आग में तपकर ही सोना कुंदन बनता है, ठीक उसी तरह से संघर्ष की आग में तपकर ही इंसान अपने हुनर से अपनी एक अलग पहचान बनाता है। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं बिहार (Bihar) के फुलवारीशरीफ में गोनपुरा गांव के 17 वर्षीय महादलित छात्र प्रेम कुमार (Prem Kumar) जिन्हें अमेरिका के प्रतिष्ठित लाफायेट कॉलेज द्वारा स्नातक करने के लिए छात्रवृत्ति (scholarship) मिली है। लाफायेट कॉलेज (Lafayette College) ने बिहार के छात्र को ग्रेजुएशन करने के लिए 2.5 करोड़ (scholarship worth ₹2.5 Cr) की स्कॉलरशिप दी है।
Son of a daily wage laborer in #Bihar Prem kumar, has got a scholarship of Rs 2.5crore for his graduation in America to do mechanical engineering at @Lafayette
— Manish Raj (@MRajLive) July 8, 2022
Talent is a flame. Genius is a fire. pic.twitter.com/MYisAgHpjI
प्रेम कुमार का पूरा बचपन गरीबीं और अभावों में बिता है लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपने जीवन में हार नहीं मानी। आभाव के बीच भी प्रेम पढ़ाई करते रहे और आज अमेरिका (America) ने भी प्रेम के परिश्रम को देखते हुए आज इतनी बड़ी छात्रवृत्ति प्रदान की है। एक छोटे से गांव से इतने बड़े स्कॉलरशिप मिलने तक का सफर प्रेम कुमार (Prem Kumar scholarship) के लिए इतना आसान नहीं था। आइए जानते हैं कि कैसे उन्होंने अपने परिश्रम से यह छात्रवृति पाई है।
प्रेम के पिता दिहाड़ी मजदूर
बिहार के फुलवारीशरीफ में गोनपुरा गांव के महादलित छात्र प्रेम कुमार का बचपन बहुत ही गरीबी में बीता है। प्रेम के पिता जीतन मांझी दिहाड़ी मजदूर हैं। उनकी माँ का नाम कलावती देवी है। प्रेम के ऊपर से माँ का शाया 10 वर्ष पहले ही उठ गया। माँ के चले जाने के बाद पिता और उनकी बहनों से प्रेम का ख्याल रखा।
Bihar: College of America gave 2.5 crore scholarship to Prem Kumar, son of a laborer from #Patna.
— Abhishek Singh (@abhisheksinghDP) July 9, 2022
Prem said, "After applying in 20 colleges of America and Finally got full scholarship in Lafayette College." #education is the key. pic.twitter.com/4vo3YPqief
पढ़ाई पर नही हुआ कभी असर
इन सभी चीजों के बीच प्रेम के पढ़ाई पर इसका कभी असर नहीं हुआ। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के प्रेम का लोहा आज अमेरिका ने भी माना है। तमाम आभाव के बीच प्रेम बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे हैं। वह बिहार के महादलित मुसहर समुदाय से आते हैं उनके समुदाय से वह पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें इतना बड़ा स्कॉलरशिप (scholarship) दिया जा रहा है।
अच्छा मकान तक नही
प्रेम इतने गरीब है कि उनके रहने के लिए एक अच्छा मकान नही है। प्रेम का घर झोपड़ी का है पर इस झोपड़ी से ही पढ़कर आज प्रेम ने अपने माता-पिता और अपने समाज का नाम रौशन किया है। बस यही कारण है कि आज प्रेम को विदेश से सबसे बड़ा स्कॉलरशिप मिला है।
यह भी पढ़ें:-वह महिला जो “1 रूपया मुहीम” चलाकर गरीब बच्चों की बदल रही हैं जिंदगी: सीमा वर्मा
माता-पिता ने स्कूल नही देखा
प्रेम के माता-पिता ने कभी स्कूल नही देखा है पर वह अपने बच्चे को पढ़ाने में किसी भी प्रकार की कोई कमी नही होने दिए। प्रेम के पिता जीतन मांझी (Jitan Manjhi) दिहाड़ी मजदूरी करके जो कुछ भी कमाते थे अपने बच्चों के भविष्य को सुनहरा बनाने में जरूर खर्च करते थे।
सपने को साकार किया
प्रेम का परिवार भी गरीबी रेखा से नीचे बीपीएल (Bpl Card Holder) श्रेणी में आता है। अपने पिता के सहयोग से ही आज प्रेम इतने बड़े छात्रवृति को पाकर अपने माता-पिता का नाम रौशन करेंगे। प्रेम के पिता आज बहुत खुश हैं उनका सपना आज साकार हो गया है। प्रेम के माता-पिता के साथ आज बिहार राज्य के लोग भी काफी खुश हैं।
IAS अधिकारी ने शेयर किया ट्वीट
पटना के मजदूर के बेटे प्रेम कुमार को अमेरिका के कॉलेज ने 2.5 करोड़ की छात्रवृत्ति दी. pic.twitter.com/ge8nz3tJrQ
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) July 9, 2022
प्रेम को 2.5 करोड़ की छात्रवृति
आपको बता दें लाफायेट कॉलेज अमेरिका के शीर्ष 25 कॉलेजों में शामिल है। इसे अमेरिका के “हिडन आइवी” कॉलेजों की श्रेणी में गिना जाता है। दुनिया भर के 6 छात्र ही ऐसे हैं जिन्हें इस छात्रवृति के लिए चुना जाता है जिसमें से एक बिहार के प्रेम भी हैं जिन्हें लाफायेट कॉलेज से ‘डायर फेलोशिप’ मिलेगी।
चार साल की मैकेनिकल इंजीनियरिंग
प्रेम के छात्रवृत्ति की राशि 2.5 करोड़ है। यह फेलोशिप (Fellowship) वैसे छात्रों को दिया जाता है जिन्हें कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए आंतरिक प्रेरणा एवं प्रतिबद्धता हो। प्रेम कुमार इस स्कॉलरशिप से चार साल की मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इंटरनेशनल रिलेशनशिप (degree in Mechanical Engineering and International Relations) की पढ़ाई करेंगे।
यह भी पढ़ें:-नौकरानी बनकर घर आई और बेटी बनकर विदा हुई, पटना के सुनील ने कन्यादान कर पेश की मिसाल
क्या कहते हैं प्रेम कुमार
प्रेम का कहना है की उनके माता-पिता तो कभी स्कूल नही गए पर वह अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करके जीवन में अच्छा करना चाहते हैं। वह कहते हैं कि डेक्सटेरिटी ग्लोबल (Dexterity Global) और शरद सागर (Sharad Sagar) के कारण उनके जीवन में बदलाव (change) आया है।
The Logically भी प्रेम कुमार के सफलता की कामना करता है और उन्हें बधाई देता है।
अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।