Home Farming

इन आसान उपायों से अपने घरों में बनाइए खाद

हमें जीवित रहने और वृद्धि करने के लिए भोजन की जरूरत है। साथ ही पेड़-पौधों को भी उनकी वृद्धि और जीवित रहने के लिए भोजन की आवश्यकता है। जिस तरह हमें समायानुसार भोजन चहिए उस तरह पौधों को भी समय-समय पर पोषण के लिए खाद की आवश्यकता है, लेकिन क्या आपने सोचा है कि बाज़ारों में मिल रहे खाद से हमारे पेड़-पौधों की उम्र की अवधि कम हो जाती है। साथ ही केमिकल के सेवन से हमें काफी बीमारियों का शिकार होना पड़ता है।

इस लेख द्वारा आपको यह जानकारी मिलेगी कि किस तरह घर पर खाद का निर्माण किया जा सकता है, जो पौधों के लिए बेहतर साबित हो सकता है।

Easy steps of making fertilizer at home
  • कम्पोस्ट उर्वरक

हम अपने कीचन वेस्ट और पौधों की पत्तियों को गलाकर खाद का निर्माण कर सकते हैं। इस खाद को कम्पोस्ट कहा जाता है। कम्पोस्ट के निर्माण के लिए पेड़ की पत्तियों, टहनियों, सब्जियों, फल या पौधों के अवशेष को गड्डे में डाल, गड्डों को ढक देते हैं, तब हमें कम्पोस्ट खाद कुछ दिनों बाद तैयार मिलता है।

  • गोबर का उर्वरक

यह खाद मवेशियों के अपशिष्ट से निर्मित होता है। जैसे- बकरी, घोड़े, भेड़, गाय, भैंस और मुर्गी आदि। गोबर से निर्मित खाद में जीवांश और नाइट्रोजन भी मौजूद रहता है। हमें इस बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए कि ताजे गोबर का उपयोग कभी भी खेतों या पौधों पर ना किया जाए क्योंकि यह पौधों को नष्ट करेगा।

  • लीफ मोल्ड या पत्ती की उर्वरक

हम सभी इस बात से परिचित हैं कि किस तरह वसन्त ऋतु में पेड़ पर नये पत्ते निकलते हैं और पुराने पत्ते झड़ जाते हैं। उन झड़े हुए पत्तों को इकठ्ठा और गलाकर खाद बनता है। उन्हें पत्ती की खाद कहते हैं। इस खाद में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। इनका उपयोग मिट्टी से निर्मित गमलों में होता है।

*हड्डी की उर्वरक

हड्डी की खाद में 20-25 फीसदी फास्फोरस, 4-5 फीसदी नाइट्रोजन होता है। यह उन पौधों के लिए उपयोगी है, जो नाजुक और धीरे-धीरे बढते हैं।

यह भी पढें :- रासायनिक खाद की जगह किसानों ने तलाब में उगने वाले इस घास से बनाया खाद, फायदा डबल तक पहुंचा

  • खली की उर्वरक

खली की खाद के निर्माण के लिए 2 लीटर पानी और 250 ग्राम सरसों के खली की आवश्यकता है। लगभग 5 दिनों तक इंतज़ार के बाद यह उर्वरक तैयार होता है।

  • उर्वरक की आवश्यकता

पौधों की बढ़ोतरी के लिए उर्वरक की बहुत आवश्यकता है। उर्वरक में अन्य प्रकार के गुण होते हैं, जो पौधों के लिए अहम हैं। उर्वरक में नाइट्रोजन, पोटैशियम और फॉस्फोरस होते हैं, जो पौधों को स्वस्थ रखते हैं। सब्जियों का गुद्देदार होना और पौधों के हरे हिस्सों में वृद्धि लाने के लिए नाइट्रोजन (यूरिया) ज़रूरी है। वही फास्फोरस (सुपरफास्फेट) जड़ के विकास, फल के निर्माण और पौधों को बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। भूमिगत फसलों के वृद्धि के लिए पोटैसियम सल्फेट और म्यूरेट ऑफ पोटाश आवश्यक है।

1 COMMENT

Comments are closed.

Exit mobile version