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यह ‘दीवार’ है या ‘बस’, अपनी पेंटिंग से दीवारों में भी जान डाल देता है यह आर्टिस्ट: तस्वीरें आपको चौंका देंगी

“ Illusion is the first of all pleasures….” (भ्रम सबसे पहला सुख है)

“ Illusion is needed to disguise the emptiness within….” (खालीपन को दूर करनें के लिए भ्रम ही आवश्यकता है)

यदि उपरोक्त दोनों कथनों को एक बार मिला कर देखा जाये तो ये जीवन की ऐसी सच्चाई को दर्शाते हैं जिससे मुंह नही मोड़ा जा सकता। कभी-कभी मनुष्य विषाद की उस स्थिति में होता है जिसमें उसे जीवन व समाज की कटुता कतई नही भाती ऐसे में वो अपने जीवन का खालीपन दूर करनें के लिए भ्रम को ही चरम सुख समझनें लगता है। कभी-कभार ऐसा भी देखा गया है कि अपनें भीतर छिपे रहस्य को दर्शानें के लिए लोग भ्रमात्मक कलाओं का सहारा भी लेते हैं जिसे अंग्रेज़ी में इल्यूज़न आर्ट (Illusion art) कहा जाता है। ऐसे में Illusion art में मास्टर कहे जानें वाले पुर्तगाली आर्टिस्ट (Portuguese artist) सर्जियो ओडिथ (Sergio Odeith) का नाम लेना ज़रुरी हो जाता है जो सादा से दिखनें वाले सिमेंट ब्लॉक्स या खाली पड़ी जगह को अपने हुनर और सप्रे पेंटस् के ज़रिये Illusion देकर दर्शकों को भ्रम की उस स्थिति में ला देते हैं कि निर्जीव पत्थरों पर उकेरी गई कृतियां जीवित प्रतीत होती हैं और लोग यह भूल जाते हैं कि पूर्व में ये केवल एक सादा पत्थर या जगह थी।

ओडिथ (Odeith) की हर कलाकृति अपने आप में एक अनूठा प्रयास है

Master of Illusion ओडिथ की हर रचना अपने आप में कितनी अनूठी और यादगार है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि काफी वर्षों से खाली पड़े एक गोदाम के कोनें में स्थित सीमेंट के एक बड़े व सादे से ब्लॉक को अपनी आर्ट व इमेजिनेशन के ज़रिये ओडिथ ने एक जर्जर स्कूल बस का रुप दे दिया। पहली नज़र में ये बस किसी खाली स्थान पर खड़े वाहन जैसी ही लगती है। किसी को भी सम्मोहित (Hypnotize) कर लेने वाला ये आर्ट इतना वास्तविक लगता है कि आज इसनें सोशल मीडिया पर सनसनी फैला दी है।

 Best Illusion art by Odeith

ओडिथ की इस Illusion बस से जुड़ा मामला भी रोचक है

Illusion art के द्वारा बनाई गई बस से संबधित एक रोचक वाकया ये हुआ जब सोशल मीडिया पर गोदाम में पड़े उस बड़े से ब्लॉक की पिक्चर पोस्ट कर ओडिथ नें अपनें फोलोअर्स से ये पूछा कि – अनुमान लगाएं कि पेंट के ज़रिये वो इस पर क्या बनाने वाले हैं। लेकिन उनके फोलोअर्स को ये देखनें के लिए ज़्यादा दिन इंतज़ार नही करना पड़ा और केवल तीन दिनों में बनाये गए अपने इस Illusion से पर्दा हटा ओडिथ ने सबको चौंका दिया।

ओडिथ अपनी हर Illusion art पर बारीकी से पकड़ रखते है

आप ये जानकर और भी हैरान हो जाएंगें कि उन्होनें न केवल उस पत्थर को एक स्कूल बस का रुप दिया बल्कि पास की दीवार पर ऐसी बारीकी से पेंटिंग की मानों बस की परछाई (shadow) दीवार पर पड़ रही हो।

