दुनिया में कई तरह के फूल पाए जाते है, उनमें से एक है सुंदर सुगंधित फूलों वाला पारिजात हरसिंगार, जिसे रात की रानी के नाम से भी जाना जाता है। यह पौधा ज्यादातर झाड़ी या छोटे पेड़ के रूप में उगाया जाता है। लोगों को इसकी खुशबू बहुत ज्यादा पसंद होती है। पारिजात का इस्तेमाल खासतौर पर पारंपरिक दवाओं में किया जाता है, जो विभिन्न उपचारों में मदद करती है। – By these tips easily planted the Parijat plant at your home.
आसानी से लगाया जा सकता है घर में
पारिजात का पौधा घर में आसानी से लगाया जा सकता है। अगर आप भी यह पौधा घर में लगाना चाहते हैं, तो आज हम आपको कुछ टिप्स देंगे, जिसके जरिए आप आसानी से पौधा लगा सकते है तथा इसके स्वास्थ्य लाभों को भी प्राप्त कर सकते है। लोगों का कहना है कि पारिजात एक बाहरी पौधा है, जिसे बहुत अधिक जगह की जरूरत होती है, परंतु यह सच नहीं है। इसे कुछ खास टिप्स और नियम से घर में भी उगाया जा सकता है, जैसे-
• इसके लिए मिट्टी के बर्तन में 16 इंच का डायमीटर होना चाहिए, जिसमें तल पर तीन जल निकासी छेद हों क्योंकि यह बर्तन से अतिरिक्त पानी से छुटकारा पाने के लिए महत्वपूर्ण है।
• स्प्रिंग सीजन में बीज या कटे हुए तने के साथ इसे रोपें।
• सर्दी के मौसम में पारिजात लगाने से बचें और बीजों को अंकुरित होने से बचाएं।
• 50% सामान्य गॉर्डन की मिट्टी और 50% किसी भी आर्गेनिक खाद को मिलाकर पोटिंग मिक्स तैयार करे और उसे ट्रे में भर दें।
• एक सेक्शन में एक ही बीज होना चाहिए और 2 सेमी गहराई बनाए रखे।
• पौधे में नमी को बनाए रखें, लेकिन उसके लिए अधिक पानी न डालें।
• हर रोज पौधे को लगभग 6 घंटे तक सूर्य की रोशनी में रखे।
• ध्यान रखे कि तापमान बहुत अधिक ना हो, यह केवल आंशिक छाया में रहे।
• पानी डालते हुए इस बात का ख्याल रखें कि पानी जमा न हो क्योंकि इससे पौधे को नुकसान पहुंचता है। जल निकासी की समुचित व्यवस्था पहले से होनी चाहिए।
• जब मिट्टी की ऊपरी परत सूखने लगे, तब इसमें सुबह और शाम दोनो बार पानी डाले।
• ठंड के मौसम में इसमें नियमित रूप से पानी ना दे।
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पारिजात पौधे से होने वाले लाभ
- पीलीभीत के सलोनी हॉस्पिटल के डॉक्टर वी. के.श्रीवास्तव (एम डी ,आयुर्वेद, पी.एच. डी.) का कहना है कि पौधे में चिकनगुनिया और डेंगू को ठीक करने की शक्ति होती है।
- इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो बदलते मौसम के दौरान खांसी और जुकाम पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करता है।
- इसके पत्तियों का टॉनिक बनाया जाता है, जो जोड़ों के दर्द और पेट से जुड़ी समस्याओं को ठिक करता है।
- इसके पत्ते के सेवन से इम्यूनिटी अच्छी रहती है।
- हरसिंगार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण किसी भी तरह के त्वचा के घाव को भरने में कारगर है साथ ही यह खुजली और रैशेज से भी छुटकारा दिलाता हैं।
- पारिजात के 25 पत्ते और फूल 1 गिलास पानी के साथ पीस लें और इसे आधा उबाल कर 3 भाग कर लें। प्रत्येक भाग का सेवन सुबह, दोपहर और शाम को करना चाहिए और ऐसा लगातार 2 महीने तक करना चाहिए। आमतौर पर एलर्जी के लिए आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।
पारिजात पौधे की कहानी
आधुनिक समय से ही इस पौधे को लेकर कई बातें कहीं जाती है, जैसे कि भगवान इंदिरा इस पौधे को अपने बगीचे में उगाती थीं और अप्सरा उर्वशी तनाव से राहत के लिए इस पेड़ की छाया के नीचे बैठती थीं। इसके अलावा भगवान कृष्ण को यह पौधा भगवान इंदिरा ने नरकासुर को हराने और मारने के लिए उपहार में दिया था। उस समय भगवान कृष्ण ने इसे अपनी पत्नी रुक्मिणी को दे दिए थे।
पारिजात पौधे को घर में लगाएं और इसकी सुखद सुगंध का आनंद ले। हालांकि इसके इस्तेमाल से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। – By these tips easily planted the Parijat plant at your home.