आज के इस वर्तमान युग में किसान अधिक उत्पादन के लिए खेतों में केमिकल युक्त फर्टिलाइजर का प्रयोग कर रहे हैं जिसका हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में ऐसे कई किसान हैं जो खेतो में फसल के उत्पादन हेतु जैविक कम्पोस्ट का उर्वरक करते हैं और अन्य लोगो को इससे जोड़ भी रहे हैं। आज के हमारे इस लेख में आप एक ऐसे किसान से रू-ब-रू होंगे जो खेती से करोड़पति बने हुए हैं क्योंकि उनके खेतों में बम्पर उत्पादन होता है।
वह अपने खेतों में उर्वरक के तौर पर जैविक कम्पोस्ट का उपयोग करते हैं जो उनके द्वारा ही बनाया जाता है। उन्होंने अपने खेत मे पॉलीहाउस भी बनाई है। वह किसान हैं जितेंद्र कुमार सैनी (Jitendra Kumar Saini) जो गुजुकी (Gujuki) नामक गाँव से नाता रखते हैं। -Polyhouse and organic farming by Jitendra kumar saini
पहले परंपरागत खेती करते थे
जितेंद्र एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उनके परिवार में 15 सदस्य हैं। उनकी आजीविका का स्रोत खेती ही है। यह बात वर्ष 2010 की है जब उनके यहां आजीविका के लिए लोग ट्रेडिशनल खेती किया करते थे परंतु जब जितेंद्र ने यह देखा कि वह इस ट्रेडिशनल फॉर्मिंग से कुछ अच्छा कलेक्शन नहीं कर पा रहे हैं तब उन्होंने कुछ नया करने का निश्चय किया और पॉलीहाउस का निर्माण किया। -Polyhouse and organic farming by Jitendra kumar saini
10 साल बाद खेती में करोड़ों रुपये कमाए
उनके लिए यह कार्य नया था परंतु वह अपने मेहनत से सफलता हासिल करना जानते थे। आज 10 वर्ष के बाद वह अपने इस पॉलीहाउस से लगभग 3 करोड रुपए का कारोबार स्थापित कर चुके हैं। जितेंद्र तीन भाई हैं और वे तीनों मिलकर खेती करते हैं। वह अपने माता-पिता के साथ गांव में ही रहते हैं। जितेंद्र और उनके दूसरे भाई ने 12वीं तक की शिक्षा हासिल की है और वही सबसे छोटे भाई ने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। जितेंद्र कहते हैं कि जब मैं दिल्ली ICAR गया तब से मेरी ज़िंदगी बदल गई और आज मैं एक सफल व्यक्ति बना हुआ हूं। -Polyhouse and organic farming by Jitendra kumar saini
गोबर गैस से मिला लाभ
उन्होंने अपने पॉलीहाउस के निर्माण के लिए सरकार से सब्सिडी ली है और तब से वह खेती में सफलता हासिल किए जा रहे हैं। वैसे तो वह अपने पौधों की सिंचाई के लिए ड्रिप इरीगेशन तकनीक का उपयोग करते थे। आगे उन्होंने कुछ पैसे इन्वेस्ट किए और गोबर गैस प्लांट लगाया। जिससे उन्हें खेती के साथ घर के किचन में भी मदद मिल रही है। इसकी मदद से उनके खेत में 115 टन उत्पादन भी हुआ है जो पहले 70 टन था। -Polyhouse and organic farming by Jitendra kumar saini
रखा है गाय ताकि स्वयं कर सकें उर्वरक का निर्माण
उन्होंने गिर नस्ल की गायें भी रखी है जिससे उनके अनेकों लाभ है। वह गाय के दूध, गोमूत्र, दही, छाछ गोबर और घी के उपयोग से कम्पोस्ट तथा स्प्रे का निर्माण करते हैं जो खेतो में उगाए गए फसलों के लिए लाभदायक होता है। इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और साथ ही उत्पादन भी बम्पर होता है। उन्हें अपने खेती में कम लागत होती है और लाभ अच्छा खासा मिलता है। -Polyhouse and organic farming by Jitendra kumar saini
कलेक्टर ने किया पॉलीहाउस पर विजिट
गाय द्वारा निर्मित ये पंचगव्य इतना कारीगर है कि ये फसलों से कीड़ो को दूर रखता है और उनकी उम्र भी बढ़ाता है। साथ ही ये अनाज हम मनुष्यों के लिए भी लाभदायक होता है जिस कारण उनके खेती में उगाए गए सब्जियों को लोग खूब खरीदते हैं। जब उनके पॉलीहाउस में यहां के कलक्टर आए तो उन्होंने 1 लाख रुपए की मदद की ताकि ये गोशाला और विकसित किया जा सके। -Polyhouse and organic farming by Jitendra kumar saini
बारिश के पानी को इकठ्ठा कर करते हैं सिंचाई
उन्होंने अपने इस तकनीक और मेहनत द्वारा कुछ ही वर्षो में खेती से करोड़ों का साम्राज्य स्थापित कर लिया। उन्होंने अपने खेत में सोलर सिस्टम लगाया है और जो बारिश का पानी होता है, उसे एकत्रित कर रखते हैं फिर इससे फसलों की सिंचाई भी की जाती है। वैसे तो लोगों का ये मानना है कि पॉलीहाउस द्वारा की गईं खेती में ज़्
ज्यादा दिनों तक उत्पादन नहीं किया जा सकता और जगह बदलनी पड़ती है। परंतु जितेंद्र द्वारा किए गए इस खेती से उन्हें ऐसी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता और वह लंबे समय से इससे जुड़े हुए हैं। –Polyhouse and organic farming by Jitendra kumar saini