वैसे तो लोग अपने घर को सजाने के लिए फूल-पत्तियां एवं अन्य प्रकार के डेकोरेशन की सामग्रियों का उपयोग करते हैं। लेकिन कुछ लोग घर की सजावट में रंगीन मछलियों का उपयोग करते हैं ताकि रंगीन मछलियों को पानी में देखते हुए मन प्रसन्न रहे। जिस कारण लोगों के बीच मत्स्य पालन अधिक बढ़ रहा है और लोग रंगीन मछलियों का व्यवसाय कर लाभ अर्जित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री भी इसमें मदद के लिए आगे हैं और अब प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना द्वारा रंगीन मत्स्य पालन को बढ़ावा मिल रहा है।
आज हम आपको इस लेख द्वारा एक ऐसे शख्स से रूबरू कराएंगे जिन्होंने कभी अपने शौक के लिए सजावटी मत्स्य पालन प्रारम्भ किया था परन्तु आज वह इसका व्यवसाय कर रहे हैं और अन्य लोगों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।
मत्स्य पालन हेतु नौकरी छोड़कर गांव का रूख किया
वह शख्स राजेश रंजन महापात्र (Rajesh Ranjan Mahapatra) हैं। जिनकी उम्र 42 वर्ष है। वह ओडिशा (Odisa) के कटक जिले में स्थित आनन्दपुर (Ananadpur) गांव से ताल्लुक रखते हैं। वह फिश फार्मिंग के बारे में यह जानकारी देते हैं कि पहले मैं एक्वेरियम में मछलियों को पालता था। मैंने कई वर्षों तक प्राइवेट कंपनी में जॉब भी किया परंतु मुझे जब यह एहसास हुआ कि मछलियों को व्यवसाय के तौर पर प्रारंभ करना चाहिए तब मैंने यह व्यापार प्रारंभ किया। अब मैं वर्ष 2007 में जॉब छोड़ कर गांव आया ताकि यहां मत्स्य पालन करूं। -Fisheries By Rajesh Ranjan Mahapatra from Odisa and earn 6 lac rupees
5 एकड़ जमीन खरीद किया फार्म का निर्माण
वह बताते हैं कि जब मैंने मत्स्य पालन प्रारंभ किया तो उस वक़्त यहां इसका प्रचलन बहुत कम था। इस कार्य में उनकी मदद सीआईएफए (CIFA) के डायरेक्टर सरोज सर ने किया जो वहां बतौर साइंटिस्ट कार्यरत थे। उन्होंने कई वर्षों तक अपने गांव में ही इस कार्य को किया। वर्ष 2017 से 18 में उन्हें यह महसूस हुआ कि मैं अपने इस काम को बड़े लेवल पर बढ़ा सकता हूं। अब उन्होंने अपने घर से लगभग 40 किलोमीटर दूर 5 एकड़ जमीन खरीदी एवं वहां उन्होंने इसे फैलाने का मन बनाया। -Fisheries By Rajesh Ranjan Mahapatra from Odisa and earn 6 lac rupees
करना पड़ा दिक्कतों का सामना
वहां उन्होंने जमकर मेहनत की और कुछ ही महीनों में उनका फॉर्म तैयार हो गया। अब उनके पास बहुत से लोग जानकारी लेने के लिए आते हैं। इस लॉकडाउन के दौरान बहुत से लड़कों ने इसे देखकर स्वयं का कार्य प्रारंभ किया है। वह बताते हैं कि शुरुआती दौर में मुझे बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था क्योंकि ज्यादातर रंगीन मछलियां कोलकाता में तैयार की जाती है और वहीं से वह पूरे देश में सप्लाई की जाती हैं। शुरुआती दौर में उन्हें इतनी परेशानियां हुई थी कि यहां के दुकानदर उनसे मछलियां खरीदना नहीं चाहते थे और दुकानदारों की यह चाहत थी कि मैं बाहर से ही मछली को मंगाकर उन्हें बेचूं। -Fisheries By Rajesh Ranjan Mahapatra from Odisa and earn 6 lac rupees
