागरुक भी कर रहे हैं।

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धीरज (Dheeraj Patidar) के अनुसार, उनके ऐसे ही अन्य आउटलेट्स खुलने वाले हैं, जिसपर फिलहाल काम चल रहा है। धीरज ने सबसे पहले पार्ट टाइम के तौर पर चाय बेचने का काम शुरु किया था फिर धीरे-धीरे अपनी टीम तैयार की और काम जुट गए।

a plant potted in the tea cup

वह कहते हैं कि, वे चाय पीने के बहुत शौकीन हैं लेकिन गुरुग्राम में उन्हें कहीं भी सुकून देने वाली चाय नहीं मिली। ऐसे में उन्होंने कॉलेज टाइम से ही मन बना लिया कि चाय लवर्स के लिए ऐसी चाय बनाएँगे, जिसे पीने के बाद स्वाद को भुलाया नहीं जा सकेगा।

आगे वह कहते हैं कि, उन्होंने 200-250 लीटर दुध पर प्रयोग करते हुए ऐसी चाय बनाई, जिसका स्वाद हमेशा एक जैसा ही रहता है और लोगों को भी इस चाय का स्वाद भा गया।