“हार क्षणिक होती है, इसलिए बग़ैर हौसला खोए निरंतर कोशिश करते रहनी चाहिए कि हार जीत में तब्दील हो जाये।” हम अपना पास्ट तो बदल नहीं सकतें लेकिन अपने परिश्रम से भविष्य ज़रूर बदल सकतें हैं।
आज की यह कहानी एक ऐसी महिला की है जो अच्छा-खासा व्यपार कर खुशीपुर्वक जीवन व्यतीत कर रहीं थी लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण डकैती हुई और उन्होंने अपना सब कुछ खो दिया। फिर भी वह हार नहीं मानी और मात्र 100 रुपये से चिप्स का व्यपार शुरू किया। तो आइए जानते हैं इस महिला की कहानी……..
इस महिला का नाम है इलावरासी जयकांत
इलावरासी जयकांत (Elavarasi Jaykanth) तमिलनाडु (Tamilnadu) से ताल्लुक रखतीं हैं। भले ही उनके ज़िंदगी मे बहुत कठिनाइयां आईं लेकिन उन्होंने सबका डट कर सामना किया और विजयी हुईं। पहले उनके आजीविका का एक मात्र स्रोत मिठाई बनाकर बेंचना था। जब उनकी शादी हुई तब इन्होंने मिठाइयों और नमकीन को बनाना सीखा था। फिर पास के दुकानों और घरों में उसे बेचना शुरू की। लोगों को उनके उत्पाद पसन्द आए और उनके उत्पाद की बिक्री होने लगी।
क़र्ज़ लेकर किया व्यपार शुरू
इलावरसी जी ने बताया कि एक उद्यमी बनने के साथ अपने सपनो को पूरा करने के लिए अपनी जिम्मेदारी संभालते हुए उन्होंने कुछ राशि संयोजित की। साथ ही 50 लाख रुपये का ऋण लेने का फैसला किया और 2010 में त्रिशूर में एक सुपरमार्केट खोलने में सक्षम हुईं।
स्टोर में हुई डकैती, फिर भी हार ना मानते हुए मात्र 100 रुपये से की दूसरे कार्य की शुरुआत
अपने सुपरमार्केट में इलावरसी कम-से-कम 50 लोगों को रोजगार दे सकती थी लेकिन दुर्भाग्यवश 2011 में स्टोर में डकैती हुई और व्यवसाय बंद हो गया। उन्होंने अपना सब कुछ खो दिया लेकिन डकैत इनका साहस नहीं चुरा सकें। स्पष्ट रूप से यह एक बड़ा झटका था, लेकिन इलावरसी ने खुद को संभालते हुए सिर्फ 100 रुपये के साथ नया व्यवसाय शुरू किया।
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इलावरसी ने अस्वथी हॉट चिप्स (Aswathi Hot Chips) का पुनर्निर्माण किया जिसमें वर्तमान में त्रिशूर में चार आउटलेट हैं। वहां विभिन्न प्रकार के चिप्स, आचार और केक बिकते हैं। इलावरसी को वर्ष 2019 में “सर्वश्रेष्ठ उद्यमी” का पुरस्कार प्राप्त हुआ। जिस तरह इलावरासी जी ने हिम्मत ना हारते हुए कारोबार स्थापित किया, वह काबिल-ए-तारीफ़ है। The Logically इलावरासी जी के हिम्मत की दाद देता है और उनकी सराहना करता है।