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पूरे ध्वज में बिकता है अब उनका मछली
दुकानदारों को यह लगता था कि अच्छी मछलियां सिर्फ कोलकाता में ही मिलती है उस दौरान मैंने यह निश्चय किया कि मैं थोक दुकानदारों के अतिरिक्त अगर छोटे-छोटे दुकानदारों के साथ पहचान बढ़ाऊं तो मेरा व्यापार चल सकता है। आज वह इन्हीं के सहारे पूरे ओडिशा में अपनी सफलता का ध्वज फहरा चुके हैं। आज उनकी मछलियां पूरे उड़ीसा में सप्लाई होती है। कई लोग तो डायरेक्ट उनके फार्म से ही मछलियों को खरीद कर अपने घर ले जाते हैं। -Fisheries By Rajesh Ranjan Mahapatra from Odisa and earn 6 lac rupees
कमा रहे हैं 6 लाख रुपए
हमारे देश में रंगीन मछलियों का मार्केट कुछ वर्षों में काफी तेजी से बढ़ रहा है। आज उनकी मदद से उनके क्षेत्र में 15 किसान इस मत्स्य पालन के व्यवसाय को प्रारंभ किए हैं। राजेश यह बताते हैं कि वह अपनी मत्स्य पालन फार्म से प्रत्येक वर्ष 600000 कमा लेते हैं। केंद्रीय मीठा जल जीवपालन अनुसंधान संस्थान ने राकेश के फार्म पर ऑर्नामेंटल एक्वाकल्चर फील्ड स्कूल का शुभारंभ किया है। डॉ सरोज कुमार साईं जो कि केंद्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान के डायरेक्टर हैं उन्होंने यह जानकारी दिया कि राजेश सीआईएफए (CIFA) के साथ कई वर्षों से जुड़े हैं वह थोड़ा बहुत बिल्डिंग के साथ नौकरी भी कर रहे थे। तब उन्होंने राजेश को यह समझाया कि हम आपकी मदद करेंगे और आप यह व्यवसाय शुरू करिए। डॉ. सरोज कुमार साईं ने राजेश महापात्रा को सम्मानित भी किया है। -Fisheries By Rajesh Ranjan Mahapatra from Odisa and earn 6 lac rupees
एक्वाकल्चर स्कूल की शुरुआत
डॉक्टर सरोज ये बताते हैं कि उन्होंने यहां एक्वाकल्चर स्कूल इसीलिए प्रारंभ किया था कि यहां अन्य लोग भी प्रशिक्षण ले सकें। उनका मानना है कि हम प्रत्येक किसान तक पहुंच कर उन्हें यह सीखा तो नहीं सकते परंतु हम ट्रेनर अवश्य तैयार कर सकते हैं जो दूसरे किसानों को ट्रेनिंग दे। इसलिए हमने यह तय किया कि जहां राकेश फॉर्म चला रहे हैं वही हम एक्वाकल्चर स्कूल का श्रीगणेश करें। हालांकि उनका यह मकसद कामयाब भी हुआ और आज ओडिशा के किसान खेती के साथ-साथ इस मत्स्य पालन को अपनाकर अधिक से अधिक मात्रा में लाभ अर्जित कर अन्य किसानों को भी इससे जोड़ रहे हैं। अब यहां जो आदिवासी महिलाएं हैं उन्हें भी ट्रेनिंग दिया जाएगा। -Fisheries By Rajesh Ranjan Mahapatra from Odisa and earn 6 lac rupees
आदिवासी महिलाओं को भी मिलेगा ट्रेनिंग
