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3 एकड़ में निम्बू तो 7 एकड़ में अमरूद, संयुक्त खेती से कमाल कर रहे हैं चारों भाई, प्रधानमंत्री भी कर चुके हैं तारीफ

जो बंजर पड़ी ज़मीन को हरी भरी ज़मीन में तब्दील करते हैं, जो धूप में तपकर खेतों में सोना उगातें हैं, जिनके कारण हम भोजन कर पातें हैं, वे किसान हैं। इसलिए किसानों को अन्नदाता भी कहा जाता है। किसानों की भलाई के लिए शुरू किए गए पीएम किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बटन दबाकर देश के किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित की। इस मौक़े पर प्रधानमंत्री ने कुछ किसानों से बातचीत की और उनके अनुभव भी जानें। उनमें से हीं एक किसान हैं, हरियाणा के हरिसिंह बिश्नोई।

हरिसिंह बिश्नोई

हरिसिंह हरियाणा के फतेहाबाद के गांव नाढ़ोड़ी के निवासी हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान जब प्रधानमंत्री मोदी ने इन्हें राम-राम कहा तो जवाब में हरिसिंह ने नून प्रणाम बोला। नून प्रणाम बिश्नोई समाज में आदर देने के लिए प्रयोग किया जाता है। हरिसिंह चार भाई हैं और परिवार में कुल मिलाकर 15 सदस्य हैं। ये चारों भाई मिलकर 40 वर्षों से खेती कर रहें हैं।

प्रधानमंत्री जी ने की प्रशंसा

जब यह बात प्रधानमंत्री जी ने सुनी कि ये चार भाई संयुक्त रूप से इतने सालों से खेती कर रहें हैं तो उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि अभी के जमाने में भी अगर संयुक्त परिवार है तो यह वाकई तारीफ़ करने वाली बात है।

Fahehpur brothers farming appraised by prime minister

निम्बू और अमरुद की करतें हैं खेती

जब हमारे प्रधानमंत्री जी ने हरिसिंह से यह प्रश्न पूछा कि आप आखिरकार किस तरह की खेती करते हैं?? तब हरिसिंह ने उत्तर दिया कि पहले वे धान की खेती किया करते थे परंतु अब फसल विविधीकरण को अपनाकर यह बागानी भी कर रहे हैं। इन्होंने 10 एकड़ जमीन में बागानी की है जिनमें से 7 एकड़ जमीन में अमरूद और बाकी 3 एकड़ में नींबू के पौधे लगाए हैं।

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मंडी जाने की नहीं होती आवश्यकता

प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या आप अपने फसल को मंडी में बेचने के लिए दिल्ली ले जाते हैं?? तब इस बात पर हरिसिंह जी ने बताया कि उनकी फसल स्थानीय स्तर पर अधिक मात्रा में बिक जाती हैं जिस कारण दिल्ली मंडी में ले जाने की कोई ज़रूरत हीं नहीं पड़ती। फिर प्रधानमंत्री जी ने पूछा कि क्या आप हमारे किसान सम्मान निधि योजना का फायदा उठा रहे हैं?? तब जवाब में हरिसिंह ने कहा कि हम 2 भाइयों को इस योजना का लाभ मिल रहा है और हम 16 हजार रुपये उठा चुकें हैं। फसल विविधीकरण के कारण इन्हें राज्य सरकार से सहायता मिल रही है।

संयुक्त परिवार के साथ रहकर संयुक्त खेती कर अन्य व्यक्तियों को संयुक्त परिवार की महत्ता दिखाने के लिए The Logically हरिसिंह और उनके भाइयों को सलाम करते हुए उनकी प्रशंसा करता है।

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