सोशल मीडिया कितना ताकतवर है ये तो हम सभी जानते हैं। किसी के सिंगिंग को फेमस कराना है या किसी के डांसिंग या फिर किसी के अन्य हुनर को तो सोशल मीडिया काफी कारगर है। आए दिन हम यहां कुछ ऐसे हीं वीडियो, खबरें देखते हैं जिससे थोड़ी तकलीफ भी होती है। जैसे कोई बच्चा उच्च शिक्षा ग्रहण के करने के बावजूद भी चाय और पकौड़ों को बेचकर आजीविका चलाता है और अधिक प्रसिद्ध भी हो जाता है।
एमबीए फेल कचौड़ी (MBA fail kachauri) वाला, वेवफा चाय वाला, बाबा का ढाबा और ठग्गू के लड्डू ये कुछ नाम हैं जिन्होंने बहुत ही कम वक़्त में इस सोशल मीडिया पर अधिक लोकप्रियता हासिल की। एक और कहानी यहां आ चुकी है जो एमबीए फेल कचौड़ी (MBA Fail Kachauri) वाले युवा की है जो काफी दिलचस्प है। -MBA Fail Kachauri wala
एक शख़्स जो बेंचता है अपने भतीजे के साथ कचौड़ी
उत्तर प्रदेश के आवास विकास कॉलोनी में लोहिया प्रतिमा के पास प्रतिदिन एक ठेला लगता है जो लोगों के लिए आकर्षक का केंद्र बना हुआ है। वह ठेला एमबीए फेल कचौड़ी वाले (MBA Fail Kachauri Wala) का है। यहां एक युवक अपने भतीजे के साथ मिलकर सब्जी एवं कचौड़ी बेचता है। इस ठेले पर एमबीए फेल कचौड़ी वाले का बैनर लगा हुआ है, जिसे देखकर लोगों के मन मे ये प्रश्न उठ रहा है आखिर ऐसा क्यों? इस ठेले का नाम ये क्यों रखा गया कुछ और क्यों नहीं?? इस युवक की कहानी बहुत ही दिलचस्प एवं प्रेरणादायक है।
-MBA Fail Kachauri wala
आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण भटका पढ़ाई से ध्यान और हुए एमबीए में फेल
वह युवक सत्यम मिश्रा हैं। उन्होंने बीएससी में डिग्री शिक्षा हासिल करने के उपरांत एमबीए की पढ़ाई प्रारंभ की। परंतु परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उन्होंने अपनी पढ़ाई में ध्यान नहीं दिया और वे फेल हो गए। आज 4 वर्ष बीत चुके हैं फिर भी उन्होंने एमबीए का सपना साकार रखा हुआ है और वह चाहते हैं कि उनकी पढ़ाई में आर्थिक स्थिति बाधा ना बने। इसीलिए वह ठेला लगाकर कचौड़ी बेचना शुरू किए। वह अपनी अच्छी-खासी आमदनी के साथ जिंदगी के अच्छे दिन लाने के प्रयास में जुट गए हैं। उनके साथ उनका भतीजा भी इस ठेले पर काम करता है जो हाई स्कूल में फेल हो चुका है। -MBA Fail Kachauri wala
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शुरू किया कचौड़ी बेचना, भतीजा भी करता है मदद
सत्यम मिश्रा के पिता जी का नाम वीरेंद्र मिश्रा है जो कि कंपिल क्षेत्र के गांव दीपपुर नगरिया से नाता रखते हैं। सत्यम साल 2018 में बरेली हाईवे स्थित संस्थान में एमबीए के लिए स्टूडेंट थे परंतु वह इसमें असफल हो गए। कुछ वक्त तक दर-दर की ठोकरें खाने के उपरांत उन्होंने विकास कॉलोनी में कमरा रेंट पर लिया एवं लोहिया प्रतिमा के पास एक ठेला लगाया और पकौड़ी बेचना प्रारंभ कर दिया। उनका भतीजा नितिन मिश्रा जो कि हाई स्कूल में फेल है वह अपने चाचा की मदद करता है। -MBA Fail Kachauri wala
अच्छी आमदनी हुई तो करेंगे एमबीए का सपना साकार
सत्यम ने यह जानकारी दिया कि उनके बड़े भाई का नाम शिवदत्त मिश्रा है जो कि दिल्ली के निवासी हैं। उनकी 4 चार बहने हैं जिसमें से तीन बहनों की शादी हो चुकी है और एक बहन अविवाहित है सत्यम भी अभी शादी के बंधन में नहीं बंधे। वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए प्रयास में लगे हैं। उन्होंने ठेले पे भुगतान के लिए ऑनलाइन सेवा रखी है। उनकी ख़्वाहिश है कि इस ठेले से उन्हें अच्छी आमदनी होगी और वे अपने एमबीए के सपने को पूरा करेंगे।
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