किसी की मदद करने या उसके साथ उसके कार्यों या हक के लिए लड़ी हुई लड़ाई में आप भाग लेना चाहे तो किसी भी तरह ले सकतें हैं। इसके उम्र कोई मोहताज नहीं रहता।
आज की कहानी एक ऐसे किसान की है जिनकी उम्र 60 साल हो चुकी है लेकिन उम्र का असर उन पर नहीं दिखता। यह किसान ‘किसान आंदोलन’ में भाग लेने के लिए 1000 किलोमीटर की दूरी साइकिल के द्वारा तय किये हैं।
बिहार (Bihar) के सीवान (Siwan) के रहने वाले एक 60 वर्षीय व्यक्ति नए कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन में भाग लेने के लिए 11 दिनों तक साइकिल चलाकर दिल्ली हरियाणा सीमा (Delhi Hariyana Border) पर गयें।
इस किसान का नाम है, सत्यदेव मांझी (Satyadev Manjhi). विरोध में शामिल होने के लिए मांझी लगभग 1,000 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय किए। ANI से बात करते हुए मांझी ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए और इस नए कानून को रद्द करना चाहिए। मांझी ने कहा, “मैं सरकार से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का आग्रह करता हूं। मैं तब तक यहां रहूंगा जब तक कि आंदोलन खत्म नहीं हो जाता।”
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किसान 23 दिनों से दिल्ली के कई सीमा बिंदुओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को किसानों को 8 पन्नों का एक खुला पत्र लिखा, जिसमें उनसे अपील की गई कि वे कृषि कानूनों के बारे में “विपक्ष द्वारा फैलाए गए झूठ” का शिकार न हों।
तोमर ने कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बारे में लिखित आश्वासन देने के लिए तैयार है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई स्थगित कर दी और सरकार को बातचीत शुरू करने के लिए खेत सुधार कानूनों को रखने पर विचार करने की सलाह दी। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का पूर्ण अधिकार है।
The Logically सत्यदेव जी के हिम्मत की दाद देता है और किसानों के साथ खड़ा होने के लिए सलाम करता है। साथ हीं सरकार से यह उम्मीद रखता है कि जल्द ही किसानों की मांग को स्वीकार किया जाए।