किसी ने सही हीं कहा है कि अगर जन्म गरीबी में हुआ हो तो कोई शिकायत की बात नहीं है, शिकायत तब है जब मृत्यू भी गरीबी में हो। इसका मतलब हुआ कि जीवन संघर्ष के लिए बना है, हमे पूरे जीवन संघर्ष करते हुए आगे बढ़ते जाना है।
आज हम बात करेंगे एक ऐसी महिला की जिन्होनें एक काफी गरीब परिवार में जन्म लिया और जीवन में तमाम परेशानियों को झेलने के बाद आज देश की पहली नागरिक यानी राष्ट्रपति निर्वाचित हुई है।
तो आइए जानते हैं उस महिला से जुड़ी सभी जानकारियां:-
कौन है वह महिला?
हम बात कर रहे हैं अपने देश की नवनिर्वाचित महिला राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) के बारे में, जिनका जन्म एक बहुत हीं गरीब जनजातिये परिवार में बइदापोसी गाँव, मयूरभंज, ओडिशा में 20 जून 1958 में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंचि नारायण टुडु था। उनकी शादी श्याम चरण मुर्मू के साथ हुई, जो कि पेशे से एक बैंक कर्मचारी थे, हालाकि वो अब इस दुनिया में नहीं है।
मुर्मू जी ने एक शिक्षिका के तौर पर अपने को पेश किया लेकिन शायद उनके किस्मत को यह मंजूर नहीं था। बाद में उन्होंने राजनीति में पैर रखा। वे दो बार विधायक तथा ओडिशा सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं।
President-elect #DroupadiMurmu to take oath as the 15th President of India today in the Central Hall of Parliament. pic.twitter.com/LJUqYdRtSu
— ANI (@ANI) July 25, 2022
झारखंड की पहली महिला राज्यपाल
द्रौपदी मुर्मू झारखंड राज्य के राज्यपाल का पद संभालने वाली पहली महिला थी। उनके पहले अन्य कोई भी महिला झारखंड की राज्यपाल नहीं रही है। खास बात यह है कि वे किसी भी भारतीय राज्य की पूर्णकालिक राज्यपाल बनने वाली पहली जनजातीय महिला भी हैं। वे अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत भारतीय राजनीति में सफलता हासिल करते हुए अपनी एक नई पहचान स्थापित करने में कामयाब रही।
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अब भारत की राष्ट्रपति हुई निर्वाचित
दो बार विधायक तथा एक बार ओडिशा सरकार में मंत्री रही श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी हाल हीं के राष्ट्रपति चुनाव में NDA के तरफ से राष्ट्रपति की उम्मिदवार थी। इसके पहले वे झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं। राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। इसके साथ हीं साथ वे भारत की 15वीं राष्ट्रपति के रुप में शपथ भी ले चुकी है।
The entire nation watched with pride as Smt. Droupadi Murmu Ji took oath as the President of India. Her assuming the Presidency is a watershed moment for India especially for the poor, marginalised and downtrodden. I wish her the very best for a fruitful Presidential tenure. pic.twitter.com/xcqBqRt2nc
— Narendra Modi (@narendramodi) July 25, 2022
नारी सशक्तिकरण की अप्रतिम प्रतीक, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को भारत के 15वें मा. राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर हार्दिक बधाई।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 25, 2022
निःसंदेह, आपके मार्गदर्शन व अनुभवों से भारत का लोक और अधिक समृद्ध होगा।
भारत माता की जय!
पहली भाषण से हीं लोगों की जीती दिल
राष्ट्रपति के शपथ के दौरान पहली बार नवनिर्वाचित जनजातीय महिला श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने अपने सम्बोधन भाषण में कहा कि, “मैं जिस जगह से आती हूं, वहां प्रारंभिक शिक्षा भी सपना होता है। गरीब, दलित, पिछड़े मुझे अपने प्रतिबिंब के रूप में देख सकते हैं। मैं भारत के युवाओं और महिलाओं को यकीन दिलाती हूं कि इस पद पर काम करते हुए उनका हित मेरे लिए सर्वोपरि रहेगा।”
लोगों के लिए बनी प्रेरणा
अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत सफलता की सीढियों के रास्ते शिखर तक पहुंचने में कामयाब हुई भारत की नवनिर्वाचित पहली जनजातीय महिला राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी आज के समय में लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं। उन्होंने अपने भाषण में साफ़ तौर पर इस बात का जिक्र किया कि एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हुए भी अपने मेहनत के बदौलत उन्होंने देश के सर्वोच्च पद पाने में कामयाबी हासिल की। उनकी संघर्ष की कहानी वास्तव में बहुत प्रेरणादायी है।