अपने आर्ट को ब्लैक पेंट के ज़रिये आउटलाइन देना भी नही भूलते ओडिथ

उनके Illusion art की फोटो को देखकर आप उनकी इस कार्य कुशलता की सराहना करे बिना कभी नही रुक पाएंगें कि वे अपनी हरेक आर्ट को ब्लैक पेंट से आउटलाइन देना तक नही भूलते।

दिमाग ही नही शब्दों से परे है ओडिथ की कला

भ्रम की स्थति में लाकर एक अलग दुनिया में ले जाने वाली ओडिथ की आर्ट सब सोच-समझ से परे है और अगर आप उनकी कला को शब्दों में समटनें की चाहत रखते हैं तो भूल जाइये क्योकि ऐसा संभव नही है। उनकी हर रचना अपनें आप में इतनी सक्षम व अद्भूत है कि आप उस भ्रामक तस्वीर या Illusion art को वास्तविक समझनें को मजबूर हो जाएंगें।

Illusion art की दुनिया में ओडिथ नें बना लिया है शीर्ष स्थान

सटीकता से किये गए अपने काम के द्वारा ओडिथ ने भित्तिचित्रों(Graffitti) की दुनिया में आज एक अलग मुकाम हासिल कर लिया है।

थ्री डायमेशनल इल्यूज़न आर्ट बनाते हैं ओडिथ

शुरुआती दिनों में अपने जन्म स्थान लिस्बन में घरों की दीवारों को कवर करते हुए ओडिथ नें ‘यूनीक थ्री डायमेशनल इल्यूज़न आर्ट तकनीक’ (unique three dimensional illusion art technique) के माध्यम से एनामार्फिक जानवरों की तस्वीरें उकरते हुए जल्द ही खुद को master of illusion art कहलवाना शुरु कर दिया था। उन्होनें समतल जगहों व प्लेन दीवारों पर मकड़ियों, मक्खियों की ऐसी कृतियां बनाई लगा कि मानों आप उन्हें छू सकते हैं, उठा सकते हैं।

शुरुआती दिनों में स्ट्रीट आर्ट तक सीमित थे ओडिथ

1976 में डामिया अमाडोरा, लिस्बन( Damia Amadora, Lisban) में जन्में सर्जियो ओडिथ ने ग्राफोटिज़्म के पन्नों से गुज़रते हुए अपनें बचपन में स्ट्रीट आर्ट के क्षेत्र में ही काम करते हुए इंटरनेट का सहारा लिया।

ओडिथ टैटू आर्टिस्ट के रुप में भी कर चुके हैं काम

टैटू आर्टिस्ट के रुप में काम कर चुके ओडिथ ने आज अपनी अभूतपूर्व कला के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हासिल की है। भित्तिचित्र कला के क्षेत्र में ही और जानकारी हासिल करनें के लिए ओडिथ ने 2005 में लंदन का रुख भी किया जिसे हमेशा से ही आर्टिस्टीक कैपिटल (artistic capital) के नाम से जाना जाता रहा है।

ओडिथ दुनिया के सबसे बड़े ब्रांडस् के साथ कर रहे हैं

वर्तमान में दुनिया के शीर्ष ब्रांडस् के साथ काम कर रहे ओडिथ अपने उन दिनों को हमेशा याद रखते है जब वो एक युवा पेंटर के रुप में ट्रेनों नें अपना वक्त बिताया करते थे।

अर्चना झा दिल्ली की रहने वाली हैं, पत्रकारिता में रुचि होने के कारण अर्चना जामिया यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं और अब पत्रकारिता में अपनी हुनर आज़मा रही हैं। पत्रकारिता के अलावा अर्चना को ब्लॉगिंग और डॉक्यूमेंट्री में भी खास रुचि है, जिसके लिए वह अलग अलग प्रोजेक्ट पर काम करती रहती हैं।

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