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बॉक्सिंग रिंग में लड़कों को देख हुईं प्रेरित, आज 5 बार विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीत चुकी हैं: Mary Com

मैंगते चंग्नेइजैंग मैरीकाॅम आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। महिला मुक्केबाजी के क्षेत्र में मैरीकॉम ने सफलता का ऐसा ध्वज लहराया जिसे दुनिया सलाम करती है !

मैरीकाॅम का जन्म 1 मार्च 1983 को मणिपुर के सांगा नामक स्थान पर हुआ था। इनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी जिस कारण इनका बचपन अभावों और संघर्षों में बीता। शुरू से हीं इनका मन पढाई से ज्यादा एथलेटिक्स में लगता था। एक बाॅक्सिंग रिंग में लड़कों-लकड़ियों को लड़ते देख इनके मन में आया जब ये कर सकते हैं तो मैं भी कर सकती हूँ। लेकिन इनके लिए मुक्केबाज उतनी सरल नहीं थी। एक तो महिला होने के कारण और दूसरा उनकी कमजोर आर्थिक स्थिति। मैरीकॉम को एक महिला होने के नाते उनका सफर आसान नहीं था लेकिन उनके चट्टानी हौसलों ने उनके सफर के बाधाओं को रौंद दिया। ज़िन्दगी में बहुत सारे उतार-चढावों के बावजूद भी मैरीकाॅम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और हमेशा आगे बढती रहीं। मुक्केबाज़ी के क्षेत्र में इनका सफर नित नए मुकाम को हासिल करता चला गया।

Mary Com
    मैरीकॉम अब तक पाँच विश्व बॉक्सिंग चैम्पियनशिप, सहित कई प्रतियोगिता को अपने नाम कर चुकी हैं। अर्जुन पुरस्कार, राजीव गाँधी खेलरत्न पुरस्कार सहित अनेकों पुरस्कार पाने पाने वाली मैरीकॉम को भारत सरकार ने 2010 में पद्मश्री और 2013 में पद्मविभूषण जैसे अलंकार से सम्मानित किया। 2014 में इनकी जीवनी पर एक फिल्म भी बन चुकी है जिसे लोगों ने बेहद सराहा है।

     महान खिलाड़ी, बुलन्द हौसलों, दृढ इरादों और अथक परिश्रम की पराकाष्ठा और खेल जगत के महान प्रेरणाओं में से एक मैरीकॉम के साहस, बुलन्द हौसलों और उनकी सफलता के लिए The Logically उन्हें सलाम करता है।
Vinayak is a true sense of humanity. Hailing from Bihar , he did his education from government institution. He loves to work on community issues like education and environment. He looks 'Stories' as source of enlightened and energy. Through his positive writings , he is bringing stories of all super heroes who are changing society.

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