Wednesday, December 13, 2023

दुनिया की सबसे लंबी हाई एल्टीट्यूड सुरंग अब भारत मे बना, यह लेह और मनाली को जोड़ता है: अटल सुरंग

इस बात की जानकारी सभी को होगी कि हिन्दी कवि, पत्रकार, कुशल राजनीतिज्ञ व एक प्रखर वक्ता के रूप में पहचाने जाने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को मनाली से बहुत ज्यादा प्रेम था। इन्होंने एक प्रोजेक्ट की धोषणा भी की थी जिसमें लेह और मनाली को जोड़ना था। अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 3 जून 2000 को 3,200 करोड़ रुपये की परियोजना की घोषणा की गई थी और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को दी गई थी।

सुरंग के माध्यम से होगा पूरे वर्ष यातायात

इस सुरंग का नाम रोहतांग सुरंग (Rohtang Tunnel) था लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने 2019 में इसे बदल कर अटल सुरंग (Atal Tunnel) रखा। अटल रोहतांग सुरंग का उद्घाटन सितंबर के अंत तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा किया जाना था। इस सुरंग के निर्माण में यह सुनिश्चित किया गया है कि मनाली (Manali) और लेह (Leh) के बीच पूरे साल निर्बाध यातायात हो सके।

पीएम मोदी ने रोहतांग में 10 हज़ार फीट ऊंचाई पर बने अटल सुरंग का उद्घाटन शनिवार (3 अक्टूबर) को किया। दुनिया में सबसे लंबे हाई-एल्टीट्यूड रोड सुरंग की छवियां लुभावनी हैं। यह सुरंग दुनिया की सबसे लंबी रोजमर्रा सुरंग है।

हिमाचल प्रदेश के मनाली के बीच समुद्र तल से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है। लगभग एक दशक के बाद सबसे लंबी ऊंचाई वाली सड़क सुरंग अब पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुकी है। सुरंग की नई छवियां जो रोहतांग दर्रे के नीचे खुदी हुई हैं, उसकी पेंटिंग भी लुभावनी है। इस सुरंग का उद्घाटन पीएम मोदी ने 3 अक्टूबर को किया है।

सुरंग की चौड़ाई और लंबाई

सुरंग 10 मीटर चौड़ी 8.8 किमी लंबी और घोड़े की नाल के आकार की है। यह 10,000 फीट पर स्थित है। आमतौर पर रोहतांग दर्रे को पार करने में लगभग पांच घंटे लगते हैं लेकिन अब समय कम हुआ है। मनाली-एलईडी सड़क अब 46 किमी तक छोटी हो गई है। इसका फायदा वहां की आम जनता को भी होगा।

सुरंग लद्दाख के दो मार्गों में से एक है। मार्ग का उपयोग वहां की सैन्य चौकी को फिर से खोलने के लिए भी किया जाएगा। लद्दाख में दूसरा रास्ता ज़ोजिला दर्रे से होकर जाता है जो कश्मीर घाटी को द्रास से जोड़ता है। सुरंग कुल्लू जिले के मनाली को लाहौल-स्पीति जिले से जोड़ती है। इसकी बदौलत लाहौल से आने-जाने के लिए सामग्रियों की आवाजाही आसान हो जाएगी।