आज के समय में महिलाएं हर मामले में पुरुषों से कहीँ आगे हीं है। नौकरी, पेशा, कृषी, पशुपालान से लेकर राजनीति तक में महिलाएं पुरुषों से बहुत आगे है। आज हम बात करेंगे एक ऐसी महिला के बारे में, जो कि पशुपालन तथा दूध उत्पादन के मामले में पुरुषों को पीछा छोड़ चूकी हैं।
तो आइए जानते हैं उस महिला से जुड़ी सभी जानकारियां :-
कौन है वह महिला?
हम बात कर रहे हैं नवलबेन दलसंगभाई चौधरी (Navalben Dalsangbhai Chowdhary) की, जो मूल रूप से गुजरात (Gujarat) के बनासकांठा ज़िले के वडगाम तहसील के नगाणा गांव की रहनेवाली वाली है। वह एक अनपढ़ महिला है, जिनकी उम्र 62 साल है। वे पिछ्ले कई सालों से पशुपालन से जुड़ी हुई हैं। उनके चार लड़के है जो कि नौकरी में है, वे लोग भी इनकी पशुपालन में मदद करते हैं। इस तरह उनके पशु फार्म का काम बहुत अच्छे तरीके से चलता है
8,10 पशुओं से की थी शुरुआत
नवलबेन चौधरी (Navalben Dalsangbhai Chowdhary) पिछ्ले कई सालों से दूध बेच कर अच्छा-खासा पैसा कमा रही है। जब उनकी नगाणा गांव में शादी हुई थी तो उनके ससुराल में मात्र 8 से 10 पशु हीं थे। धीरे-धीरे उन्होंने मेहनत और संघर्ष करना जाड़ी रखा। आज के समय में वे उन्हीं 8, 10 पशुओं से 250 गाय और भैंस कर चुकी है। वह पशुओं से जुड़े काम में काफी रुची रखती है।
एक महिला होने के नाते 250 पशुओं का देखभाल करना कोई आसान काम नहीं है, इसके बावजूद भी आज के समय में वे एक महिला होते हुए भी लगभग इतने बड़े फ़ार्म को चला रही है, जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है। उनका कहना है कि वह आत्म निर्भर के तर्ज पर काम करना चाहती हैं। उनके यहां आज के समय में 15 कर्मचारी काम करते है।
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देश के नामी डेयरी पर बेचारी हैं दूध
आज के समय में उन्होंने लगभग 250 गायों तथा भैस को पाला हुआ है। अगर उनकी फ़ार्म की बात करे तो वह अपने इतने बड़े पशुओ के समूह से हर रोज लगभग 1000 लिटर दूध निकलवाती है। वह रोज के एक हजार लीटर दुध को देश के सबसे चर्चित डेयरी बनास डेयरी को देती है। उनके यहां से हर रोज बनास डेयरी को बड़ी मात्रा में दुध जाता है।
सलाना आमदनी एक करोड़ से ज्यादा
हर रोज लगभग 1000 लीटर दूध बेच कर वह बहुत हीं अच्छा पैसा की कमाई कर रही है। उनका कहना है क वे साल में 2.21 लाख किलो दूध का उत्पादन करती हैं। वह महीने का लगभग लाखों रूपये तथा सलाना 1 करोड़ से ज्यादा पैसा कमा रही है। उनका पशुपालन से जुड़ा काम बहुत हीं बड़े पैमाने पर है। इसके लिए उन्हें अच्छा-खासा पैसा भी अपने फ़र्म के लिए खर्च करना पड़ता है।
महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा
अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत सफलता हासिल करते हुए 62 वर्षीय नवलबेन चौधरी (Navalben Dalsangbhai Chowdhary) ने समाज को एक बहुत हीं अच्छा संदेश देने का काम किया है। उनकी यह सफलता महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा साबित हुई है। उनके इस सफलता को देखते हुए अब उनके आसपास के अनेकों महिलाओं का मनोबल बढा है, अब कई महिलाएं भी पशुपालन के तरफ अपना ध्यान देने लगी है। उनके इस सफलता को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें कई बार सम्मानित करने का काम भी किया है।