जानकारी के अनुसार अब बहुत जल्द ही यहां आदिवासी महिलाओं को मत्स्य पालन का ट्रेनिंग दिया जाएगा। उन्हें मत्स्य पालन में सरकार से भी सहायता मिलेगी। डॉ. सरोज ये बताते हैं कि हम महिलाओं को टैंक और तकनीकी देंगे और यह महिलाएं अन्य महिलाओं का प्रोडक्शन कर राजेश को सेल करने के लिए मछलियां देंगे। क्योंकि राजेश इस क्षेत्र में पहले से जुड़े हुए हैं इसीलिए वे महिलाओं की सहायता कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त जो भी प्रशिक्षण लेना चाहे वह स्कूल में आकर संपर्क कर सकते हैं। पश्चिम बंगाल के जलपाई गुड़ी में भी आर्नामेंटल एक्वाकल्चर फील्ड स्कूल प्रारंभ किया गया है यहां भी किसानों का प्रशिक्षण प्रारंभ है। -Fisheries By Rajesh Ranjan Mahapatra from Odisa and earn 6 lac rupees
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प्रधानमंत्री मत्स्य योजना का उठा सकते हैं लाभ
अगर कोई ऑर्नामेंटल मछलियों का व्यापार प्रारंभ करना चाहता है तो वह प्रधानमंत्री मत्स्य योजना की सहायता से इस व्यपार को प्रारंभ कर सकता है। इस योजना में आपको कई छोटे बड़े प्रोजेक्ट मिलेंगे। पहले प्रोजेक्ट के तौर पर आपको बैकयार्ड सजावटी मछली पालन इकाई मिलेगी जिसमें आपको लगभग 300000 की खर्च आएगी। इस योजना द्वारा सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 1लाख 20 हज़ार रुपए एवं एसटी एससी वर्ग के लोगों को 180000 सब्सिडी के तौर पर मिलेगी। वहीं दूसरा मध्य स्तर सजावटी मछली पालन यूनिट है जिसमें आपको लगभग 800000 की लागत होगी। इस योजना के तहत सामान्य वर्ग के महिलाओं को 320000 एवं वही एसटी एससी वर्ग को 480000 की सब्सिडी मिलेगी। -Fisheries By Rajesh Ranjan Mahapatra from Odisa and earn 6 lac rupees
मिलेगी सब्सिडी
एकीकृत सजावटी मछली की गई जिसमें आपको लगभग 2500000 रुपए की खर्च होगी वही इस योजना द्वारा सामान्य वर्ग के लोगों को लगभग 10 लाख एवं एसटी एससी वर्ग के लोगों को 15 लाख रुपए सब्सिडी के तौर पर मिलेगी। अगर आप सजावटी मछली ब्रूड बैंक का व्यवसाय प्रारंभ करते हैं तो इसमें आपको लगभग 100 लाख की लागत आएगी, वहीं आपको इस योजना के तहत 40 लाख रुपए एवं एसटी और एससी वर्ग के लोगों को 7 लाख सब्सिडी के तौर पर मिलेगी। अगर आप मनोरंजन मात्यसिक को बढ़ावा देना चाहते हैं तो इसमें आपको 50 लाख रुपए की लागत आएगी, जिसमें सामान्य वर्ग के लोगों को 20 लाख रुपए एवं एसटी एससी वर्ग के लोगों को 30 लाख रूपए की सब्सिडी मिलेगी। -Fisheries By Rajesh Ranjan Mahapatra from Odisa and earn 6 lac rupees
अब अगर आप भी मत्स्य पालन प्रारम्भ करना चाहते हैं तो सरकार से मिल रही सब्सिडी के मदद से आप से आसानी से प्रारम्भ कर सकते है। अब अगर हमारे पाठकों का ये शौक है और वे पैसे की कमी के कारण ये प्रारम्भ नहीं कर रहें हैं तो वह सब्सिडी के तौर पर सरकार से राशि लेकर अपने मत्स्य पालन के शौक को पूरा कर सकते हैं।