Sunday, December 10, 2023

गुणकारी पेड़: इस पेड़ की पत्ति, तने, फूल सभी से बनाई जाती है दवाईयां, जान लीजिए इसके फायदे को

परंपरागत खेती से होने वाले नुकसान को लेकर खेती का दायरा दिन-प्रतिदिन कम हो रहा है तो कहीं किसान लीक से हटकर खेती कर सफलता हासिल करने में कामयाब भी रहे हैं। ऐसे में आज हम आपको यह जानकारी देंगे आप भी लीक से हटकर ऐसे पौधे की बुआई करें जिसके फूल, पौधों तथा तना हर चीज से आपको कमाई हो सके। जी हां अगर अपनी जानने के लिए इच्छुक हैं तो हमारे लेख पर बने रहें।

बढ़ रहा गुलखैरा की खेती

हमारे देश के किसान अब औषधीय फसलों की खेती में अधिक रुचि दिखा रहे हैं। हमारे देश में बड़ी संख्या में गुलखैरा की खेती की जा रही है। यह एक ऐसा पौधा है जिसके फूल पौधे-पत्ती, तना तथा बीज का मार्केट में काफी डिमांड है। जिस कारण किसान इससे अच्छी से अच्छी कमाई कर रहे हैं और अन्य किसान इसे देखकर इसे अपनाने की तरफ अग्रसर हो रहे हैं।

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रंग के कारण है प्रसिद्ध

यह एक ऐसा पौधा है जो देखने में काफी खूबसूरत है। उसकी खूबसूरती हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर लेगी और एक बार देखते पर मजबूर कर देगी। इसके पौधे पर ही फूल खिलते हैं। आपको एक पौधे पर लगभग दर्जनों फूल मिलेंगे। ये अपने चटक रंग के लिए काफी प्रसिद्ध है फूल के कारण यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

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बनता है औषधीय है लाखों की कमाई

गुलखैरा के फूल पते का उपयोग मर्दाना ताकत को बढ़ावा देने के लिए बनाने वाले दवाइयों में होता है। इसके अतिरिक्त इसके फूल से बनी दवाइयों में इसका उपयोग है न। बुखार, खांसी तथा कई रोगों में यह काम आता है। मार्केट में इसकी फूल का काफी डिमांड है और इसकी कीमत 10000 रुपए क्विंटल है। अगर आप 1 एकड़ में इसकी बुआई करते हैं तो 15 क्विंटल फूल प्राप्त कर सकते हैं जिससे आप डेढ़ लाख रुपए कमा सकते हैं। यह तो सिर्फ फूलों की कमाई है इसके तने पत्ति तथा पौधों एवं बीज से आप अलग कमाई कर सकते हैं।

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विदेशों में इसकी खेती

गुलखैरा से यूनानी दवाइयों का भी निर्माण किया जाता है। इसकी खेती अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान में भी बड़े पैमाने पर होती है। हालांकि भारत में भी अब इसकी खेती प्रारंभ की जा चुकी है जो उत्तर प्रदेश के हरदोई तथा कन्नौज इलाके में हो रही है। इस औषधीय पौधे की खेती को आज हमारे देश में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।