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वेटर से लेकर कुक तक सभी शारीरिक रूप से असक्षम, जानिए जमशेदपुर के इस अनोखे कैफे के बारे में: Cafe La Gravitea

हमारी लाइफ में छुट्टी के पलों में शामिल होने वाला सबसे प्यारा कोना कैफे भी होता है। जहां दोस्त यार इकट्ठा होते हैं, और अपना समय बिताते हैं। अब तो हर शहर में कैफे मौजूद है। आइए जानते हैं झारखंड के इस कैफे के बारे में।

झारखंड (Jharkhand) के जमशेदपुर शहर में स्थित कैफे ला ग्रेविटिया (Cafe La Gravitea) को केवल कर्मचारियों द्वारा चलाया जाता है। इस कैफे में कुल 10 युवा काम करते हैं। वे खाना पकाने के साथ-साथ कैफे के अन्य काम भी सभालते हैं। उस कैफे के मालिक आशीष दुग्गर (Ashish Duggar) ने साल 2015 में एक स्टील कंपनी में उपाध्यक्ष के रूप में अपनी उच्च वेतन वाली नौकरी छोड़कर एक चाय की दुकान खोली थी। – Cafe La Gravitea in Jamshedpur

Cafe La Gravitea in Jamshedpur

एक लड़की से प्रेरित होकर खोला कैफे

आशीष नौकरी छोड़कर समाज के लिए कुछ करना चाहते थे। इसकी प्रेरणा उन्हें एक युवक और उसकी बहन से मिली, जो उनके चाय की दुकान पर गए थे। सुनने की अक्षमता के कारण लड़की को कई बार नौकरी से इनकार का सामना करना पड़ा था। उस लड़की से मिलने के बाद आशीष को यह एहसास हुआ कि अवसर तो सामने है और उसके बाद ही उन्होंने एक कैफे खोलने का फैसला किया। आशीष दुग्गर ने (Ashish Duggar) 11 कर्मचारियों के साथ कैफे खोला जिनमें से दस सुन नहीं सकते हैं इसलिए यहां सभी को एक दूसरे से इशारों में ही बात करनी पड़ती है। यह कैफे संचार के लिए सांकेतिक भाषा का उपयोग करता है। – Cafe La Gravitea in Jamshedpur

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कैफे ला ग्रेविटिया जमशेदपुर के प्रसिद्ध भोजनालय में से एक है

आशीष बताते हैं कि शुरूआत में कई मुश्किले आईं क्योंकि उन्हें कर्मचारियों के साथ संवाद करने में कठिनाई होती थी, लेकिन पिछले छह महीनों में उन्होंने सांकेतिक भाषा सीख ली है, जिससे अब ग्राहकों को संवाद करना आसान हो गया है। आशीष बताते हैं कि कैफे ला ग्रेविटिया को जमशेदपुर में सबसे अधिक मांग वाला भोजनालय माना जाता है। यहां 120 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रकार की चाय सर्व की जाती है। – Cafe La Gravitea in Jamshedpur

कैफे ला ग्रेविटिया से मिली शारीरिक रूप से अनफिट लोगों को पहचान

कैफे ला ग्रेविटिया की तारीफ प्रमुख हस्तियों ने भी की है। जमशेदपुर के उपायुक्त (डीसी) सूरज कुमार (Suraj Kumar) ने समाज में समावेश की भावना पैदा करने के लिए कर्मचारियों की और आशीष दुग्गर (Ashish Duggar) की तारीफ की है। सूरज कहते हैं कि व्यापारी वर्ग के बीच हमेशा एक नियम रहा है कि केवल शारीरिक रूप से फिट लोग ही किसी कार्य को कुशलता से कर सकते हैं, लेकिन कैफे ला ग्रेविटिया के मालिक द्वारा की गई पहल ने इसे खारिज कर दिया है। – Cafe La Gravitea in Jamshedpur

ऐसे होते हैं कैफे के काम

सूरज बताते हैं कि वह सांकेतिक भाषा में संवाद करते हैं। सबकुछ लिखित में होता है इसलिए किसी को भी कोई समस्या नहीं हुई है क्योंकि सबकुछ कुशलता से चलता है। – Cafe La Gravitea

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