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200 सालों से इस पीढ़ी के लोग भाप से चलने वाला पंखा बनाते हैं, विदेशों से भी भी इस पंखे का डिमांड आता है

हमारे देश के आईआईटी संस्थान में ऐसे बहुत से कार्यों को किया जाता है, जिससे लोगों को मदद मिलती है। आईआईटी संस्थान रुड़की (IIT roorkee) ने भी अपने कारनामों से हमेशा ही सफलता के ध्वज लहराए हैं। आज से लगभग दो सौ साल पहले रुड़की द्वारा भाप से चलने वाला पंखा आज भी उपयोग में शामिल है।

जुड़ी हैं तीन पीढियां

भाप द्वारा चलने वाले टेबल पंखे से अरशद मामून एवं उनकी 3 पीढ़ियां जुड़ी हुई हैं। रुड़की (Roorkee) निवासी अरशद मामून (Arshad mamun) कहते हैं कि हमें ये भाप चलित पंखा विरासत में मिला है। उन्होंने पुराने भाप चलित पंखे का निरीक्षण कर 10 नए पंखे का निर्माण किया है। -Steam Fan

Business of steam fan by Arshad Mamun generation since 200 years

विदेशियों की भी है पसन्द

शुरुआत में उन्होंने एक भाप चलित पंखे से अपना कार्य शुरू किया, जिससे अभी तक उनकी आजीविका चल रही है। भाप चलित पंखा हमारे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोगों द्वारा बहुत पसन्द किया जाता है। ऐसे बहुत से व्यक्ति हैं, जो अपने शौक के लिए भाप चलित पंखे को रखते हैं। -Steam Fan

पूर्वजों से सब सीखा है

बड़े संस्थान के सभी छात्र इस मॉडल के लिए अरशद महमूद के पास आते हैं, ताकि वह प्रैक्टिकली करके इसे सीख सकें और भाप चलित पंखे का निर्माण कर सकें। अरशद ने यह बताया कि मैंने कोई भी इंजीनियरिंग की शिक्षा नहीं ली है, बल्कि मुझे यह अनुभव अपने पूर्वजों से प्राप्त हुआ है। जब वह छोटे थे तब से ही उन्होंने अपने घर में इस कारीगरी को करते हुए देखा और सब सीख लिया। -Steam Fan

किरोसिन तेल से चलता है पंखा

अरशद ने जानकारी दी कि इस पंखे के निचले भाग में किरोसिन तेल को डाला जाता है फिर उसे जलाया जाता है। वहीं आगे इसे पिस्टन द्वारा चलाया जाता है। -Steam Fan by Arshad Mamun

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