बढ़ते डीजल और बिजली की कीमतों का असर किसानों पर भी पड़ रहा है। आमतौर पर किसान पारंपरिक तरीके से सिंचाई के लिए डीजल और बिजली का प्रयोग करते हैं, परंतु इसकी बढ़ती कीमत से कृषि लागत में काफी बढ़ोतरी हो गई है। इसके समाधान के लिए सरकार अब माइक्रो इरिगेशन सिस्टम यानी सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से खेतों की सिंचाई को बढ़ावा दे रही है। यह एक ऐसी पद्धति है जिसके जरिए फसलों की जड़ों में सीधे तौर पर पानी को डाला जाता है, ताकि पानी की बर्बादी भी ना हो और फसलों के अंदर पानी की समुचित मात्रा भी चली जाए। ड्रिप इरिगेशन तकनीक इसके अंतर्गत आती है। – benefits of micro irrigation system
माइक्रो इरिगेशन सिस्टम से किसानों को होगा लाभ
माइक्रो इरिगेशन सिस्टम से खेतों की सिंचाई करने से किसानों की लागत कम होती है और उत्पादकता बढ़ जाती है, जिससे किसानों को ज्यादा लाभ होगा। यही कारण है कि भारत सरकार माइक्रो इरिगेशन सिस्टम को बढ़ावा दे रही है। साथ ही किसानों को इसके प्रयोग के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है। ट्वीट के जरिए शुक्रवार को कृषि विभाग ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से फल और सब्जियों की उत्पादकता को क्रमश: 42 और 52 प्रतिशत बढ़ाने में मदद करती है। – benefits of micro irrigation system
सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से फल और सब्जियों की उत्पादकता को क्रमशः 42% और 52% बढ़ाने में मदद करती है।#AatmaNirbharKrishi@nstomar @narendramodi @PRupala @KailashBaytu @PMOIndia @MyGovHindi @mygovindia @icarindia @MIB_India @PIBAgriculture @PIB_India @pmfby pic.twitter.com/MtHJxYZVwW
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) June 25, 2021
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सरकार माइक्रो इरिगेशन सिस्टम को कर रही प्रमोट
सरकार माइक्रो इरिगेशन सिस्टम की दिशा में काम करते हुए पिछले सात सालों में 60.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर कर लिया गया है। आने वाले पांच सालों में सिंचाई की इस पद्धति के तहत 100 लाख हेक्टेयर भूमि कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। इस साल में कुल 20 लाख हेक्टेयर जमीन इसके तहत कवर की जाएगी। इसके अलावा सरकार ने इसे प्रमोट करने के लिए 2021-22 के बजट में इसका फंड 5000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10,000 करोड़ कर दिया है। – benefits of micro irrigation system
माइक्रो इरिगेशन से पानी की बचत होगी
माइक्रो इरिगेशन के इस्तमाल से किसानों का ऊर्जा और खाद पर होने वाला खर्च कम हो जाएगा। इसके अलावा उत्पादकता में भी इजाफा हो सकता है। पानी की कमी को देखते हुए सिंचाई का पैटर्न बदलना बहुत जरूरी है। विशेषज्ञ के अनुसार माइक्रो इरिगेशन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से 48 फीसदी तक पानी की बचत होगी। इसके नई पद्धति से ही पानी के साथ फर्टिलाइजर का घोल मिला देने से 20 फीसदी तक पानी की बचत होगी। – benefits of micro irrigation system
माइक्रो इरिगेशन के बहुत से तरीके हैं
माइक्रो इरिगेशन से सूक्ष्म सिंचाई में ड्रिप इरिगेशन, माइक्रो स्प्रिंकल (सूक्ष्म फव्वारा), लोकलाइज इरिगेशन (पौधे की जड़ को पानी देना) आदि तरीके हैं। कृषि क्षेत्र में 85 से 90 फीसदी तक पानी की खपत होती है, जबकि देश के कई हिस्सों में पानी की बहुत किल्लत है। खेत में पानी भर देने वाली पद्धति से खर्च ज्यादा होता है। इसमें मिट्टी में डाली गई खाद भी नीचे चली जाती है, जिससे उत्पाद कम होता है और किसानों को नुकसान हो जाता है। – benefits of micro irrigation system