आप सभी के घरों में पीली हल्दी (Turmeric आपके रसोइघर में जरूर होगी। आपने इसे खूब खाई भी होगी। लेकिन क्या आपने कभी काली हल्दी (Black Turmeric) के बारे में देखा-सुना या खाया है? जी हां, काली हल्दी भी भारत में खूब मिलती है। पीली हल्दी की ही तरह इसके भी कई सेहत लाभ होते हैं। पीली हल्दी की ही तरह काली हल्दी में भी कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। हालांकि, यह काफी महंगी भी होती है। इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में खूब होता है। इसे कई तरह के कैंसर के उपचार में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप इसकी खेती करते हैं तो आपको अधिक फायदा भी हो सकता है। (Black Turmeric farming)
काली हल्दी बंगाल में वृहद रूप से उगाया जाता है। इसका उपयोग रोग नाशक व सौंदर्य प्रसाधन दोनों रूप में किया जाता है। आप काली हल्दी उगाकर बढ़िया कमाई कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप काली हल्दी के बारे में जाने और इसके खेती के बारे में भी जानकारी रखें। आज हम आपको काली हल्दी से जुड़ी जानकारी देंगे जो आपको जानना बहुत जरूरी है। यह आपको व्यापार में अधिक मुनाफा प्रदान करेगा।
काली हल्दी के उपयोग (Uses of Black Turmeric)
काली हल्दी को पीली हल्दी से ज्यादा फायेदमंद और गुणकारी माना जाता है। इसमें अदभुत शाक्ति होती है। लिवर से संबंधित रोगों से बचे रहने के लिए आप काली हल्दी का सेवन कर सकते हैं। यह हल्दी लिवर की साफ-सफाई करती है। कैंसर की समस्या से बचे रहने के लिए भी काली हल्दी का सेवन फायदेमंद होता है। काली हल्दी बहुत ही दुर्लभ मात्रा में पाई जाती है और देखी जाती है। काली हल्दी दिखने में अंदर से हल्के काले रंग की होती है। इसका पौधा केली के समान होता है।
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रोगों के उपचार में प्रयोग (Uses of Black Turmeric)
इसका उपयोग निमोनिया, खांसी और ठंड के उपचार के लिए किया जाता है। बच्चों और वयस्कों में बुखार और अस्थमा के लिए भी काली हल्दी उपयोगी है। इसके राइजोम का पाउडर फेस पैक के रूप में किया जाता है। इसके ताजे राइजोम को माथे पर पेस्ट के रूप में लगाते है जो माइग्रेन से राहते के लिए या मस्तिष्क और घावों पर शरीर के लिए किया जाता है। सांप और बिच्छू के काटने पर इसका पेस्ट भी लगाया जाता है। हड्डियों से संबंधित बीमारी जिसमें जोड़ो में दर्द, जकड़न की समस्या रहती है। हल्दी में मौजूद गुण जैसे करक्युमिन, इबुप्रोफेन, एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व सभी हड्डियों की समस्याओं में आराम दिलाते हैं।
खेती करने का तरीका (Black Turmeric farming)
काली हल्दी के खेती के लिए कुछ बातों का ध्यान देना आवश्यक होता है। इसके लिए उचित मिट्टी की भी आवश्यकता होती है। जिसमें काली हल्दी दोमट, बुलई, मटियार, प्रकार की भूमि में अच्छे से उगाई जा सकती है। वर्षा के पूर्व जून के प्रथम सप्ताह में 2-4 बार जुताई करके मिट्टी भुरभुरी बना लें तथा जल निकासी की अच्छी व्यवस्था कर लें। खेत में 20 टन प्रति हेक्येटर की दर से गोबर की खाद मिला दें। काली हल्दी की फसल अवधी 8 से 8 1/2 माह में तैय़ार होती है।
हल्दी को सावधानीपूर्वक बिना क्षति पहुंचाए खोद कर निकालें व साफ करके छायादार सूखे स्थान पर सुखाएं। अच्छी किस्म के 2-4 सेमी के टुकड़ों में काटकर सुखा कर इसे रखें।
खेती से काफी मुनाफा (Black Turmeric farming)
एक एकड़ में काली हल्दी की खेती से कच्ची हल्दी करीब 50-60 क्विंटल यानी सूखी हल्दी का करीब 12-15 क्विंटल तक का उत्पादन आसानी से मिल जाता है। काली हल्दी 500 रुपये के करीब आसानी से बिक जाती है। ऐसे भी किसान हैं, जिन्होंने काली हल्दी को 4000 रुपये किलो तक बेचा है। कुछ ऑनलाइन वेबसाइट पर आपको काली हल्दी 500 रुपये से 5000 रुपये तक में बिकती हुई मिल जाएगी। अगर आपकी काली हल्दी सिर्फ 500 रुपये के हिसाब से भी बिकी तो 15 क्विंटल में आपको 7.5 लाख रुपये का मुनाफा होगा। इस तरह आप काली हल्दी की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
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