सत्य का संघर्ष सत्ता से, न्याय लड़ता निरंकुशता से,
अँधेरे ने दी चुनौती है, किरण अंतिम अस्त होती है।
दांव पर सब कुछ लगा है, रुक नहीं सकते;
टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते।
सन् 1975 में आपातकाल के दिनों में लिखी गई यह पंक्ति बहुत ही कारगर साबित हुई। इसे लिखा है भारत के दसवें प्रधानमंत्री, लोकतंत्र के सजग प्रहरी, कुशल राजनीतिज्ञ, हिन्दी कवि, पत्रकार तथा एक प्रखर वक्ता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले अटल बिहारी वाजपेई ने।
दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई (Atal Bihari Vajpayee) का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। अटल जी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहें। प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद अटल जी पहले ऐसे गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं जो लगातार दो बार प्रधानमंत्री बने। वह ऐसे पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी भाषा में भाषण देकर देश को गौरवान्वित किया था। उन्होंने विकसित व सम्पन्न देशों के नाराजगी की परवाह किए बगैर देश को सर्वोपरि रखा और साहसी कदम उठाये थे। कारगि’ल यु’द्ध के समय भी निडर और निर्भीक होकर उन्होंने देश की रक्षा की थी।
अटल जी के विचारों पर शक्ति सिन्हा की लिखी किताब, ‘वाजपेयी: दि ईयर्स दैट चेंज्ड इंडिया’
अटल बिहारी वाजपेई की 96वीं जयंती पर उनके विचारों और कार्यों पर प्रकाश डालती एक नई किताब बाज़ार में उपलब्ध होगी। यह किताब ‘वाजपेयी: दि ईयर्स दैट चेंज्ड इंडिया’ के नाम से लोगों के समक्ष होगी। इस किताब के लेखक हैं, शक्ति सिन्हा (Shakti Sinha). इन्होंने 1990 के दशक में अटल बिहारी वाजपेई के साथ लगभग साढ़े तीन साल तक काम किया था। यह अटल जी के निजी सचिव थे। शक्ति सिन्हा एमएस विश्वविद्यालय जो वडोदरा में स्थित है, वहां इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मानद निदेशक हैं।
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किताब में है कई बातों का ज़िक्र
सिन्हा ने कहा, ‘आज अटल बिहारी वाजपेयी को शिद्दत से याद किया जाता है। लोग नहीं जानते कि वर्ष 1998 में उनके लिये सरकार बनाना और फिर उसे चलाना कितना मुश्किल था।’ आगे इन्होंने कहा, ‘इसके बावजूद उन्होंने परमाणु परीक्षण का और विरोधाभासी तरीके से पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने का फैसला किया। करगि’ल का जब युद्ध हुआ तो उन्होंने कैसे साहसिक तरीके से भारत की रक्षा की और प्रधानमंत्री के तौर पर सफल होने से उन्हें रोकने के लिये कैसे उनकी सरकार गिराई गई।’ इन सभी बातों को ज़िक्र शक्ति सिन्हा की किताब ‘वाजपेयी: दि ईयर्स दैट चेंज्ड इंडिया’ में है।
96वीं जयंती पर भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी संस्कृत संकल्प केंद्र का होगा उद्घाटन
उत्तर प्रदेश सरकार ने अटल जी के 96वीं जयंती पर उनके पैतृक गांव बटेश्वर में 14 करोड़ रुपये की विकास परियोजना शुरू करने का फैसला लिया है। यहां एक सांस्कृतिक केंद्र (भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी संस्कृत संकल्प केंद्र) होगा जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इसमें जहां खुला थियेटर, लाइब्रेरी, बच्चों के लिए पार्क व प्लेइंग स्पेस के साथ-साथ कई सुविधाएं होंगी।
पद्म विभूषण और भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेई (Atal Bihari Vajpayee) ने अपने असाधारण व्यक्तित्व से लोगों के दिल में अपनी जगह बनाई है। The Logically ऐसे महान और प्रेरणादायक व्यक्तित्व को श्रद्धेय श्रद्धांजलि अर्पित करता है।