अधिकांश लोग उच्च शिक्षा हासिल करके अच्छी नौकरी करना चाहते हैं ताकि एक आलिशान जीवनयापन कर सके। लेकिन ये भी सच है कि अच्छी पैकेज वली नौकरी हासिल करने के बाद भी ऐसे अनेकों लोग हैं जो उसे ठोकर मारकर कृषि की तरफ रुख कर रहे हैं। उन्हीं लोगों में से एक है रजविंदर सिंह धालीवाल (Rajvinder Singh Dhaliwal) जो अमेरिका की अच्छी सैलरी वाली नौकरी छोड़ कर खेती करके अपने क्षेत्र में मिसाल पेश किए हैं।
विदेश जाना चाहते थे रजविंदर
रजविंदर सिंह धालीवाल (Rajvinder Singh Dhaliwal) पंजाब (Punjab) के मोगा के रहनेवाले हैं जो अमेरिका के एक ट्रांसपोर्ट कम्पनी का ट्रक चलाते थे। लेकिन अब अपने गांव लोहरा में ऑर्गेनिक फार्मिँग (Organic Farming) करते हैं। रजविंदर सिंह ने बताया कि उनके घरवाले अमेरिका में जबकी ननिहाल के लोग कनाडा में रहते हैं। ऐसे में उन्हें भी शुरु से ही विदेश जाने का शौक था जो मां की सहायता से 32 साल की उम्र में पूरा हुआ।
भारतीय संस्कृति को मरते देख आया वापस भारत लौटने का विचार
भारत विविधताओं का देश है जहां एक साथ सभी वर्ग और समुदाय के लोग रहते हैं। साथ ही भारतीय संस्कृति में अपनापन है लेकिन अमेरिका बिल्कुल अलग है। वहां पश्चिमी सभ्यता का बोल-बाला है। रजविंदर सिंह कहते हैं कि एक वर्ष तक उन्होंने जीविका के लिए कई सारी छोटी-बड़ी नौकरियां की। यहां तक कि उन्होंने कभी सड़कों पर ट्रैक चलाया तो कभी होटलों में काम किया।
हालांकि, यह अमेरिका उनके सपनों से बिल्कुल अलग था। यहां उन्होंने देखा कि भारतीय संस्कृति दम तोड़ रही है उसी समय उन्होंने वापस भारत आने का फैसला कर लिया था। लेकिन उनका यह फैसला बाकी घरवालों को पसंद नहीं था। Punjab farmer Rajvinder Singh Dhaliwal left USA job and returned to India and started organic farming
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शुरु की खुद की कम्पनी
अमेरिका से अपने देश वापस लौटने में उन्हें लगभाग 4 वर्षों का समय लगा और वे साल 2012 में भारत लौट आएं। यहां आजीविका के लिए उन्होंने पंजाब के बटिंडा में फलों का कारोबार शुरु और कड़ी मेहनत के बल पर एक छोटी-सी कम्पनी की शुरूआत की। हालांकि, वे इससे कुछ अलग और बड़ा करना चाहते थे। तभी उन्होंने सोचा कि क्यों न गांव में धरती मां की सेवा किया जाएं।
6 एकड़ पर शुरु की गन्ने की खेती
गांव की मिट्टी के लिए खुद को समर्पित करने के लिए उन्होंने अपनी कम्पनी बेच दी और लोहरा गांव चले गए। उसके बाद उन्होंने साल 2017 में लगभग 6 एकड़ जमीन पर “लोहारा फार्म” (Lohara Farm) खोला और गन्ने की खेती (Sugarcane Farming) शुरु किया। उस समय से लेकर अभी तक उन्होंने अपने खेतों में केमिकल खाद का इस्तेमाल न करके प्राकृतिक खाद (Natural Compost) ही प्रयोग किया है। उन्होंने खेत के किनारे-किनारे काई है फलदार पेड़ भी लगाएं हैं। रजविंदर सिंह गन्ने को बेचने के बजाय उससे बनने वाले मीठे पाउडर से गुड़ (Jaggery) बनाते हैं।
रजविंदर सिंह द्वारा बनाई गई गुड़ की है काफी मांग
रजविंदर सिंह द्वारा बनाए गए गुड़ की कीमत मार्केट में काफी ज्यादा है। मार्केट में सामान्य गुड़ की कीमत 100 रुपये/किलो है जबकी मसाला गुड़ की कीमत 350 रुपये तक है। वहीं यदि गुड़ की पैदावार की बात करें तो लगभग 10 टन तक गुड़ (Jaggery) का उत्पादन करते हैं जिससे उन्हें सालाना 12 लाख रुपये का टर्नओवर होता है।
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आती है परिवार वालों की याद
रजविंदर बताते हैं कि, पारिवार वालों की बहुत याद आती है। हालांकि, अमेरिका से भारत लौटे काफी समय बीत गया लेकिन अभी तक परिवारवालों की नाराजगी दूर नहीं हुई। वह आगे कहते हैं कि, उन्हें लगता है अमेरिका से वापस अपने देश लौटना गलत फैसला था और शायद इसीलिए उन्हें खेती में परिवार के किसी सदस्य का साथ नहीं मिलता है।
रजविंदर सिंह (Rajvinder Singh Dhaliwal) 44 वर्ष को उम्र में भी अपने खेत में प्रतिदिन लगभग 12 घन्टे काम करते हैं साथ मार्केटिंग का काम भी अकेले ही देखते हैं। इसके अलावा उन्होंने अपने फार्म में ही एक कच्चा घर बनाया है। Punjab farmer Rajvinder Singh Dhaliwal left USA job and returned to India and started organic farming