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बुराड़ी ग्राउंड को सेंट्रल जेल में बदलने की थी तैयारी, लेकिन अब किसान यहां उगाते है सब्जियां

किसान आंदोलन (Farmers Protest) का दूसरा महीना भी पूरा हो जाएगा। लेकिन इनके जज्बे और निश्चय को देखते हुए ऐसा तो नहीं लगता की ये इतनी आसानी से पीछे हटने वाले हैं।किसान होने के नाते वो एक जगह खाली भी भी बैठ सकते। पिछले कुछ दिनों से ऐसी तस्वीरें अा रही हैं जिसमें किसान आंदोलन की जगह पर ही खेती करते हुए दिख रहे हैं। यही वजह है कि उन्हें अन्नदाता के नाम से बुलाया जाता है।

बॉर्डर पर रोका गया तो बुराड़ी ग्राउंड की ओर किया रुख

बता दें कि जब किसान दिल्ली की तरफ आ रहे थे तब उन्हें सिंघु, टीकरी सीमाओं (Singhu Tikri border) पर रोक दिया गया था। किसान जंतर-मंतर जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें बुराड़ी ग्राउंड में जाकर प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई थी। उनमें ज्यादातर किसान वहीं सीमाओं (सिंघु और टीकरी) पर रुक गए थे। लेकिन 400 के करीब किसान बुराड़ी ग्राउंड (Burari ground) में आ गए थे। तब से ये किसान यहीं प्रदर्शन कर रहे हैं।

Farmer grow vegetable in Burari ground

ग्राउंड में साधिता बो रहें हैं किसान

बुराड़ी ग्राउंड में किसानों ने प्याज, मक्का समेत कई सब्जियां बो दी हैं। इतना ही नहीं वहां एक वॉलीबॉल कोर्ट (Volleyball court) भी बनाया गया है। शाम का समय किसान इसे खेलकर ही बिता लेते हैं। उनका कहना है कि मांगे पूरी न हो जाने टीके आंदोलन से वो पीछे नहीं हटने वाले।

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ग्राउंड पर बनने वाला था सेंट्रल जेल

एक समय था कि बुराड़ी ग्राउंड को सेंट्रल जेल में तब्दील करने की कवायद चल रही थी। लेकिन किसानों ने इसे अपने माध्यम से उपयोगी बना दिया।

किसान संगठनों और सरकार के बीच 8 राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अब 8 जनवरी को फिर से मीटिंग होने वाली है जिस पर सभी की नजरें हैं। मुख्य बात MSP पर कानून और कृषि कानूनों पर अटकी है।

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